रांची: रांची विश्वविद्यालय (Ranchi university) में ऑफलाइन परीक्षा का विरोध थमने से पहले एक और मामला सामने आ गया. दरअसल, डोरंडा कॉलेज के विद्यार्थियों ने सोमवार को कुलपति से मुलाकात कर उन्हें बिना परीक्षा लिए ही फेल करने का आरोप लगाया है. विद्यार्थियों ने साथ ही कहा कि अगर उनके लिए दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं की गई तो जोरदार तरीके से आंदोलन करेंगे.
बता दें कि महामारी के मद्देनजर मिड सेमेस्टर के विद्यार्थियों को प्रमोट किया गया है. फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा ऑफलाइन लिए जाने की बात कही जा रही है. इसका लगातार विरोध हो रहा है. मामले को लेकर आंदोलन की शुरुआत भी हो चुकी है.
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उग्र आंदोलन की चेतावनी
डोरंडा कॉलेज के छात्रों का कहना है कि वर्ष 2017-20 और 2018-21 सत्र के विद्यार्थियों का न तो एग्जाम लिया गया और न ही ऑनलाइन तरीके से ही इनका इंटरनल एसेसमेंट किया गया. ऐसे में अचानक परिणाम जारी कर दिया गया और उन्हें फेल कर दिया गया. छात्रों का कहना है कि अगर दोबारा उनका परीक्षा आयोजित कर उन्हें पास नहीं करवाया गया तो यह आंदोलन उग्र होगा. इस रिजल्ट से कई विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है.
छात्रों का कहना है कि कोरोना काल में एक तरफ जहां विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय, कॉलेज और विभिन्न शिक्षा बोर्ड की ओर से राहत दी जा रही है, वहीं रांची विश्वविद्यालय की ओर से लगातार विद्यार्थियों को प्रताड़ित किया जा रहा है. यह मामला गंभीर है और इस मामले को लेकर कुलपति को संज्ञान लेने की जरूरत है. विद्यार्थियों का कहना है कि रेग्युलर बच्चों की परीक्षा भी ली गई और उनका रिजल्ट भी प्रकाशित कर दिया गया. लेकिन बैकलॉग विद्यार्थियों के लिए कोई व्यवस्था कॉलेज प्रबंधन की ओर से नहीं की गई.
कुलपति ने दिया आश्वासन
कुलपति कामिनी कुमार ने कहा कि विद्यार्थियों की परेशानी जायज है. इस समस्या का निदान होना भी जरूरी है. मामले को लेकर प्रिंसिपल से बात की जाएगी. विद्यार्थियों के हित में दोबारा बैकलॉग परीक्षा ली जा सकती है. सिस्टम के तहत इनके लिए परीक्षा का आयोजन करने की कोशिश होगी.