रांची: यूपी सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के खाते करोड़ों उड़ाने की योजना बनाने वाले मास्टरमाइंड सतीश ठाकुर की रांची पुलिस को तलाश है. पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने दिल्ली जाएगी. इससे पहले पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र से 56.42 करोड़ के चेक के साथ चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. चेक एसबीआई बैंक जवाहर नगर लखनऊ शाखा का है.
एक आरोपी निकला कोरोना संक्रमित
बुधवार को सदर थाने की पुलिस ने 56.42 करोड़ के क्लोन चेक के साथ चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनमें एक कोरोना संक्रमित निकला. संक्रमित आरोपी को जेल के पास खेल गांव परिसर में ही कैदियों के लिए जेल की तर्ज पर बने कोविड-19 सेंटर भेजा गया है. अन्य को जेल भेज दिया गया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सदर थाना क्षेत्र का राजेश पासवान, चुटिया का विजय बर्मन, अरगोड़ा थाना क्षेत्र के मनीष कुमार सिन्हा और अजय सिंह शामिल है. पकड़े गए आरोपी संबंधित चेक से भुगतान लेकर यूपी सरकार को चूना लगाने की फिराक में थे. इनके पास 56.42 करोड़ का चेक जब्त किया गया है, जो एसबीआई बैंक जवाहर नगर लखनऊ शाखा का है. यह यूपी सरकार के एनईआरजी स्कीम के आयुक्त के हस्ताक्षर से निर्गत है. चेक पीएसएमई कंस्ट्रक्शन एंड स्टाफिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से काटा गया है, जिसे पकड़े गए आरोपी रांची में एसबीआई के शाखा में चेक का पैसा दूसरे खाते में ट्रांसफर करने के लिए बैंक कर्मी से बातचीत कर रहे थे. इस बीच बैंक की ओर से पुलिस को सूचना देने के बाद दबोच लिए गए.
गिरोह के सरगना की कुंडली खंगाल रही पुलिस
पकड़े गए आरोपियों ने बताया है कि उनका सरगना दिल्ली में बैठा सतीश ठाकुर है. पुलिस सतीश ठाकुर की कुंडली खंगाल रही है. सतीश ठाकुर ने ही दिल्ली के रहने कुणाल से बीते 22 अगस्त को रांची एयरपोर्ट पर चेक भिजवाया था. चेक भुनाने पर सभी को पांच-पांच प्रतिशत कमीशन का वादा किया गया था. इस चेक को कैश कराने के बाद एक और चेक देने की बात कही थी, जो 15 करोड़ का था. संबंधित चेक की तस्वीर भी राजेश को भेज दिया गया था.
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विभाग और बैंककर्मियों की मिलीभगत की आशंका
सदर थाने की पुलिस ने आशंका जताई है कि बरामद क्लोन चेक यूपी सरकार के एनईआरजी योजना वाली विभाग के कर्मियों या बैंक की मिलीभगत से ही तैयार किया गया होगा. इसका खुलासा क्लोन चेक तैयार करने वाले मास्टरमाइंड सतीश ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद ही होगी. पुलिस के अनुसार क्लोन चेक यूपी सरकार के मनरेगा आयुक्त की ओर से जारी किया गया था, जो फर्जी चेक है, इस चेक को फर्जी तरीके से कैश कराने की तैयारी थी.