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झारखंड की महागठबंधन सरकार में मतभेद!, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, मंत्री समेत 30 नेता दिल्ली तलब - मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

झारखंड की महागठबंधन सरकार में मतभेद की खबरें दिल्ली तक पहुंच गईं हैं. इससे सतर्क हुए कांग्रेस आलाकमान ने झारखंड के 30 नेताओं को दिल्ली तलब कर लिया है.

Jharkhand mahagathbandhan government
झारखंड की महागठबंधन सरकार में मतभेद!
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Published : Apr 4, 2022, 3:57 PM IST

Updated : Apr 4, 2022, 11:09 PM IST

रांची/नई दिल्लीः झारखंड में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार में सियासी घमासान जारी है. सरकार में गतिरोध की खबरें दिल्ली तक पहुंच गईं हैं. इसको लेकर सतर्क हुए कांग्रेस आलाकमान ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, सरकार के चारों मंत्रियों समेत 30 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को हाईकमान ने 5 अप्रैल को दिल्ली तलब कर लिया है.

ये भी पढ़ें-ETV BHARAT EXCLUSIVE: हेमंत सोरेन के खिलाफ लोबिन हुए बागी, कहा- गुरुजी का है आशीर्वाद, बोले हैं टाइट होकर खड़े रहो

बता दें कि झारखंड में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार के मुख्य घटक दलों जेएमएम और कांग्रेस के बीच गतिरोध आ गया है. कांग्रेस के सवालों और प्रस्तावों पर जेएमएम लीडर और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जवाब तक नहीं दे रहे हैं. इससे झारखंड कांग्रेस के नेता असहज हैं. कांग्रेस की ओर से भेजे गए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अब तक जवाब नहीं दिया गया है. 29 दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए प्रस्ताव पर किसी जवाब का आज भी कांग्रेस नेता इंतजार कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

कांग्रेस का मुख्यमंत्री पर तंजः इधर झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय की तरफ से जेएमएएम सुप्रीमो शिबू सोरेन को भेजे गए प्रस्ताव का भी कोई जवाब नहीं आया है. इसको लेकर कांग्रेस में नाराजगी है. झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने तंज भी कसा है, उन्होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री ज्यादा आवश्यक कार्य में व्यस्त हैं, इसलिए अति-आवश्यक काम छूट गया. इधर खींचतान के बीच कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है.झारखंड प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी ने कांग्रेस संगठन कील-कांटे दुरुस्त करने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार झारखंड में दौरे और संवाद यात्रा करने की योजना बनाई है.

इस बीच जेएमएम विधायकों के पाला बदलने की अटकलों के बीच कांग्रेस ने भी तेवर तल्ख करने शुरू कर दिए हैं. इस बीच झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने सहयोगी दल जेएमएम से नाराजगी का इजहार भी कर दिया है. उन्होंने कहा कि जेएमएम किसी गलतफहमी में न रहे, हम गठबंधन सरकार की बेहतरी के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसीलिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति का प्रस्ताव भेजा है और इसीलिए पहल की है. इसलिए इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गंभीरता से लें.

रांची में कयासों का बाजार गर्म: कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अभी हाल ही में दो दिवसीय दौरे पर झारखंड आए थे. महंगाई मुक्त भारत के लिए राजभवन के समक्ष धरना, कांग्रेस विधायक दल की बैठक और युवा कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए थे. फिर 07 अप्रैल को भी अविनाश पांडे का रांची दौरा प्रस्तावित है. ऐसे में 05 अप्रैल को सभी मंत्रियों और झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष,कार्यकारी अध्यक्षो को दिल्ली तलब किए जाने से रांची में अटकलों का बाजार गर्म है, तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इधर बैठक के लिए संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम,वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख पांच अप्रैल सुबह विमान से दिल्ली पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ें-पाकुड़ में जेएमएम जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के साथ की बैठक, लोबिन हेम्ब्रम के कार्यक्रम में नहीं शामिल होंगे झामुमो नेता

अंतर्कलह से जूझ रही जेएमएमः झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक नहीं हैं. एक तरफ सरकार में सीनियर पार्टनर जेएमएम अंतर्कलह से जूझ रही है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो कांग्रेस भी सरकार में सीनियर पार्टनर के व्यवहार से खुश नहीं है. इस बीच कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि भाजपा और आरएसएस जिन राज्यों में भी गैर बीजेपी गठबंधन की सरकार है, उसे अस्थिर करने में जुटे हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि प्रदेश की गठबंधन सरकार में भी तालमेल बेहतर रहे और तीनों पार्टी मजबूती से साथ रहें. इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति गठित करने का प्रस्ताव भेजा था. हालांकि इसका जवाब नहीं मिला.


राज्यसभा सीट पर दावाः बताया जाता है कि झारखंड की साझी सरकार में कांग्रेस के विधायक और मंत्री भी बड़े भाई जेएमएम से असन्तुष्ट हैं और इस बाबत वह अपना फीडबैक भी पार्टी नेतृत्व को देते रहते हैं. इस बीच झारखंड में रिक्त हो रही राज्यसभा सीट के लिए भी कांग्रेस ने अपना दावा ठोंक दिया है. कांग्रेस पार्टी चाहती है कि राज्यसभा सांसद उसके पार्टी से बनाए जाएं जबकि जेएमएम का रूख अब तक स्पष्ट नहीं है. इधर झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस के 30 वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया है.

