ETV Bharat / state

रांचीः मेयर ने मुख्यमंत्री से पूछा सवाल, चुनाव के नामांकन पत्र में किस धर्म की दी थी जानकारी

रांची नगर निगम के मेयर आशा लकड़ा ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सरकार पर हमला करते हुए सवाल किया कि मुख्यमंत्री स्वयं किस धर्म को मानते हैं. चुनाव के नामांकन पत्र में किस धर्म की जानकारी दी थी. यह मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए. दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है था कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं. मुख्यमंत्री के इस बयान पर मेयर ने हमला की है.

रांची
रांची नगर निगम के मेयर आशा लकड़ा
author img

By

Published : Mar 20, 2021, 6:37 PM IST

रांचीः आशा लकड़ा ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला करते हुए सवाल की है कि मुख्यमंत्री स्वयं किस धर्म को मानते हैं. चुनाव के नामांकन पत्र में किस धर्म की जानकारी दी थी. यह मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए. दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है था कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं. मुख्यमंत्री के इस बयान पर मेयर ने हमला की है.

यह भी पढ़ेंःबंगाल में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव से डर गई ममता बनर्जी, कुर्सी जाने का सता रहा डर: अर्जुन मुंडा


सिमडेगा के रामरेखा धाम में भगवान राम के हैं पदचिन्ह

मेयर ने कहा है कि हमारे पूर्वज शिव-पार्वती के पूजक थे. काल से आदिवासी प्रभु श्रीराम को मानते आ रहे हैं. झारखंड की धरती रामभक्त हनुमान की जन्मस्थली है, जो अंजन धाम के रूप में विख्यात है. इतना ही नहीं, सिमडेगा के रामरेखा धाम में प्रभु श्रीराम के पदचिन्ह हैं. क्या मुख्यमंत्री इन ऐतिहासिक तथ्यों को भी झूठ साबित कर सकते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि वे हिंदू नहीं हैं, तो स्पष्ट करें कि हलफनामा में उन्होंने किस जाति और धर्म के नाम का जिक्र किया है.

राज्य के बेरोजगार युवाओं के साथ कियटा गया भद्दा मजाक

मेयर ने कहा है कि राज्य के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देकर उनके मनोबल को नीचा दिखाने का काम किया जा रहा हैं. बेरोजगारी भत्ता 13.69 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से देकर राज्य सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य के बेरोजगार युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया है. वर्तमान में एक श्रमिक भी प्रतिदिन न्यूनतम 500 रुपये मजदूरी कमा रहा है. मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं में भी मजदूरों को प्रतिदिन मिलने वाली मजदूरी हेमंत सरकार के बेरोजगारी भत्ता से कई गुना अधिक है.

रांचीः आशा लकड़ा ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला करते हुए सवाल की है कि मुख्यमंत्री स्वयं किस धर्म को मानते हैं. चुनाव के नामांकन पत्र में किस धर्म की जानकारी दी थी. यह मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए. दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है था कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं. मुख्यमंत्री के इस बयान पर मेयर ने हमला की है.

यह भी पढ़ेंःबंगाल में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव से डर गई ममता बनर्जी, कुर्सी जाने का सता रहा डर: अर्जुन मुंडा


सिमडेगा के रामरेखा धाम में भगवान राम के हैं पदचिन्ह

मेयर ने कहा है कि हमारे पूर्वज शिव-पार्वती के पूजक थे. काल से आदिवासी प्रभु श्रीराम को मानते आ रहे हैं. झारखंड की धरती रामभक्त हनुमान की जन्मस्थली है, जो अंजन धाम के रूप में विख्यात है. इतना ही नहीं, सिमडेगा के रामरेखा धाम में प्रभु श्रीराम के पदचिन्ह हैं. क्या मुख्यमंत्री इन ऐतिहासिक तथ्यों को भी झूठ साबित कर सकते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि वे हिंदू नहीं हैं, तो स्पष्ट करें कि हलफनामा में उन्होंने किस जाति और धर्म के नाम का जिक्र किया है.

राज्य के बेरोजगार युवाओं के साथ कियटा गया भद्दा मजाक

मेयर ने कहा है कि राज्य के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देकर उनके मनोबल को नीचा दिखाने का काम किया जा रहा हैं. बेरोजगारी भत्ता 13.69 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से देकर राज्य सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य के बेरोजगार युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया है. वर्तमान में एक श्रमिक भी प्रतिदिन न्यूनतम 500 रुपये मजदूरी कमा रहा है. मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं में भी मजदूरों को प्रतिदिन मिलने वाली मजदूरी हेमंत सरकार के बेरोजगारी भत्ता से कई गुना अधिक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.