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विद्युत नियामक आयोग का आदेश, बिजली नहीं मिलने पर उपभोक्ताओं को क्षतिपूर्ति लेने का है अधिकार

झारखंड के बिजली उपभोक्ता तय सीमा से कम बिजली आपूर्ति होने पर बिजली वितरण निगम से क्षतिपूर्ति की राशि वसूल कर सकेंगे. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं को यह अधिकार दिया है.

jharkhand electricity Regulatory Commission
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Published : Jun 1, 2023, 10:34 PM IST

रांची: झारखंड में भले ही बिजली की दरों में वृद्धि की गई हो, मगर झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड पर शिकंजा कस दिया है. आयोग ने उपभोक्ताओं को यह अधिकार दिया है कि यदि एलटी उपभोक्ता को 21 घंटा से कम या एचटी उपभोक्ता को 23 घंटा से कम बिजली आपूर्ति होती है तो उपभोक्ता बिजली वितरण निगम से क्षतिपूर्ति की राशि वसूल करेगा.

यह भी पढ़ें: झारखंड के लोगों को बिजली का झटका, ट्रैरिफ में 6.5% बढ़ोतरी, जानिए आप पर कितना पड़ेगा बोझ

झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि इस तरह के उपभोक्ताओं को यदि बिजली आपूर्ति में कमी होती है तो इसकी क्षतिपूर्ति झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को करना होगा. इसके अलावा नियामक आयोग ने प्रीपेड मीटरिंग पर स्विच करने और प्रीपेड मीटर लगाने के एक महीने के भीतर पूरी सुरक्षा जमा राशि की वापसी करने का प्रावधान किया है. साथ ही संबंधित उपभोक्ता श्रेणी के लिए ऊर्जा शुल्क पर 3% की छूट लागू करने का भी प्रावधान किया है. आयोग ने हर महीने 1% की छूट को बरकरार रखा है जिसकी अधिकतम सीमा बिलिंग राशि के 3% तक होगा.

34.97% वितरण हानि की मांग पर 13% की मंजूरी: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2020- 21 में वास्तविक वितरण हानि 34.97% का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे नामंजूर करते हुए विद्युत नियामक आयोग ने 13% के वितरण हानि को मंजूरी दी है. आयोग ने इस आदेश में एचटी एसएस श्रेणी के उपभोक्ताओं को पुनर्जीवित और प्रोत्साहित करने के लिए इसे पिर से लागू किया है, जिससे राजस्व में वृद्धि होगी. आयोग ने वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित 7990.21करोड़ रुपए के एपीआर के स्थान पर 6696.86 करोड़ रुपए के एपीआर की मंजूरी दी है. इसके अलावा आयोग ने तृतीय कंट्रोल पीरियड के लिए वित्तीय वर्ष 2021- 22 से वित्तीय वर्ष 2025- 26 तक का मल्टी इयर एपीआर निर्धारित किया है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए औसत आपूर्ति लागत 7.67रु. प्रति यूनिट के स्थान पर आयोग ने 7.24 पैसे प्रति यूनिट की मंजूरी दी है.

रांची: झारखंड में भले ही बिजली की दरों में वृद्धि की गई हो, मगर झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड पर शिकंजा कस दिया है. आयोग ने उपभोक्ताओं को यह अधिकार दिया है कि यदि एलटी उपभोक्ता को 21 घंटा से कम या एचटी उपभोक्ता को 23 घंटा से कम बिजली आपूर्ति होती है तो उपभोक्ता बिजली वितरण निगम से क्षतिपूर्ति की राशि वसूल करेगा.

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झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि इस तरह के उपभोक्ताओं को यदि बिजली आपूर्ति में कमी होती है तो इसकी क्षतिपूर्ति झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को करना होगा. इसके अलावा नियामक आयोग ने प्रीपेड मीटरिंग पर स्विच करने और प्रीपेड मीटर लगाने के एक महीने के भीतर पूरी सुरक्षा जमा राशि की वापसी करने का प्रावधान किया है. साथ ही संबंधित उपभोक्ता श्रेणी के लिए ऊर्जा शुल्क पर 3% की छूट लागू करने का भी प्रावधान किया है. आयोग ने हर महीने 1% की छूट को बरकरार रखा है जिसकी अधिकतम सीमा बिलिंग राशि के 3% तक होगा.

34.97% वितरण हानि की मांग पर 13% की मंजूरी: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2020- 21 में वास्तविक वितरण हानि 34.97% का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे नामंजूर करते हुए विद्युत नियामक आयोग ने 13% के वितरण हानि को मंजूरी दी है. आयोग ने इस आदेश में एचटी एसएस श्रेणी के उपभोक्ताओं को पुनर्जीवित और प्रोत्साहित करने के लिए इसे पिर से लागू किया है, जिससे राजस्व में वृद्धि होगी. आयोग ने वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित 7990.21करोड़ रुपए के एपीआर के स्थान पर 6696.86 करोड़ रुपए के एपीआर की मंजूरी दी है. इसके अलावा आयोग ने तृतीय कंट्रोल पीरियड के लिए वित्तीय वर्ष 2021- 22 से वित्तीय वर्ष 2025- 26 तक का मल्टी इयर एपीआर निर्धारित किया है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए औसत आपूर्ति लागत 7.67रु. प्रति यूनिट के स्थान पर आयोग ने 7.24 पैसे प्रति यूनिट की मंजूरी दी है.

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