रांची: रांची नगर निगम के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 2 दिन से हड़ताल पर हैं. निगम के कर्मचारियों की हड़ताल से निगम कार्यालय के कई कार्य ठप पड़ गए हैं. जिसको लेकर निगम के अन्य कर्मचारी और पदाधिकारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम की हड़ताल का असर आम लोगों पर भी पड़ रहा है और उन्हें कई समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं.
नगर निगम में अपना काम कराने पहुंचे मोरहाबादी के लोगों ने बताया कि वह अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे थे लेकिन हड़ताल होने के कारण कर्मचारियों ने उन्हें वापस लौटा दिया. वहीं बूटी मोड़ से आई एक महिला ने बताया कि निगम के कर्मचारियों की हड़ताल से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी के सभी 53 वार्ड से आ रहे लोगों का काम नहीं हो पा रहा है. क्योंकि हड़ताल से दफ्तर का काम ठप है, इसलिए उन्हें यहां से खाली हाथ और मायूस होकर लौटना पड़ रहा है.
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें खुद हड़ताल पर जाना पसंद नहीं है. लेकिन जिस तरह से निगम में वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का प्रयास किया जा रहा है. इससे आने वाले दिनों में निगम के हजारों कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हड़ताल का नेतृत्व कर रहे निगम कर्मचारी संघ के नेता नरेश राम ने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक निगम को कई अधिकार प्राप्त थे. जिसके आधार पर निगम के अधिकारी अपने कर्मचारियों के हित के लिए कई निर्णय ले सकते थे लेकिन अब सरकार के द्वारा निगम के कई अधिकार छीन लिये गये हैं. जिस वजह से निगम के अधिकारी अपने कर्मचारियों को कई सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रहे हैं.
हड़ताल पर बैठे कर्मचारी राम जय पांडे ने बताया कि पिछले कई वर्षों से कर्मचारियों की पदोन्नति, अस्थायी कर्मचारियों का स्थायीकरण, अनुकंपा पर नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को अब तक नौकरी नहीं दी गई है. इसके अलावा भी उनके कई मांगों पर अब तक विचार नहीं किया गया. ऐसे कई लाभ हैं जो निगम के कर्मचारियों को मिलनी चाहिए लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रही है. लेकिन निगम के कर्मचारियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
निगम कर्मचारियों की हड़ताल से लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए जेएमएम जिला अध्यक्ष मुस्ताक आलम उनसे मिलने पहुंचे. उन्होंने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया और काम पर लौटने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से प्रयास किया जाएगा कि निगम कर्मचारियों की बातों को अधिकारी और सरकार के उच्च अधिकारियों के पास पहुंचाया जा सके. लेकिन हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि राज्य सरकार, नगर निगम और नगर विकास विभाग जल्द से जल्द उनकी मांगों पर विचार नहीं करता है तो आने वाले दिनों में निगम के कर्मचारियों का हड़ताल और भी उग्र होगा. जिसके जिम्मेदार निगम के पदाधिकारी और अधिकारी होंगे.