गिरिडीह: झारखंड प्रदेश सहायक अध्यापक महासंघ बगोदर-सरिया कमेटी की 22वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस अवसर पर वेतनमान और अनुकंपा का लाभ की मांग को लेकर एक बार फिर से आंदोलन का ऐलान किया गया. अध्यापक महासंघ ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की फिर से वापसी हुई है. ऐसे में सहायक अध्यापकों को इस सरकार से काफी उम्मीद है.
स्थापना दिवस के अवसर पर महासंघ के नेताओं ने कहा कि अगर सहायक अध्यापकों की मांगों को सरकार पूरा नहीं करती है तो उन्हें भी पूर्व सीएम रघुवर दास की तरह सत्ता से बेदखल करने का काम सहायक अध्यापकों के द्वारा किया जाएगा. बगोदर हाई स्कूल में मंगलवार को आयोजित सहायक अध्यापक महासंघ बगोदर-सरिया कमेटी की 22वां वर्षगांठ पर यह हुंकार भरी गई.
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रसोईया भी उपस्थित थी. कार्यक्रम में महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार दुबे मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे. उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है. ऐसे में इस सरकार से सहायक अध्यापकों की उम्मीद है कि वेतनमान की मांग को पूरा करने की दिशा में सरकार कार्य करेगी. महासंघ ने कहा कि इसी सरकार के पिछले कार्यकाल में नियमावली बनी थी, जिसका लाभ सहायक अध्यापकों को मिला.
महासंघ के गिरिडीह जिलाध्यक्ष नारायण महतो ने कहा कि वेतनमान की मांग को लेकर एक बार फिर से आंदोलन तेज किया जाएगा. हालांकि कार्यक्रम के दौरान इस बात की भी जिक्र की गई कि आपसी गुटबाजी सहायक अध्यापकों के मांगों को पूरा करने में रोड़ा बना हुआ है. गुटबाजी को दूर करते हुए एक मंच पर आकर वेतनमान के लिए आंदोलन तेज करने पर जोर दिया गया.
कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में धनबाद के जिलाध्यक्ष तुलसी राम महतो, नारायण कुमार दास, बैजनाथ मंडल, अजीत शर्मा, मनोज घोष, रियाज अंसारी, सुधीर महतो, शिव शंकर रुपांशु, परमेश्वर हाजरा, लखन पासवान, दिनेश पासवान, सुरेश यादव, लखन महतो, अनीता कुमारी, युगल मंडल आदि उपस्थित रहे.