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Ranchi Water Crisis: 'भोज के दिन रोपती है कोहड़ा', सोया हुआ है नगर प्रशासन' जल संकट गहराने पर फूटा पार्षद का गुस्सा - Ranchi Nagar Nigam Ward number 34 water Crisis

रांची नगर निगम में पानी की समस्या गर्मी के दिनों में विकराल हो जाती है. ईटीवी भारत की पड़ताल में वार्ड 34 में पानी के लिए लोग मेहनत करते नजर आए. अप्रैल महीने में टैंकर से मुहैया किया गया पानी यहां के लोगों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के समान साबित होता है.

Ranchi Nagar Nigam Ward number 34 water Crisis
रांची नगर निगम वार्ड 34 जल संकट
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Published : Apr 16, 2023, 5:22 PM IST

Updated : Apr 17, 2023, 2:39 PM IST

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रांची: गर्मी का मौसम आते ही राजधानी में जल संकट एक बड़ी समस्या के रूप में राजधानीवासियों के सामने होती है. अप्रैल महीना आते ही राजधानी के विभिन्न वार्डों में पानी का लेवल नीचे जाने लगता है. खास करके उन वार्डों में पानी की समस्या सबसे ज्यादा होती है, जो वार्ड ड्राई जोन की श्रेणी में आते हैं. ड्राई जोन की श्रेणी में सबसे पहले वार्ड 34 का नाम आता है. जहां पर पानी के लिए लोगों को सुबह से ही मशक्कत करनी पड़ती है. ईटीवी भारत की पड़ताल में स्थानीय पार्षद ने रांची नगर निगम पर जल संकट को लेकर गंभीर आरोप लगाए.

ये भी पढ़ें: Ranchi Water Crisis: पानी की किल्लत से सूख रहे लोगों के हलक, शहर के सबसे अधिक धनत्व वाले वार्ड 26 में जल संकट से मचा लोगों में हाहाकार

क्या कहा पार्षद विनोद कुमार सिंह ने: पार्षद विनोद कुमार सिंह से बताया कि वार्ड 34 में जल संकट की समस्या अप्रैल महीने के शुरुआती दिनों में ही शुरू हो जाती है. अप्रैल, मई और जून के महीने में वार्ड के लोगों को पानी मुहैया कराना निगम के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है. रांची नगर निगम गर्मी से पहले पानी की सुविधा मुहैया कराने को लेकर शिथिल रहता है. गर्मी आते ही रेस हो जाता है. निगम के इस प्रयास से पानी की सुविधा लोगों तक ठीक वैसे ही पहुंचती है, जैसे कोई भोज के दिन कोहड़ा रोप कर खिलाने का दावा करे. नगर प्रशासन सोया हुआ है. कहा कि इसके लिए स्थानीय वार्ड की जनता के साथ प्रशासन का घेराव करेंगे.

ये है वार्ड 34 में पानी की कुव्यवस्था की कहानी

  1. वार्ड 34 का गंगानगर जमुना नगर कर्म चौक विद्यानगर मोहल्ले के लोगों को सबसे ज्यादा पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है.
  2. वार्ड 34 की बात करें तो इस क्षेत्र में करीब 75 से 80 हज़ार की आबादी है, जिसमें आधी आबादी को पानी के लिए सुबह से ही टैंकर का इंतजार करना पड़ता है.
  3. वार्ड 34 में पानी की आवश्यकता को देखें तो प्रतिदिन 20 मिलियन गैलन पर डे (एमजीडे) की आवश्यकता है, लेकिन पूरे वार्ड में महज 10 से 12 एमजीडे पानी लोगों को मिल पाता है.
  4. निगम की तरफ से वार्ड के मैनेजर राजकिशोर बताते हैं लोगों की समस्या को देखते हुए वार्ड पार्षद की तरफ से पानी का टैंकर मंगाया जाता है, जो पर्याप्त नहीं है.
  5. मोहल्ले में कुल 24 से 26 बोरिंग भी लगाए गए हैं, ताकि मोहल्ले वासियों के लिए पानी जमा किया जा सके.
  6. वही पीएचईडी विभाग की तरफ से 50 हज़ार से अधिक क्षमता वाली एक जल मीनार भी बनाई जा रही है, लेकिन वर्तमान में उस जल मीनार से स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.
  7. लोगों की समस्या को देखते हुए एक अतिरिक्त जल मीनार का भी निर्माण किया गया है, जो जल्द ही लोगों की सुविधा के लिए बहाल कर दी जाएगी.
  8. ईटीवी भारत की पड़ताल में वार्ड 34 में लोग पानी के लिए जद्दोजहद करते हुए नजर आए. अपने काम छोड़कर लोग पानी के लिए सुबह से ही लाइन में लगे हुए दिखें. बावजूद भी कई लोगों को पानी नसीब नहीं हो पा रहा है.

