रांची: पुलिस ने पांच मासूम बच्चों को मानव तस्करों के चुंगल से आजाद करवाने में सफलता हासिल की है. रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड पर पांचों बच्चों को बहला फुसलाकर एक व्यक्ति रायपुर ले जाने वाला था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस को मामले की जानकारी मिल गई, जिसके बाद 5 बच्चों को रेस्क्यू कर लिया गया.
क्या है पूरा मामला: मिली जानकारी के अनुसार रांची के खादगढ़ा टीओपी में पदस्थापित जेएसआई मंटू सिंह खादगढ़ा बस स्टैंड में नियमित गश्त पर थे. इसी दौरान उन्होंने देखा कि पांच नाबालिग बच्चों के साथ एक बुजुर्ग आदमी बस से कहीं जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था. आशंका होने पर मंटू सिंह ने बच्चों के साथ खड़े व्यक्ति तस्लीम अंसारी से पूछताछ करनी शुरू की. पूछताछ के क्रम में बच्चे कौन हैं और कहां लेकर जा रहे हो इन सवालों का तस्लीम कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. जांच के क्रम में यह पता चला कि सभी बच्चों को रायपुर ले जाया जाना था और वहां उन्हें होटल और घरेलू काम में लगाना था. तस्कर तस्लीम अंसारी झारखंड के गिरिडीह जिला का रहने वाला है और सभी बच्चे कोडरमा के हैं. जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि सभी बच्चों को मानव तस्करी के उद्देश्य से रायपुर ले जाया जा रहा था, जिसके बाद पांचों बच्चों को पुलिस की टीम ने रेस्क्यू करते हुए तस्लीम अंसारी को धर दबोचा.
बच्चे सीडब्ल्यूसी के हवाले: बच्चों को रेस्क्यू कराने के बाद उन्हें सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया गया. सीडब्ल्यूसी की टीम बच्चों से पूछताछ कर उनके परिजनों के बारे में जानकारी ले रही है. परिजनों के रांची पहुंचने के बाद उन्हें उनके हवाले कर दिया जाएगा.
बड़ा नेटवर्क कर रहा काम: दरअसल, मानव तस्करों का एक बड़ा नेटवर्क झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह इलाके में काम कर रहा है. यह वहां के गरीब बच्चों को दूसरे शहरों में बेहतर रोजगार दिलाने के नाम पर बाहर ले जाते हैं और फिर दलालों के माध्यम से उन्हें जोखिम भरे कामों में लगाकर मोटी रकम वसूलते हैं. पुलिस के द्वारा गिरफ्तार सफीक अंसारी से फिलहाल पूछताछ की जा रही है और उसके साथ और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं, उनकी जानकारी ली जा रही है. मामले को लेकर जेएसआइ मंटू सिंह के बयान पर कोतवाली स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.