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खौफ के साये में रहते हैं रिम्स के डॉक्टर्स! जानें क्या है वजह - ETV News Jharkhand

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के डॉक्टर्स और नर्सें खौफ में रह रहे हैं. इनके खौफ का कारण आवारा कुत्ते हैं. डॉक्टर्स इन अवारा कुत्तों को आदमखोर बताते हैं. कई बार इन कुत्तों ने जुनियर डॉक्टर्स पर हमला कर दिया है. रिम्स के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि प्रबंधन और नगर निगम को इस समस्या से निजात दिलाने की कोशिश करनी चाहिए.

RIMS Ranchi News
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Published : Feb 28, 2022, 6:34 PM IST

रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक है, मरीज तो मरीज, रिम्स के डॉक्टर्स, नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ भी इन आवारा कुत्तों की वजह से सहमे और डरे रहते हैं. रिम्स परिसर में ही हॉस्टल से अस्पताल पहुंचने के दौरान कब आवारा कुत्ते काट ले, इसका खौफ डॉक्टरों को भी सताता रहता है.

इसे भी पढ़ें: जानिए, MBBS की पढ़ाई की शुरुआत से पहले मेडिकल छात्र क्यों लेते हैं शव की शपथ?


आदमखोर हैं कुत्ते: रिम्स सर्जरी विभाग (RIMS surgery department) में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निशीथ एक्का कहते हैं कि कई कुत्ते आदमखोर हैं, क्योंकि कई बार उन्हें मेडिकल कॉलेज परिसर में मानव अंग मिल जाते हैं. ऐसे में ये आदमखोर कुत्ते ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. डॉ. निशीथ बताते हैं कि रात के समय इमरजेंसी कॉल के समय हॉस्टल से अस्पताल आने के दौरान कुत्ते झुंड में मोटरसाइकिल सवार पर भी टूट पड़ते हैं. कई बार जूनियर डॉक्टर्स दुर्घटना के शिकार भी हुए हैं.

देखें पूरी खबर

वहीं, रिम्स मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. प्रभात कुमार कहते हैं कि 3 साल पहले जब एक डॉक्टर को आवारा कुत्ते ने काटा था तब रिम्स प्रबंधन और रांची नगर निगम हरकत में आया था. लेकिन उसके बाद फिर किसी ने इसे गंभीरता ने नहीं लिया. नतीजा यह कि रिम्स परिसर में ही डॉक्टर्स डरे सहमे रहते हैं.

एक्शन लेने की जरूरत: रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा कहते हैं कि हर काम के लिए जिम्मेवार अधिकारी हैं. ऐसे में अगर हमारे डॉक्टर्स और नर्सें आवारा कुत्तों की वजह से खौफ में हैं तो उन्हें रांची नगर निगम के साथ सामंजस्य कर इससे निजात दिलाने की कोशिश होनी चाहिए. लेकिन रिम्स प्रबंधन क्या कर रहा है इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है.

रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक है, मरीज तो मरीज, रिम्स के डॉक्टर्स, नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ भी इन आवारा कुत्तों की वजह से सहमे और डरे रहते हैं. रिम्स परिसर में ही हॉस्टल से अस्पताल पहुंचने के दौरान कब आवारा कुत्ते काट ले, इसका खौफ डॉक्टरों को भी सताता रहता है.

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आदमखोर हैं कुत्ते: रिम्स सर्जरी विभाग (RIMS surgery department) में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निशीथ एक्का कहते हैं कि कई कुत्ते आदमखोर हैं, क्योंकि कई बार उन्हें मेडिकल कॉलेज परिसर में मानव अंग मिल जाते हैं. ऐसे में ये आदमखोर कुत्ते ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. डॉ. निशीथ बताते हैं कि रात के समय इमरजेंसी कॉल के समय हॉस्टल से अस्पताल आने के दौरान कुत्ते झुंड में मोटरसाइकिल सवार पर भी टूट पड़ते हैं. कई बार जूनियर डॉक्टर्स दुर्घटना के शिकार भी हुए हैं.

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वहीं, रिम्स मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. प्रभात कुमार कहते हैं कि 3 साल पहले जब एक डॉक्टर को आवारा कुत्ते ने काटा था तब रिम्स प्रबंधन और रांची नगर निगम हरकत में आया था. लेकिन उसके बाद फिर किसी ने इसे गंभीरता ने नहीं लिया. नतीजा यह कि रिम्स परिसर में ही डॉक्टर्स डरे सहमे रहते हैं.

एक्शन लेने की जरूरत: रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा कहते हैं कि हर काम के लिए जिम्मेवार अधिकारी हैं. ऐसे में अगर हमारे डॉक्टर्स और नर्सें आवारा कुत्तों की वजह से खौफ में हैं तो उन्हें रांची नगर निगम के साथ सामंजस्य कर इससे निजात दिलाने की कोशिश होनी चाहिए. लेकिन रिम्स प्रबंधन क्या कर रहा है इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है.

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