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रांची: गर्मी का मौसम आते ही राजधानी में जल संकट एक बड़ी समस्या के रूप में राजधानीवासियों के सामने होती है. अप्रैल महीना आते ही राजधानी के विभिन्न वार्डों में पानी का लेवल नीचे जाने लगता है. खास करके उन वार्डों में पानी की समस्या सबसे ज्यादा होती है, जो वार्ड ड्राई जोन की श्रेणी में आते हैं. ड्राई जोन की श्रेणी में सबसे पहले वार्ड 34 का नाम आता है. जहां पर पानी के लिए लोगों को सुबह से ही मशक्कत करनी पड़ती है. ईटीवी भारत की पड़ताल में स्थानीय पार्षद ने रांची नगर निगम पर जल संकट को लेकर गंभीर आरोप लगाए.

ये भी पढ़ें: Ranchi Water Crisis: पानी की किल्लत से सूख रहे लोगों के हलक, शहर के सबसे अधिक धनत्व वाले वार्ड 26 में जल संकट से मचा लोगों में हाहाकार

क्या कहा पार्षद विनोद कुमार सिंह ने: पार्षद विनोद कुमार सिंह से बताया कि वार्ड 34 में जल संकट की समस्या अप्रैल महीने के शुरुआती दिनों में ही शुरू हो जाती है. अप्रैल, मई और जून के महीने में वार्ड के लोगों को पानी मुहैया कराना निगम के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है. रांची नगर निगम गर्मी से पहले पानी की सुविधा मुहैया कराने को लेकर शिथिल रहता है. गर्मी आते ही रेस हो जाता है. निगम के इस प्रयास से पानी की सुविधा लोगों तक ठीक वैसे ही पहुंचती है, जैसे कोई भोज के दिन कोहड़ा रोप कर खिलाने का दावा करे. नगर प्रशासन सोया हुआ है. कहा कि इसके लिए स्थानीय वार्ड की जनता के साथ प्रशासन का घेराव करेंगे.

ये है वार्ड 34 में पानी की कुव्यवस्था की कहानी

  1. वार्ड 34 का गंगानगर जमुना नगर कर्म चौक विद्यानगर मोहल्ले के लोगों को सबसे ज्यादा पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है.
  2. वार्ड 34 की बात करें तो इस क्षेत्र में करीब 75 से 80 हज़ार की आबादी है, जिसमें आधी आबादी को पानी के लिए सुबह से ही टैंकर का इंतजार करना पड़ता है.
  3. वार्ड 34 में पानी की आवश्यकता को देखें तो प्रतिदिन 20 मिलियन गैलन पर डे (एमजीडे) की आवश्यकता है, लेकिन पूरे वार्ड में महज 10 से 12 एमजीडे पानी लोगों को मिल पाता है.
  4. निगम की तरफ से वार्ड के मैनेजर राजकिशोर बताते हैं लोगों की समस्या को देखते हुए वार्ड पार्षद की तरफ से पानी का टैंकर मंगाया जाता है, जो पर्याप्त नहीं है.
  5. मोहल्ले में कुल 24 से 26 बोरिंग भी लगाए गए हैं, ताकि मोहल्ले वासियों के लिए पानी जमा किया जा सके.
  6. वही पीएचईडी विभाग की तरफ से 50 हज़ार से अधिक क्षमता वाली एक जल मीनार भी बनाई जा रही है, लेकिन वर्तमान में उस जल मीनार से स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.
  7. लोगों की समस्या को देखते हुए एक अतिरिक्त जल मीनार का भी निर्माण किया गया है, जो जल्द ही लोगों की सुविधा के लिए बहाल कर दी जाएगी.
  8. ईटीवी भारत की पड़ताल में वार्ड 34 में लोग पानी के लिए जद्दोजहद करते हुए नजर आए. अपने काम छोड़कर लोग पानी के लिए सुबह से ही लाइन में लगे हुए दिखें. बावजूद भी कई लोगों को पानी नसीब नहीं हो पा रहा है.
Last Updated : Apr 17, 2023, 2:39 PM IST
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