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कोरोना से जंगः रांची रेल मंडल ने तैयार किए 60 बोगियों के 540 आइसोलेशन वार्ड, सरकार के उपयोग करने पर संशय - coroan effect ij jharkhaND

राजधानी में कोरोना महामारी को देखते हुए रांची रेल मंडल ने सर्वसुविधायुक्त 540 आइसोलेशन वार्ड तैयार किए हैं. हालांकि इसे बनाने में काफी समय लगा था, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार इसके इस्तेमाल करने पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है.

आइसोलेशन वार्ड
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Published : Apr 27, 2020, 4:17 PM IST

Updated : Apr 27, 2020, 7:34 PM IST

रांचीः कोरोना महामारी को लेकर राजधानी में प्रशासन सभी कदम उठा रहा है. इसी क्रम में रांची रेल मंडल में रेल मंत्रालय के निर्देश पर 60 बोगियों के 540 आइसोलेशन वार्ड बन कर तैयार हो गया है. हालांकि इन वार्ड को बनाने में रेल मंडल को काफी वक्त लग गया.

अब राज्य सरकार के निर्देश के बाद रांची रेल मंडल द्वारा सरकार को यह वार्ड मुहैया कराया जाएगा. फिलहाल राज्य सरकार रेलवे द्वारा तैयार किए गए इन आइसोलेशन वार्ड को उपयोग करेगी या नहीं यह निर्णय नहीं लिया गया है, क्योंकि राज्य सरकार को ही नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सकों को इन वार्डों में नियुक्त करने का जिम्मा है.

पढ़ें पूरी खबर.

गौरतलब है कि रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद रांची रेल मंडल सतर्क है और इसी के तहत 60 बोगियों का 540 आइसोलेशन वार्ड तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन रांची रेल मंडल का यह काम काफी सुस्त गति से चल रहा था,

लेकिन देर आए दुरुस्त आए कहावत को चरितार्थ करते हुए रांची रेल मंडल ने आखिरकार करीब-करीब तमाम वार्ड को तैयार कर लिया है. अब राज्य सरकार द्वारा हरी झंडी देने के बाद सरकार के निर्देशानुसार उपयोग में इन आइसोलेशन वार्ड को लाया जाना है.

डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के लिए अलग से व्यवस्था

एक बोगी में मरीजों के लिए 8 बेड हैं वहीं डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के लिए अलग से केबिन की व्यवस्था की गई है. ऑक्सीजन के अलावा पानी की व्यवस्था और साफ सफाई की समुचित व्यवस्था इस चलते-फिरते आइसोलेशन वार्ड में तैयार है.

यह भी पढ़ेंः गढ़वा से धनबाद जेल में 50 कैदियों को किया गया शिफ्ट, कोर्ट ने दिया था आदेश

रेल मंडल की मानें तो राज्य सरकार के निर्देश के बाद ही यह वार्ड सरकार को मुहैया कराया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पहले ही कह चुके हैं कि रांची रेल मंडल का यह आइसोलेशन वार्ड राज्य सरकार के किसी काम की नहीं है, क्योंकि इसमें राज्य सरकार को ही नर्सिंग और चिकित्सीय सेवा देनी होगी.

ऐसे में राज्य सरकार के लिए इन वार्डो का उपयोग करना परेशानी से कम नहीं है. सरकारी अस्पतालों में ही चिकित्सक और नर्सों की कमी है ऐसे में अलग से इस आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर-नर्स कहां से मुहैया कराए जाएंगे. रेलवे अगर इस दिशा में कदम बढ़ाती है तो उनके द्वारा बनाए गए आइसोलेशन वार्ड का उपयोग किया जा सकता है.

रांचीः कोरोना महामारी को लेकर राजधानी में प्रशासन सभी कदम उठा रहा है. इसी क्रम में रांची रेल मंडल में रेल मंत्रालय के निर्देश पर 60 बोगियों के 540 आइसोलेशन वार्ड बन कर तैयार हो गया है. हालांकि इन वार्ड को बनाने में रेल मंडल को काफी वक्त लग गया.

अब राज्य सरकार के निर्देश के बाद रांची रेल मंडल द्वारा सरकार को यह वार्ड मुहैया कराया जाएगा. फिलहाल राज्य सरकार रेलवे द्वारा तैयार किए गए इन आइसोलेशन वार्ड को उपयोग करेगी या नहीं यह निर्णय नहीं लिया गया है, क्योंकि राज्य सरकार को ही नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सकों को इन वार्डों में नियुक्त करने का जिम्मा है.

पढ़ें पूरी खबर.

गौरतलब है कि रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद रांची रेल मंडल सतर्क है और इसी के तहत 60 बोगियों का 540 आइसोलेशन वार्ड तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन रांची रेल मंडल का यह काम काफी सुस्त गति से चल रहा था,

लेकिन देर आए दुरुस्त आए कहावत को चरितार्थ करते हुए रांची रेल मंडल ने आखिरकार करीब-करीब तमाम वार्ड को तैयार कर लिया है. अब राज्य सरकार द्वारा हरी झंडी देने के बाद सरकार के निर्देशानुसार उपयोग में इन आइसोलेशन वार्ड को लाया जाना है.

डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के लिए अलग से व्यवस्था

एक बोगी में मरीजों के लिए 8 बेड हैं वहीं डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के लिए अलग से केबिन की व्यवस्था की गई है. ऑक्सीजन के अलावा पानी की व्यवस्था और साफ सफाई की समुचित व्यवस्था इस चलते-फिरते आइसोलेशन वार्ड में तैयार है.

यह भी पढ़ेंः गढ़वा से धनबाद जेल में 50 कैदियों को किया गया शिफ्ट, कोर्ट ने दिया था आदेश

रेल मंडल की मानें तो राज्य सरकार के निर्देश के बाद ही यह वार्ड सरकार को मुहैया कराया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पहले ही कह चुके हैं कि रांची रेल मंडल का यह आइसोलेशन वार्ड राज्य सरकार के किसी काम की नहीं है, क्योंकि इसमें राज्य सरकार को ही नर्सिंग और चिकित्सीय सेवा देनी होगी.

ऐसे में राज्य सरकार के लिए इन वार्डो का उपयोग करना परेशानी से कम नहीं है. सरकारी अस्पतालों में ही चिकित्सक और नर्सों की कमी है ऐसे में अलग से इस आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर-नर्स कहां से मुहैया कराए जाएंगे. रेलवे अगर इस दिशा में कदम बढ़ाती है तो उनके द्वारा बनाए गए आइसोलेशन वार्ड का उपयोग किया जा सकता है.

Last Updated : Apr 27, 2020, 7:34 PM IST
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