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15 लाख का इनामी नक्सली मुकेश गंझू ने किया आत्मसमर्पण, NIA दो साल से कर रही थी तलाश

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Published : Jan 14, 2021, 9:52 PM IST

झारखंड में 15 लाख के इनामी नक्सली कमांडर मुकेश गंझू ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. मुकेश की तलाश एनआईए को भी पिछले 2 सालों से थी. टीपीसी संगठन में विवाद होने के बाद और पुलिस के साथ-साथ एनआईए के लगातार दबिश की वजह से मुकेश गंझू पिछले एक महीने से ही कुछ पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था.

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नक्सली मुकेश गंझू ने किया आत्मसमर्पण

रांची: टीपीसी संगठन के खिलाफ झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. 15 लाख के इनामी नक्सली कमांडर मुकेश गंझू ने झारखंड पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. मुकेश की तलाश राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को भी पिछले 2 सालों से थी. एनआईए ने अपने वांटेड लिस्ट में भी मुकेश का नाम शामिल किया था. पुलिस मुख्यालय से मिली सूचना के अनुसार मुकेश विधिवत रूप से शुक्रवार को आत्मसमर्पण करेगा.


झारखंड पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों से साधा संपर्क
मिली जानकारी के अनुसार टीपीसी संगठन में विवाद होने के बाद और पुलिस के साथ-साथ एनआईए के लगातार दबिश की वजह से मुकेश गंझू पिछले एक महीने से ही कुछ पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था, ताकि वह सुरक्षित आत्मसमर्पण कर सके, जिसके बाद झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने मुकेश के आत्मसमर्पण के पहलुओं पर अलग से जांच की. बाद में मुकेश से अधिक से अधिक जानकारी जुटाने का चतरा पुलिस को जिम्मेदारी दी. चतरा पुलिस ही मुकेश को पुराने मामले में जेल भेजेगी और मुकेश चतरा पुलिस के सामने ही विधिवत आत्मसमर्पण भी करेगा. एनआईए ने मुकेश के साथ-साथ डीपीसी सुप्रीमो बृजेश गंझू और आक्रमण को भी वांटेड घोषित किया है.



करोड़ों की वसूली का मास्टरमाइंड है मुकेश
मुकेश गंझू सीसीएल के अशोका, पिपराडीह कोल परियोजना के साथ-साथ, मगध आम्रपाली परियोजना से वसूली का मास्टरमाइंड था. भीखन गंझू के साथ मिलकर कोल कारोबारियों, लोडरों और ट्रांसपोटर्स से प्रति टन पैसे की उगाही किया करता था. टीपीसी उग्रवादियों की कमेटी को हर महीने करोड़ों की रकम लेवी के तौर पर मिला करता था. साल 2016 में चतरा के टंडवा में सभी उग्रवादियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद 2018 में एनआईए ने कोल परियोजनाओं में टेरर फंडिंग से जुड़ा मामला दर्ज किया था. मामले को दर्ज होने के बाद एनआईए ने मुकेश गंझू, कोहराम, बृजेश, अनिश्चय गंझू, कमलेश समेत कई के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की.



झारखंड समेत कई राज्यों में दर्ज है मामला
मुकेश गंझू के खिलाफ झारखंड के चतरा में ही लगभग 24 मामले दर्ज हैं. इसके अलावा बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ में भी मुकेश पर मामले दर्ज हैं. मुकेश पूर्व में भाकपा माओवादी संगठन का कमांडर हुआ करता था. 2004 में उसने संगठन से अलग होकर बृजेश गंझू के साथ मिलकर टीपीसी का गठन किया था.

इसे भी पढ़ें: ओरमांझी हत्याकांड: मुख्य आरोपी शेख बेलाल गिरफ्तार, दोस्त के घर छिपकर पुलिस पर रख रहा था नजर

एनआईए लेगी रिमांड पर
मिली जानकारी के अनुसार मुकेश गंझू को रिमांड पर लेकर एनआईए भी पूछताछ करेगी. एनआईए के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड पुलिस के ओर से न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद मुकेश को रिमांड पर लिया जाएगा. लेवी वसूली के अलावा हथियार बरामदगी के केस में भी एनआईए मुकेश से पूछताछ करेगी.

रांची: टीपीसी संगठन के खिलाफ झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. 15 लाख के इनामी नक्सली कमांडर मुकेश गंझू ने झारखंड पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. मुकेश की तलाश राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को भी पिछले 2 सालों से थी. एनआईए ने अपने वांटेड लिस्ट में भी मुकेश का नाम शामिल किया था. पुलिस मुख्यालय से मिली सूचना के अनुसार मुकेश विधिवत रूप से शुक्रवार को आत्मसमर्पण करेगा.


झारखंड पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों से साधा संपर्क
मिली जानकारी के अनुसार टीपीसी संगठन में विवाद होने के बाद और पुलिस के साथ-साथ एनआईए के लगातार दबिश की वजह से मुकेश गंझू पिछले एक महीने से ही कुछ पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था, ताकि वह सुरक्षित आत्मसमर्पण कर सके, जिसके बाद झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने मुकेश के आत्मसमर्पण के पहलुओं पर अलग से जांच की. बाद में मुकेश से अधिक से अधिक जानकारी जुटाने का चतरा पुलिस को जिम्मेदारी दी. चतरा पुलिस ही मुकेश को पुराने मामले में जेल भेजेगी और मुकेश चतरा पुलिस के सामने ही विधिवत आत्मसमर्पण भी करेगा. एनआईए ने मुकेश के साथ-साथ डीपीसी सुप्रीमो बृजेश गंझू और आक्रमण को भी वांटेड घोषित किया है.



करोड़ों की वसूली का मास्टरमाइंड है मुकेश
मुकेश गंझू सीसीएल के अशोका, पिपराडीह कोल परियोजना के साथ-साथ, मगध आम्रपाली परियोजना से वसूली का मास्टरमाइंड था. भीखन गंझू के साथ मिलकर कोल कारोबारियों, लोडरों और ट्रांसपोटर्स से प्रति टन पैसे की उगाही किया करता था. टीपीसी उग्रवादियों की कमेटी को हर महीने करोड़ों की रकम लेवी के तौर पर मिला करता था. साल 2016 में चतरा के टंडवा में सभी उग्रवादियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद 2018 में एनआईए ने कोल परियोजनाओं में टेरर फंडिंग से जुड़ा मामला दर्ज किया था. मामले को दर्ज होने के बाद एनआईए ने मुकेश गंझू, कोहराम, बृजेश, अनिश्चय गंझू, कमलेश समेत कई के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की.



झारखंड समेत कई राज्यों में दर्ज है मामला
मुकेश गंझू के खिलाफ झारखंड के चतरा में ही लगभग 24 मामले दर्ज हैं. इसके अलावा बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ में भी मुकेश पर मामले दर्ज हैं. मुकेश पूर्व में भाकपा माओवादी संगठन का कमांडर हुआ करता था. 2004 में उसने संगठन से अलग होकर बृजेश गंझू के साथ मिलकर टीपीसी का गठन किया था.

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एनआईए लेगी रिमांड पर
मिली जानकारी के अनुसार मुकेश गंझू को रिमांड पर लेकर एनआईए भी पूछताछ करेगी. एनआईए के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड पुलिस के ओर से न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद मुकेश को रिमांड पर लिया जाएगा. लेवी वसूली के अलावा हथियार बरामदगी के केस में भी एनआईए मुकेश से पूछताछ करेगी.

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