रांची: 2 अक्टूबर को पूरा देश गांधी जयंती मना रहा है. लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प ले रहे हैं. आज की इस भागदौड़ भरी दुनिया में महात्मा गांधी के सिद्धांत लोगों से दूर होते जा रहे हैं. जिस देश में महात्मा गांधी को अहिंसा का प्रतीक कहा जाता है, वहां हिंसा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. लेकिन आज भी देश में ऐसे कई लोग हैं जो महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलकर समाज में अहिंसा और प्रेम का संदेश दे रहे हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं रांची के डॉ. नारायण प्रसाद साहू.
डॉ. नारायण प्रसाद साहू रिम्स से सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं. सेवानिवृत्ति के बाद वह महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं. डॉ. नारायण प्रसाद साहू ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय राम किशोर साहू और माता स्वर्गीय सावित्री देवी ने वर्धा में महात्मा गांधी के संघर्ष में उनके साथ थे. इसी दौरान रांची में ग्रामोद्योग को बढ़ाने के लिए कोल्हू से तेल निकालने वाली संस्था की शुरुआत की गयी थी.
1938 से परिवार गांधी के सिद्धांतों को कर रहा पालन: 1938 से डॉ. नारायण प्रसाद साहू का परिवार महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन कर रहा है. डॉ. नारायण प्रसाद साहू ने कहा कि आज देश में मेक इन इंडिया, लोकल फॉर वोकल, स्वदेशी आंदोलन की बात हो रही है, लेकिन उनका परिवार महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए पिछले आठ दशकों से ऐसे अभियानों का समर्थन कर रहा है.
उनके संस्था में आने वाले ग्राहकों ने कहा कि आज की तेज दौड़ में शुद्धता खो गई है. लेकिन महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने वाले डॉ नारायण प्रसाद साहू के प्रयास से आज भी राजधानी में कुछ लोगों को शुद्ध तेल मिल पाता है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होता है. डॉ नारायण प्रसाद साहू के भतीजे रवि प्रसाद साहू कहते हैं कि आज भी उनके परिवार के सभी लोग महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन करते हैं. घर से लेकर बाहर तक सभी महात्मा गांधी के विचारों पर चलने की कोशिश करते हैं.
1940 में महात्मा गांधी ने किया था दौरा: डॉ. नारायण प्रसाद साहू के पिता ने वर्ष 1938 में रांची में इस संस्था की शुरुआत की थी. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 19 मार्च 1940 को इस संस्था का दौरा किया था. महात्मा गांधी ने इस स्टोर के विकास के लिए डॉ. नारायण प्रसाद साहू के पिता को आशीर्वाद दिया था. गौरतलब है कि आज के समय में लोग धीरे-धीरे महात्मा गांधी के विचारों को भूलते जा रहे हैं. ऐसे में डॉ. नारायण प्रसाद साहू और उनके परिवार का यह प्रयास सराहनीय है.