पटना: चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में रांची सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. लालू यादव को दोषी करार दिया गया है. हालांकि सजा का ऐलान 21 फरवरी को होगा. लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराए जाने के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी आने लगी है. बिहार से बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi On lalu yadav convicted ) ने कहा कि जैसी करनी वैसी भरनी तो वहीं राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि निचली अदालत का फैसला होगा तो हम हाईकोर्ट जाएंगे हाईकोर्ट का फैसला होगा तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
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सुशील मोदी की प्रतिक्रिया: चारा घोटाला के डोरंडा मामले में आज सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया गया है और इसको लेकर तमाम पार्टियों की ओर से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है. सुशील मोदी ने कहा कि, जैसी करनी वैसी भरनी. लालू यादव ने सत्ता में रहते हुए जिस तरह से गरीबों को लूटने का काम किया उसी का परिणाम है कि पांचवें मामले में उन्हें सजा हुई है.
136 करोड़ का मामला उस जमाने का है जिसे आज के लिहाज से देखा जाए तो ये 765 करोड़ होगा. लालू कहते हैं कि राजनीति विद्वेष से उन्हें फंसाया गया है. लेकिन लालू जी ये पांचवां मामला है जिसमें कोर्ट ने आपको दोषी करार दिया है. स्वयं रेल मंत्री थे जब ये मामला आया था. अगर इनका वश चलता तो कब का मामले को रफा दफा कर दिया जाता. पटना हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
जगदानंद सिंह की प्रतिक्रिया: वहीं राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि, निचली अदालत का फैसला होगा तो हम हाईकोर्ट जाएंगे हाईकोर्ट का फैसला होगा तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. अंतिम रोक से जब तक न्यायपालिका का आदेश नहीं हो जाता तब तक हमें आशा है कि न्याय मिलेगा ही. देश में संप्रदायिक एकता के प्रतिक हैं लालू प्रसाद यादव.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि, कानून सबसे ऊपर है चाहे कितना बड़ा आदमी क्यों ना हो कानून के फैसले के सब का सम्मान करना चाहिए. राजद सुप्रीमो को दोषी सिद्ध किये जाने के बाद यह साफ हो गया है कि कानून से बड़ा कोई नहीं है. कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो कानून सबसे ऊपर है.
वहीं कांग्रेस के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि, इस मामले में कहीं ना कहीं लालू यादव को फंसाया गया है. और अगर यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाएगा तो सब कुछ साफ हो जाएगा. न्यायालय ने जो फैसला दिया है उसका हम सब सम्मान भी करते रहे हैं. मामले की सुप्रीम कोर्ट में अपील की जानी चाहिए ताकि सब कुछ साफ हो जाए.