रांची: शहर की मेयर आशा लकड़ा ने गुरुवार को गोंदा थाना और सुखदेव नगर थाना में चल रहे सामुदायिक किचन का निरीक्षण किया. जहां उन्होंने पाया कि गोंदा थाना में गैस सिलेंडर सीलबंद है और चावल दाल बोरे में बंद है. जबकि थाने की पुलिस की ओर से जानकारी दी गई कि प्रतिदिन भोजन वितरण किया जा रहा है.
वहीं, सुखदेव नगर थाने में बिना ग्लव्स के भोजन परोसते 2 महिला पुलिसकर्मी के पाए जाने पर उन्होंने संक्रमण से बचाव के गाइडलाइन के उल्लंघन का सवाल उठाया. उन्होंने इस दौरान कहा कि लॉकडाउन में लोगों को भोजन कराने के नाम पर सिर्फ आंकड़ा जुटाने में सरकार लगी हुई है, जबकि लॉकडाउन से निपटने में सरकार की भूमिका संदिग्ध है.
खुले हाथ से भोजन वितरण
दरअसल, राज्य सरकार का दावा है कि रांची जिला के 35 थानों में जरूरतमंदों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए मेयर आशा लकड़ा ने दो थानों का निरीक्षण किया. गोंदा थाने में सील बैंड गैस सिलेंडर पाए गए. जबकि सुखदेव नगर थाना में 2 महिला पुलिस कर्मियों की ओर से खुले हाथ से भोजन वितरण किया जा रहा था. उन्होंने किचन का भी निरीक्षण किया, इस मौके पर मेयर ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिसकर्मियों को सुरक्षा कार्यों से हटाकर जरूरतमंदों के बीच भोजन वितरण का काम करा रही है. जबकि पुलिस का काम सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना है, ना कि लोगों के लिए भोजन परोसना. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लॉकडाउन में जरूरतमंदों को भोजन कराने के नाम पर सिर्फ आंकड़ा दिखाया जा रहा है.
राज्य सरकार की भूमिका संदिग्ध
आशा लकड़ा ने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति से निपटने में राज्य सरकार की भूमिका संदिग्ध है. सिर्फ आंकड़ों का खेल कर राज्य सरकार गरीब, असहाय और जरूरतमंदों को भोजन और राशन उपलब्ध कराने का दावा कर रही है. जबकि हकीकत यह है कि संकट की इस घड़ी में समाजसेवी गरीब,असहाय और जरूरतमंदों के बीच भोजन और राशन का वितरण कर रहे हैं.