रांचीः पुलिस ने लुटेरा गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लुटेरा एसीबी और ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन का अधिकारी बनकर लूटपात की घटना को अंजाम देता था. गिरफ्तार आरोपियों में नगड़ी के अमित कुमार, लोहरदगा के अमर कुमार महतो, गुमला के आफताब अंसारी और रइस अंसारी के साथ साथ बिहार के बांकी जिला के लालू कुमार यादव शामिल है. नामकुम थाने की पुलिस ने इन लुटेरों के पास से लूटे हुए कोयला लदा ट्रक और ह्यूमन राइट्स अध्यक्ष का बोर्ड लगा कार बरामद किया है.
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ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि गिरोह के सदस्य कोयला लदे ट्रक को टारगेट करता था. उन्होंने कहा कि लुटेरा एसीबी या फिर ह्मूमन राइट्स के अधिकारी बनकर ट्रक रोकवाता और चालक को धौंस जमाता. इसके बाद थाना में जब्त करने का बहाना बनाकर ट्रक लेकर निकल भागता था. आरोपी कोयला को दूसरे शहर में बेचने के बाद ट्रक को कबाड़ी दुकान में कटवा देता था. ग्रामीण एसपी ने बताया कि पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है.
ग्रामीण एसपी ने बताया कि 25 जनवरी को नामकुम थाना क्षेत्र के टाटा रोड स्थित कबिल ढ़ाबा में रात करीब डेढ़ बजे कोयला लदा ट्रक खड़ा था. इस ट्रक के ड्राइवर लालू यादव ढ़ाबा में खाना खा रहा था. इसी दौरान एक चार पहिया वाहन से आए तीन लोग उतरा और खुद को एसीबी अधिकारी बताते हुए ट्रक चालक से कागजात की मांग की. कागजात जांच करने के बाद तीनों ने चालक को परमित फेल बताते हुए केस करने का धौंस दिखाने लगा.
ट्रक ड्राइवर ने घटना की सूचना अपने मालिक को फोन पर दी. घटनास्थल पर ट्रक मालिक पहुंचते, उससे पहले तीनों ने उस ट्रक को लेकर निकल गया. ट्रक मालिक ने मामले की जानकारी नामकुम पुलिस को दी. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कांके के आईटीबीपी के पास घेराबंदी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार दोनों आरोपियों की निशानदेही पर तीनों आरोपियों को कांके इलाके से गिरफ्तार किया गया.
ग्रामीण एसपी ने बताया कि आरोपियों के पास से तीन नेम प्लेट मिला है. एक पर ह्यूमन राइट्स के अध्यक्ष, दूसरे पर एसीबी और तीसरा न्यूज चैनल का बोर्ड है. ग्रामीण एसपी ने बताया कि आरोपी गाड़ी का नेम प्लेट बदलते रहता था, ताकि घटना को अंजाम देकर आसानी से निकल जाए. ग्रामीण एसपी ने बताया कि लूट की वारदात को अंजाम देने के समय एसीबी का बोर्ड लगाकर पहुंचता था. घटना को अंजाम देने के बाद नेम प्लेट बदल लेता, ताकि पुलिस गिरफ्त से नहीं आए.