नए सिरे से तय होगी जिम्मेदारीः दिल्ली में मंगलवार को इन नेताओं के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित होगी, जिसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल भी नेताओं को संबोधित करेंगे. इसमें पार्टी प्रभारी के तरफ से अगले एक माह के लिए कार्यक्रम दिया जाएगा, जिसके बाद संगठन में उनकी जिम्मेदारी नए सिरे से तय की जा सकती है. इधर, प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक सभी पांच स्तर पर संगठन में नई जान फूंकने के लिए प्रभारी अविनाश पांडेय ने एक विस्तृत योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. वे खुद 12 अप्रैल से झारखंड में संवाद यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, जिसके तहत वह पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे.

रांची/नई दिल्लीः झारखंड में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार में सियासी घमासान जारी है. सरकार में गतिरोध की खबरें दिल्ली तक पहुंच गईं हैं. इसको लेकर सतर्क हुए कांग्रेस आलाकमान ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, सरकार के चारों मंत्रियों समेत 30 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को हाईकमान ने 5 अप्रैल को दिल्ली तलब कर लिया है.

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बता दें कि झारखंड में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार के मुख्य घटक दलों जेएमएम और कांग्रेस के बीच गतिरोध आ गया है. कांग्रेस के सवालों और प्रस्तावों पर जेएमएम लीडर और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जवाब तक नहीं दे रहे हैं. इससे झारखंड कांग्रेस के नेता असहज हैं. कांग्रेस की ओर से भेजे गए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अब तक जवाब नहीं दिया गया है. 29 दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए प्रस्ताव पर किसी जवाब का आज भी कांग्रेस नेता इंतजार कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

कांग्रेस का मुख्यमंत्री पर तंजः इधर झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय की तरफ से जेएमएएम सुप्रीमो शिबू सोरेन को भेजे गए प्रस्ताव का भी कोई जवाब नहीं आया है. इसको लेकर कांग्रेस में नाराजगी है. झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने तंज भी कसा है, उन्होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री ज्यादा आवश्यक कार्य में व्यस्त हैं, इसलिए अति-आवश्यक काम छूट गया. इधर खींचतान के बीच कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है.झारखंड प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी ने कांग्रेस संगठन कील-कांटे दुरुस्त करने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार झारखंड में दौरे और संवाद यात्रा करने की योजना बनाई है.

इस बीच जेएमएम विधायकों के पाला बदलने की अटकलों के बीच कांग्रेस ने भी तेवर तल्ख करने शुरू कर दिए हैं. इस बीच झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने सहयोगी दल जेएमएम से नाराजगी का इजहार भी कर दिया है. उन्होंने कहा कि जेएमएम किसी गलतफहमी में न रहे, हम गठबंधन सरकार की बेहतरी के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसीलिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति का प्रस्ताव भेजा है और इसीलिए पहल की है. इसलिए इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गंभीरता से लें.

रांची में कयासों का बाजार गर्म: कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अभी हाल ही में दो दिवसीय दौरे पर झारखंड आए थे. महंगाई मुक्त भारत के लिए राजभवन के समक्ष धरना, कांग्रेस विधायक दल की बैठक और युवा कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए थे. फिर 07 अप्रैल को भी अविनाश पांडे का रांची दौरा प्रस्तावित है. ऐसे में 05 अप्रैल को सभी मंत्रियों और झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष,कार्यकारी अध्यक्षो को दिल्ली तलब किए जाने से रांची में अटकलों का बाजार गर्म है, तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इधर बैठक के लिए संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम,वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख पांच अप्रैल सुबह विमान से दिल्ली पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ें-पाकुड़ में जेएमएम जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के साथ की बैठक, लोबिन हेम्ब्रम के कार्यक्रम में नहीं शामिल होंगे झामुमो नेता

अंतर्कलह से जूझ रही जेएमएमः झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक नहीं हैं. एक तरफ सरकार में सीनियर पार्टनर जेएमएम अंतर्कलह से जूझ रही है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो कांग्रेस भी सरकार में सीनियर पार्टनर के व्यवहार से खुश नहीं है. इस बीच कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि भाजपा और आरएसएस जिन राज्यों में भी गैर बीजेपी गठबंधन की सरकार है, उसे अस्थिर करने में जुटे हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि प्रदेश की गठबंधन सरकार में भी तालमेल बेहतर रहे और तीनों पार्टी मजबूती से साथ रहें. इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति गठित करने का प्रस्ताव भेजा था. हालांकि इसका जवाब नहीं मिला.


राज्यसभा सीट पर दावाः बताया जाता है कि झारखंड की साझी सरकार में कांग्रेस के विधायक और मंत्री भी बड़े भाई जेएमएम से असन्तुष्ट हैं और इस बाबत वह अपना फीडबैक भी पार्टी नेतृत्व को देते रहते हैं. इस बीच झारखंड में रिक्त हो रही राज्यसभा सीट के लिए भी कांग्रेस ने अपना दावा ठोंक दिया है. कांग्रेस पार्टी चाहती है कि राज्यसभा सांसद उसके पार्टी से बनाए जाएं जबकि जेएमएम का रूख अब तक स्पष्ट नहीं है. इधर झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस के 30 वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया है.

नए सिरे से तय होगी जिम्मेदारीः दिल्ली में मंगलवार को इन नेताओं के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित होगी, जिसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल भी नेताओं को संबोधित करेंगे. इसमें पार्टी प्रभारी के तरफ से अगले एक माह के लिए कार्यक्रम दिया जाएगा, जिसके बाद संगठन में उनकी जिम्मेदारी नए सिरे से तय की जा सकती है. इधर, प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक सभी पांच स्तर पर संगठन में नई जान फूंकने के लिए प्रभारी अविनाश पांडेय ने एक विस्तृत योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. वे खुद 12 अप्रैल से झारखंड में संवाद यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, जिसके तहत वह पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे.

Last Updated : Apr 4, 2022, 11:09 PM IST
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