रांची: राजधानी रांची सहित पूरे प्रदेश में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है. जिसमें कई सरकारी अफसर से लेकर कर्मचारियों के नाम सामने आ रहे हैं. पिछले दिनों सेना की जमीन को अवैध तरीके से बेचे जाने के मामले में ईडी ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें रिम्स का अफसर अली भी शामिल है, जिसे रातों का राजा भी कहा जाता है.
इन लोगों की हुई गिरफ्तारी: 13 अप्रैल को गिरफ्तार किए गए लोगों में अफसर अली के साथ कारोबारी प्रदीप बागची, सीआई भानु प्रताप, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम का नाम शामिल है. ईडी इन लोगों से लगातार पूछताछ कर रही है. जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे सामने आ रहे हैं.
इस वजह से रातों के राजा की उपाधि: बात करें रिम्स के टेक्नीशियन अफसर अली की तो वह रिम्स में रातों के राजा के नाम से प्रख्यात था. उसे यह उपाधि उसके रात में ड्यूटी करने की वजह से मिली थी. रिम्स में जानने वाले उसके सहकर्मी उसे इसी नाम से पहचानते थे. वह रात में ही काम करना पसंद करता था. पिछले 15 वर्षों से रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में नाइट शिफ्ट ड्यूटी कर रहा था. इसी वजह से उसे यह उपनाम मिला.
आम कर्मचारियों से नहीं होती थी मुलाकात: रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पारस कुमार बताते हैं कि अफसर अली को ज्यादा लोग रिम्स में नहीं पहचानते थे क्योंकि वह वर्ष 2008 से ही नाइट शिफ्ट में काम कर रहा था. उन्होंने बताया कि अफसर अली को लोग दिन के समय में तभी देख पाते थे, जब रिम्स में किसी तरह का बड़ा आयोजन या कार्यक्रम हो.
पैरवी से करवा ली नाइट शिफ्ट: रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ पारस कुमार ने बताया कि वह रात में ड्यूटी करता था. इस वजह से उसे बहुत लोग पहचानते भी नहीं थे. अफसर अली के बारे में रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ पारस बताते हैं कि अफसर 2008 से ही नाइट शिफ्ट में काम कर रहा था. उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 जब वह रेडियोलॉजी विभाग के हेड बने तो उन्होंने उसकी शिफ्ट चेंज की और उन्हें दिन की ड्यूटी की जिम्मेदारी दी. लेकिन अफसर अली अपनी पहुंच और पैरवी से फिर से नाइट शिफ्ट में काम करने लगा.
रिम्स प्रबंधन ने किया निलंबित: जमीन घोटाले में अफसर अली का नाम आने के बाद डॉक्टर पारस कुमार ने बताया कि निश्चित रूप से कहीं ना कहीं इससे संस्था की बदनामी होती है. इसलिए ईडी के द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद रिम्स प्रबंधन ने अफसर अली को निलंबित कर दिया.
पद का लेता था व्यक्तिगत लाभ: बता दें कि अफसर अली वर्ष 2006 से ही रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में काम करता था. वह रिम्स का परमानेंट स्टाफ था और उसकी पकड़ भी अच्छी थी. विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह अपनी बातों के हुनर से किसी भी विभाग में कोई काम करा लेता था. जिसका वह आर्थिक एवं सामाजिक रूप से व्यक्तिगत लाभ भी लेता था. अफसर अली का घर रिम्स के बगल में ही बरियातू बस्ती में है.
जनसंपर्क पदाधिकारी ने क्या कहा: रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन से बात की तो उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की शिफ्ट का रोस्टर चेंज होता है. अफसर अली के मामले में नाइट ड्यूटी को क्यों नहीं चेंज किया गया, क्या मजबूरियां थीं इन सभी बिंदुओं पर प्रबंधन जानकारी उपलब्ध कर रही है और एक बार चेंज हुई तो फिर किन कारणों से उसे बदल दिया गया. तमाम पहलुओं पर जांच की जा रही है. इस मामले में जब अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी से बात करने की कोशिश की गई तो वो कुछ भी कहने से बचते नजर आए.