रांचीः अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत रखने में नर्सिंग स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. लेकिन झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्म नर्सों की कमी झेल रहा है. इससे प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भर्ती मरीज परेशान होते हैं.
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रिम्स में लगभग ढाई हजार बेड हैं. इन बेडों पर भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए सिर्फ 400 नर्स ही कार्यरत हैं. बता दें कि रिम्स में प्रतिदिन ओपीडी में तीन हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. इसमें सड़कों की संख्या में मरीजों को विभिन्न वार्डों के साथ साथ आईसीयू में भर्ती किया जाता है.
मरीजों की देखभाल में परेशानी
सामान्यतः आईसीयू वार्ड में दो बेड पर एक नर्स की आवश्यकता होती है. इसकी वजह है कि आईसीयू में अति गंभीर मरीजों का इलाज होता है. वहीं जेनेरल वार्ड में 6 से 7 मरीजों पर एक नर्स की आवश्यकता होती है. लेकिन रिम्स अस्प्ताल के जेनेरल वार्ज में 15 मरीजों पर एक नर्स है. इससे नर्सों के साथ साथ भर्ती मरीजों को काफी परेशानी होती है.
एक हजार नर्स की जरूरत
रिम्स की नर्सिंग स्टाफ आईवीवाई रानी बताती हैं कि एम्स अस्पताल में नर्सों की बहुत आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि एक हजार नर्स की जरूरत है, जिसमें सिर्फ 350 से 400 नर्स ही कार्यरत हैं. रिम्स में आने वाले मरीज के परिजन कहते हैं कि नर्सों की कमी की वजह से मरीजों को समय पर दवा नहीं मिल पाता है. अमूमन लंबे इंतजार के बाद नर्स मरीज के पास पहुंचती है. उन्होंने कहा कि रिम्स प्रशासन को चाहिए कि शीघ्र नर्सों की कमी को दूर करें.
शीघ्र दूर होगी नर्सों की कमी
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा ने बताया कि मैन पावर की कमी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 800 नर्सों की नियुक्ति का आश्वासन मिला है. इसके बाद अस्पताल में नर्सों की कमी दूर हो जाएगी.