रांचीः रांची विश्वविद्यालय में न्यूक्लियर भूगर्भ विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की चाहत रखने वाले विद्यार्थियों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल रांची यूनिवर्सिटी के स्नातकोत्तर जूलॉजी में इसी सत्र से न्यूक्लियर भूगर्भ विज्ञान में सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई होगी. इस नए सत्र से रांची विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों के लिए कई नए कोर्स संचालित किए जा रहे हैं.
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झारखंड में यूरेनियम का भंडार
पीजी जूलॉजी के एचओडी डॉ विजय सिंह ने बताया कि पहली बार सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई रांची यूनिवर्सिटी में शुरू हो रही है. छात्रों को वैश्विक स्तर का लाभ उपलब्ध कराने के लिए आरयू प्रशासन ने एक बेहतर पहल की है. इस कोर्स को संचालित करने के लिए रांची विवि के पीजी जूलॉजी डिपार्टमेंट और एटॉमिक मिनरल्स डायरेक्टरेट फॉर एक्सप्लोरेशन एंड रिसर्च सेंटर के बीच करार भी हो चुका है. झारखंड में यूरेनियम का भंडार है इसलिए उच्च शिक्षा के दृष्टिकोण से यह कोर्स यहां के विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा.
एटॉमिक पावर का बढ़ा है महत्व
एटॉमिक पावर का महत्व इन दिनों काफी बढ़ा है. राज्य में ऑटोमेटिक मिनरल्स की असीम संभावनाएं हैं और राज्य का जादूगोड़ा क्षेत्र ऑटोमिक मिनरल्स के नाम से ही जाना जाता है. इसलिए इस कोर्स का महत्व इस राज्य में और बढ़ जाता है. रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति ने कहा यह बहुत खुशी की बात है कि रांची विश्वविद्यालय में न्यूक्लियर से जुड़ी पढ़ाई होगी और जूलॉजी विभाग में नए शिक्षक भी मिले हैं, जूलॉजी विभाग को नया कोर्स संचालन करने में अब कोई परेशानी नहीं होगी. इस कोर्स को विश्वविद्यालय अच्छी तरह संचालित करेगी. जिससे बच्चों को रोजगार भी उपलब्ध होगा.