रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक है, मरीज तो मरीज, रिम्स के डॉक्टर्स, नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ भी इन आवारा कुत्तों की वजह से सहमे और डरे रहते हैं. रिम्स परिसर में ही हॉस्टल से अस्पताल पहुंचने के दौरान कब आवारा कुत्ते काट ले, इसका खौफ डॉक्टरों को भी सताता रहता है.
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आदमखोर हैं कुत्ते: रिम्स सर्जरी विभाग (RIMS surgery department) में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निशीथ एक्का कहते हैं कि कई कुत्ते आदमखोर हैं, क्योंकि कई बार उन्हें मेडिकल कॉलेज परिसर में मानव अंग मिल जाते हैं. ऐसे में ये आदमखोर कुत्ते ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. डॉ. निशीथ बताते हैं कि रात के समय इमरजेंसी कॉल के समय हॉस्टल से अस्पताल आने के दौरान कुत्ते झुंड में मोटरसाइकिल सवार पर भी टूट पड़ते हैं. कई बार जूनियर डॉक्टर्स दुर्घटना के शिकार भी हुए हैं.
वहीं, रिम्स मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. प्रभात कुमार कहते हैं कि 3 साल पहले जब एक डॉक्टर को आवारा कुत्ते ने काटा था तब रिम्स प्रबंधन और रांची नगर निगम हरकत में आया था. लेकिन उसके बाद फिर किसी ने इसे गंभीरता ने नहीं लिया. नतीजा यह कि रिम्स परिसर में ही डॉक्टर्स डरे सहमे रहते हैं.
एक्शन लेने की जरूरत: रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा कहते हैं कि हर काम के लिए जिम्मेवार अधिकारी हैं. ऐसे में अगर हमारे डॉक्टर्स और नर्सें आवारा कुत्तों की वजह से खौफ में हैं तो उन्हें रांची नगर निगम के साथ सामंजस्य कर इससे निजात दिलाने की कोशिश होनी चाहिए. लेकिन रिम्स प्रबंधन क्या कर रहा है इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है.