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रांची में जगन्नाथ पूजा को लेकर लोगों में दिखने लगा उत्साह, 20 जून को निकाली जाएगी रथ यात्रा

राजधानी रांची में जगन्नाथ पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है. हर बार की तरह इस बार भी इसके लिए विशेष तैयारी की गई है.

Ranchi Jagarnnath Puja
रांची में जगन्नाथ पूजा की तैयारी अंतिम चरण में
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Published : Jun 12, 2023, 8:08 PM IST

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रांची: राजधानी की जगन्नाथ पूजा हर साल धूम-धाम से मनाई जाती है. इस दौरान लोगों की अच्छी भीड़ भी उमड़ती है. ओडिशा की तर्ज पर रांची में भी भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा बहुत ही भव्य तरीके से निकाली जाती है. इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर में तैयारी अंतिम चरण में है. 20 जून को निकलने वाली रथ यात्रा को लेकर रथ को सजाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: भगवान जगन्नाथ के दरबार में सीएम हेमंत सोरेन ने टेका मत्था, नक्लवाद पर कहा- दीया बुझने से पहले फड़फड़ाता है

जगन्नाथ मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. इसका निर्माण वर्ष 1691 में ही किया गया था. उसी समय से पूरे विधि-विधान के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन धुर्वा में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि भगवान जगरनाथ की रथ यात्रा इस वर्ष 20 जून को निकाली जाएगी. जिसमें राजधानी सहित राज्यभर से लाखों लोग इसके गवाह बनते हैं.

मंदिर न्यास समिति के सदस्य और प्रथम सेवक सुधांशु नाथ शाहदेव ने बताया कि 19 जून को निकलने वाली रथ यात्रा को लेकर मंदिर न्यास समिति और जिला प्रशासन की तरफ से सारी तैयारियां कर ली गई है. मेले में दुकान लगाने वाले बाहर से आए दुकानदारों को महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दे दिए गए हैं. इस वर्ष दुकान लगाने वाले दुकानदारों से प्रतिदिन 100 रुपये के हिसाब से 10 दिनों तक लगने वाले मेले में पैसे जमा कराए जाएंगे. जबकि हर वर्ष सहायता राशि के रूप में दुकानदारों से पैसे लिए जाते थे. लेकिन इस वर्ष भाड़े के रूप में 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वसूले जाएंगे. रेट जिला प्रशासन और मंदिर न्यास समिति ने मिलकर तय किया है.

मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने कहा कि धुर्वा के पास स्थित जगन्नाथ मंदिर में होने वाले जगरनाथ पूजा और मेला का इंतजार राजधानी के लाखों लोगों को रहता है. वहीं जगन्नाथ पूजा में होने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन चुस्त है. 29 जून को भगवान जगन्नाथ मौसी बाड़ी से वापस अपने घर आएंगे और फिर जाकर 10 दिनों के मेले और पूजा का समापन होगा. आध्यात्म के अनुसार माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ विष्णु के रूप हैं. वह अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ 10 दिनों तक आम लोगों के दर्शन के लिए निकलते हैं. माना जाता है कि इन 10 दिनों में आम लोगों को भी भगवान के दर्शन हो पाते हैं.

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रांची: राजधानी की जगन्नाथ पूजा हर साल धूम-धाम से मनाई जाती है. इस दौरान लोगों की अच्छी भीड़ भी उमड़ती है. ओडिशा की तर्ज पर रांची में भी भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा बहुत ही भव्य तरीके से निकाली जाती है. इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर में तैयारी अंतिम चरण में है. 20 जून को निकलने वाली रथ यात्रा को लेकर रथ को सजाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: भगवान जगन्नाथ के दरबार में सीएम हेमंत सोरेन ने टेका मत्था, नक्लवाद पर कहा- दीया बुझने से पहले फड़फड़ाता है

जगन्नाथ मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. इसका निर्माण वर्ष 1691 में ही किया गया था. उसी समय से पूरे विधि-विधान के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन धुर्वा में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि भगवान जगरनाथ की रथ यात्रा इस वर्ष 20 जून को निकाली जाएगी. जिसमें राजधानी सहित राज्यभर से लाखों लोग इसके गवाह बनते हैं.

मंदिर न्यास समिति के सदस्य और प्रथम सेवक सुधांशु नाथ शाहदेव ने बताया कि 19 जून को निकलने वाली रथ यात्रा को लेकर मंदिर न्यास समिति और जिला प्रशासन की तरफ से सारी तैयारियां कर ली गई है. मेले में दुकान लगाने वाले बाहर से आए दुकानदारों को महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दे दिए गए हैं. इस वर्ष दुकान लगाने वाले दुकानदारों से प्रतिदिन 100 रुपये के हिसाब से 10 दिनों तक लगने वाले मेले में पैसे जमा कराए जाएंगे. जबकि हर वर्ष सहायता राशि के रूप में दुकानदारों से पैसे लिए जाते थे. लेकिन इस वर्ष भाड़े के रूप में 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वसूले जाएंगे. रेट जिला प्रशासन और मंदिर न्यास समिति ने मिलकर तय किया है.

मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने कहा कि धुर्वा के पास स्थित जगन्नाथ मंदिर में होने वाले जगरनाथ पूजा और मेला का इंतजार राजधानी के लाखों लोगों को रहता है. वहीं जगन्नाथ पूजा में होने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन चुस्त है. 29 जून को भगवान जगन्नाथ मौसी बाड़ी से वापस अपने घर आएंगे और फिर जाकर 10 दिनों के मेले और पूजा का समापन होगा. आध्यात्म के अनुसार माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ विष्णु के रूप हैं. वह अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ 10 दिनों तक आम लोगों के दर्शन के लिए निकलते हैं. माना जाता है कि इन 10 दिनों में आम लोगों को भी भगवान के दर्शन हो पाते हैं.

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