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सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर पुरस्कार देगी झारखंड सरकार, मिलेंगे दो से 5 हजार तक

झारखंड सरकार सड़क हादसे में जख्मी व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने पर दो से पांच हजार का पुरस्कार देगी. इसके लिए गुड समारिटन स्कीम (Good Samaritan Scheme) लाया गया है.

Reward for taking injured to hospital in accident
Reward for taking injured to hospital in accident
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Published : Sep 29, 2022, 3:43 PM IST

रांची: झारखंड में सड़क हादसों में जख्मी व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए लोगों को प्रेरित-प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गुड समारिटन स्कीम (Good Samaritan Scheme) लागू किया है. इस स्कीम के तहत दो हजार से लेकर पांच हजार तक के नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिये जायेंगे. सरकार ने इस स्कीम के लिए आवश्यक फंड की भी व्यवस्था कर ली है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस का नया और अनूठा फॉर्मूला, जानिए नियम और शर्तें

परिवहन विभाग की ओर से इस योजना की एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) जारी कर दी गई है. गुड समारिटन (अच्छा मददगार व्यक्ति) उन्हें माना जायेगा, जो दुर्घटना में घायल व्यक्ति को बिना किसी विशेष संबंध, वित्तीय लाभ अथवा पुरस्कार की उम्मीद किए बगैर अस्पताल पहुंचायेगा. स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सक ऐसे लोगों की पहचान करेंगे. अगर एक व्यक्ति किसी घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उसे दो हजार रुपये दिये जायेंगे. अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्तियों की संख्या दो हुई तो दोनों को दो-दो हजार रुपये और दो व्यक्ति से अधिक के होने पर सामूहिक रूप से पांच हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा. पुरस्कार का फंड सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों के पास रहेगा. जिले में प्रत्येक सामुदायिक केंद्र के लिए 25 हजार रुपये इस मद में दिये जायेंगे. ऐसा मामला सामने आने पर डीटीओ बिना विलंब यह राशि संबंधित स्वास्थ्य केंद्र को मुहैया कराएंगे.

सरकार ने भरोसा दिलाया है कि गुड समारिटन को कानूनी पेचीदगियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. अगर किसी मामले में जख्मी व्यक्ति व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले गुड समारिटन को कोर्ट में गवाही आदि के लिए बुलाने की जरूरत हुई तो उन्हें हर बार आने-जाने के लिए एक हजार रुपये दिये जायेंगे. सरकार की ओर से जारी एसओपी में बताया गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी गुड समारिटन से संबंधित रिपोर्ट हर महीने की पांच तारीख को उपलब्ध करायेंगे और इसके बाद हर महीने की सात तारीख को सभी डीटीओ अपने क्षेत्र की रिपोर्ट तैयार कर सड़क सुरक्षा विभाग को भेजेंगे.

बता दें कि झारखंड में सड़क हादसों (Road accident in Jharkhand) में हर साल तीन से चार हजार लोगों की मौत हो जाती है, जबकि लगभग इतने ही लोगों के घायल होने की रिपोर्ट दर्ज होती है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के हाल में जारी आंकड़े के मुताबिक झारखंड में वर्ष 2021 में हुई 4728 सड़क दुर्घटनाओं में 3513 लोगों की मौत हुई, जबकि 3227 लोग घायल हुए हैं. हादसे में जख्मी लोगों को गोल्डन आवर यानी लगभग एक घंटे के अंदर हॉस्पिटल पहुंचाने से उनकी जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है.

रांची: झारखंड में सड़क हादसों में जख्मी व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए लोगों को प्रेरित-प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गुड समारिटन स्कीम (Good Samaritan Scheme) लागू किया है. इस स्कीम के तहत दो हजार से लेकर पांच हजार तक के नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिये जायेंगे. सरकार ने इस स्कीम के लिए आवश्यक फंड की भी व्यवस्था कर ली है.

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परिवहन विभाग की ओर से इस योजना की एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) जारी कर दी गई है. गुड समारिटन (अच्छा मददगार व्यक्ति) उन्हें माना जायेगा, जो दुर्घटना में घायल व्यक्ति को बिना किसी विशेष संबंध, वित्तीय लाभ अथवा पुरस्कार की उम्मीद किए बगैर अस्पताल पहुंचायेगा. स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सक ऐसे लोगों की पहचान करेंगे. अगर एक व्यक्ति किसी घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उसे दो हजार रुपये दिये जायेंगे. अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्तियों की संख्या दो हुई तो दोनों को दो-दो हजार रुपये और दो व्यक्ति से अधिक के होने पर सामूहिक रूप से पांच हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा. पुरस्कार का फंड सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों के पास रहेगा. जिले में प्रत्येक सामुदायिक केंद्र के लिए 25 हजार रुपये इस मद में दिये जायेंगे. ऐसा मामला सामने आने पर डीटीओ बिना विलंब यह राशि संबंधित स्वास्थ्य केंद्र को मुहैया कराएंगे.

सरकार ने भरोसा दिलाया है कि गुड समारिटन को कानूनी पेचीदगियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. अगर किसी मामले में जख्मी व्यक्ति व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले गुड समारिटन को कोर्ट में गवाही आदि के लिए बुलाने की जरूरत हुई तो उन्हें हर बार आने-जाने के लिए एक हजार रुपये दिये जायेंगे. सरकार की ओर से जारी एसओपी में बताया गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी गुड समारिटन से संबंधित रिपोर्ट हर महीने की पांच तारीख को उपलब्ध करायेंगे और इसके बाद हर महीने की सात तारीख को सभी डीटीओ अपने क्षेत्र की रिपोर्ट तैयार कर सड़क सुरक्षा विभाग को भेजेंगे.

बता दें कि झारखंड में सड़क हादसों (Road accident in Jharkhand) में हर साल तीन से चार हजार लोगों की मौत हो जाती है, जबकि लगभग इतने ही लोगों के घायल होने की रिपोर्ट दर्ज होती है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के हाल में जारी आंकड़े के मुताबिक झारखंड में वर्ष 2021 में हुई 4728 सड़क दुर्घटनाओं में 3513 लोगों की मौत हुई, जबकि 3227 लोग घायल हुए हैं. हादसे में जख्मी लोगों को गोल्डन आवर यानी लगभग एक घंटे के अंदर हॉस्पिटल पहुंचाने से उनकी जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है.

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