रांची: राजधानी समेत राज्यभर के डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से करोड़ों रुपये की ठगी कर फरार हुई रिचार्ज करने वाली कंपनी पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है. क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड के संचालक अवुला फनी कुमार की तलाश में लालपुर पुलिस बेंगलुरू में छापेमारी कर रही है.
आधार कार्ड के एड्रेस से पहुंची पुलिस, फरार है आरोपी
कंपनी के संचालक के आधार कार्ड में मिले पता के आधार पर पुलिस, आरोपी अवुला फनी कुमार के पते पर पहुंची. आधार कार्ड में अंकित बेंगलुरु के संत थॉमस टॉउन, करमचन ले-आउट, लिंगराजपुरम, 8वीं क्रॉस नंबर 11 पर पहुंची और छापेमारी की. हालांकि उस पते पर आरोपी संचालक नहीं मिला. पुलिस को जानकारी मिली कि फनी कुमार उस पते पर पिछले दो तीन सालों से नहीं रह रहा है. पुलिस ने फनी कुमार के अन्य सहयोगी मधु और विजय की भी तलाश की, लेकिन वे नहीं मिले. इसके अलावा चौड़ा चंद्ररंजनयुलू, बाबा पठान अली, योगेंद्र, गौतम शिवाजी सहित अन्य का भी पता लगाया जा रहा है, लेकिन किसी भी आरोपी का सत्यापन अब तक नहीं हो सका है.
इसे भी पढ़ें:- नक्सल हमले के बाद एक्शन में पुलिस मुख्यालय, 24 घंटे के अंदर जिलों के एसपी को देनी होगी गुप्तचरों की रिपोर्ट
खातों को फ्रीज करवा चुकी है पुलिस
क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दो खातों को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया था. हालांकि दोनों बैंक खातों में महज 138 रुपये ही थे. आईसीआईसीआई बैंक कल्याण ईस्ट महाराष्ट्र (खाता नंबर 698305600663) में मात्र 70 रुपये बैलेंस, जबकि एचडीएफसी बैंक की कल्याण महाराष्ट्र (50200038790925) वाले खाते में 68 रुपये थे. दोनों ही खातों से बीते 27 सितंबर को ही खाताधारक ने लाखों रुपये ट्रांसफर कर लिया था. पुलिस ट्रांसफर हुए खाते और निकासी करने वाले का पता लगाने में जुटी है.
ऐसे की थी ठगी
लालपुर के संजीव कुमार ने बीते 28 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि कंपनी ने करीब एक साल पहले झारखंड में अपने कर्मियों के माध्यम से डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स को एप डाउनलोड करवाने के बाद कमीशन देने की बात की थी. कंपनी ने रिचार्ज करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से संपर्क कर अपने एप्लीकेशन डाउनलोड करवाने के बाद मोटा पैसा देने की सब्जबाग दिखाई थी. इसके बाद मोटा इंवेस्टमेंट करवा कंपनी फरार हो गई. मामला सामने आने के बाद लालपुर पुलिस ने डंगराटोली स्थित पेंटालून शो-रूम के नजदीक जैक्सन प्लाजा स्थित कंपनी के कार्यालय को सील कर दिया था.