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नक्सल प्रभावित इलाकों में बिछेगा ग्रामीण सड़कों का जाल, लंबित योजनाओं को पूरा करने का टारगेट सेट - Plan to build road in Naxal affected areas

झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों का जाल बिछेगा. लंबित योजनाओं को पूरा करने का टारगेट सेट कर लिया गया है. फेज-1 और 2 के लंबित कार्य मार्च 2022 पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

Road will be built in Naxal affected areas
नक्सल प्रभावित इलाकों में बनेगी सड़क
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Published : Jul 13, 2021, 10:53 PM IST

रांची: झारखंड के 24 में से 19 जिला नक्सल प्रभावित माने जाते हैं. ऐसे इलाकों में सड़कों का जाल नहीं होने से ना सिर्फ विकास कार्य प्रभावित होता है बल्कि सुरक्षा बलों को भी ऑपरेशन चलाने में दिक्कत होती है. लेकिन आश्चर्य की बात है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले से स्वीकृत ग्रामीण सड़कों का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. अन्य सामान्य इलाकों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्य भी लंबित हैं. अब इसको गति देने की कवायद शुरू कर दी गई है. केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. आशीष कुमार गोयल ने PMGSY और RCPLWEA (रोड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट फॉर लेफ्ट विंग एक्सट्रेमिज्म अफेक्टेड एरियाज) योजनाओं की समीक्षा की.

यह भी पढ़ें: रेलवे में सफर के दौरान कोई दिक्कत होने पर यहां करें संपर्क, हर समस्या का होगा समाधान

फेज-1 और 2 के लंबित कार्य मार्च 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य

बैठक के दौरान यह तय किया गया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के फेज-1 और 2 के लंबित कार्यों को मार्च 2022 तक पूरा करना है. जबकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र से जुड़ी RCPLWEA के लंबित कार्यों को मार्च 2023 तक पूरा करना है. संयुक्त सचिव ने फेज-3 का प्रस्ताव सुधार कर जल्द से जल्द भेजने को कहा ताकि 1027 किलोमीटर ग्रामीण सड़क के निर्माण को स्वीकृति मिल सके. इसके अलावा शेष 3000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव भी जल्द भेजने को कहा है.

Road will be built in Naxal affected areas
केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. आशीष कुमार गोयल ने योजनाओं की समीक्षा की.

समीक्षा बैठक के दौरान झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन ने RCPLWEA के तहत अतिरिक्त 1000 किलोमीटर सड़क निर्माण को स्वीकृति देने का अनुरोध किया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी लंबित काम को समय पर पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने केंद्र के पदाधिकारी को बताया कि वन भूमि से संबंधित समस्याओं का समाधान एक माह के भीतर कर लिया जाएगा.

समीक्षा बैठक के दौरान राशि का ई-मार्ग के जरिए व्यय करने पर जोर दिया गया. कम खर्च कर आकर्षक डीपीआर बनाने, सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और दोषी संवेदकों और पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई. बैठक में रवि रंजन, विशेष सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, राम कुमार सिन्हा, अपर सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग के अलावा जेएसआरडीए के मुख्य अभियंता समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.

रांची: झारखंड के 24 में से 19 जिला नक्सल प्रभावित माने जाते हैं. ऐसे इलाकों में सड़कों का जाल नहीं होने से ना सिर्फ विकास कार्य प्रभावित होता है बल्कि सुरक्षा बलों को भी ऑपरेशन चलाने में दिक्कत होती है. लेकिन आश्चर्य की बात है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले से स्वीकृत ग्रामीण सड़कों का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. अन्य सामान्य इलाकों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्य भी लंबित हैं. अब इसको गति देने की कवायद शुरू कर दी गई है. केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. आशीष कुमार गोयल ने PMGSY और RCPLWEA (रोड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट फॉर लेफ्ट विंग एक्सट्रेमिज्म अफेक्टेड एरियाज) योजनाओं की समीक्षा की.

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फेज-1 और 2 के लंबित कार्य मार्च 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य

बैठक के दौरान यह तय किया गया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के फेज-1 और 2 के लंबित कार्यों को मार्च 2022 तक पूरा करना है. जबकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र से जुड़ी RCPLWEA के लंबित कार्यों को मार्च 2023 तक पूरा करना है. संयुक्त सचिव ने फेज-3 का प्रस्ताव सुधार कर जल्द से जल्द भेजने को कहा ताकि 1027 किलोमीटर ग्रामीण सड़क के निर्माण को स्वीकृति मिल सके. इसके अलावा शेष 3000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव भी जल्द भेजने को कहा है.

Road will be built in Naxal affected areas
केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. आशीष कुमार गोयल ने योजनाओं की समीक्षा की.

समीक्षा बैठक के दौरान झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन ने RCPLWEA के तहत अतिरिक्त 1000 किलोमीटर सड़क निर्माण को स्वीकृति देने का अनुरोध किया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी लंबित काम को समय पर पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने केंद्र के पदाधिकारी को बताया कि वन भूमि से संबंधित समस्याओं का समाधान एक माह के भीतर कर लिया जाएगा.

समीक्षा बैठक के दौरान राशि का ई-मार्ग के जरिए व्यय करने पर जोर दिया गया. कम खर्च कर आकर्षक डीपीआर बनाने, सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और दोषी संवेदकों और पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई. बैठक में रवि रंजन, विशेष सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, राम कुमार सिन्हा, अपर सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग के अलावा जेएसआरडीए के मुख्य अभियंता समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.

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