ETV Bharat / state

पूर्व सांसद सलखान मुर्मू ने की सरना धर्म कोर्ड की मांग, 15 जून को भारत बंद का आह्वान - 15 जून भारत बंद

आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान लगातार चलाया जा रहा है. इसी क्रम में पूर्व सांसद सलाखन मुर्मू ने 15 जून को भारत बंद का एलान किया है.

EX MP Salkhan Murmu
पूर्व सांसद सलाखान मुर्मू जानकारी देत
author img

By

Published : May 27, 2023, 7:39 AM IST

जानकारी देते पूर्व सांसद सलाखान मुर्मू

रांची: आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने सरना धर्म कोर्ड को मान्यता देने सहित कई मांगों को लेकर हुंकार भरी है. उनका कहना है 2011 की जनगणना में जैन धर्म को मानने वालों की संख्या 44 लाख है जबकि आदिवासियों की संख्या 50 लाख. इसके बावजूद सरना धर्म कोर्ड को अबतक मान्यता नहीं मिली है. जैन समुदाय वालों को मिल चुकी है. इसी को लेकर 15 जून भारत बंद का एलान किया है.

ये भी पढ़ें: Draupadi Murmu in Jharkhand LIVE: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड दौरे का दूसरा दिन, खूंटी में आयोजित कार्यक्रम में हुईं शामिल

30 जून को कोलकाता में बैठक: सरना समिति के सदस्यों और आदिवासी समाज के साथ बैठक करने के बाद आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि भारत बंद के बाद 30 जून 2023 विश्व सरना धर्म जनसभा का आयोजन कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में किया जाएगा. जिसमें पांच लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे.

पारसनाथ पहाड़ आदिवासियों का: उन्होंने बताया कि 15 जून को भारत बंद के माध्यम से वह भारत सरकार से मांग करते हैं कि गिरिडीह के पारसनाथ में मरांग बुरु पहाड़ आदिवासियों के ईश्वर हैं. लेकिन झारखंड सरकार ने 5 जनवरी 2023 को भारत सरकार को यह लिखकर दे दिया कि वह पहाड़ जैन धर्म का है, जो की आदिवासी समाज को अस्वीकार है.

संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा की मांग: वहीं उन्होंने आदिवासियों के संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की मांग की है. सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी समाज को बढ़ावा देने के लिए संताली भाषा को प्रथम राजभाषा में शामिल करना अति आवश्यक है.

महतो को आदिवासी में शामिल का विरोध: उन्होंने कहा कि झारखंड में कुर्मी महतो को आदिवासी बनाने की बात कही जा रही है. जिसका समर्थन कई आदिवासी नेता और राजनीतिक पार्टियां कर रही हैं, लेकिन आदिवासी सेंगल अभियान इसका घोर विरोध करता है. उन्होंने कहा कि यदि कुर्मी महतो आदिवासी बन जाएंगे तो जो फिर मूल आदिवासी हैं उन्हें काफी नुकसान होगा.
गौरतलब है कि आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू आदिवासियों के हक को लेकर लगातार सड़क पर दिख रहे हैं. देश के विभिन्न राज्यों में सड़क पर संघर्ष कर सदन में बैठे लोगों से आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू करने की मांग करते दिख रहे हैं. सालखन मुर्मू वर्तमान में अपने संगठन के साथ देश के 7 राज्यों और 400 प्रखंडों में कार्यकर्ताओं से जुड़ कर भारत बंद को सफल बनाने में जुटे हुए हैं.

जानकारी देते पूर्व सांसद सलाखान मुर्मू

रांची: आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने सरना धर्म कोर्ड को मान्यता देने सहित कई मांगों को लेकर हुंकार भरी है. उनका कहना है 2011 की जनगणना में जैन धर्म को मानने वालों की संख्या 44 लाख है जबकि आदिवासियों की संख्या 50 लाख. इसके बावजूद सरना धर्म कोर्ड को अबतक मान्यता नहीं मिली है. जैन समुदाय वालों को मिल चुकी है. इसी को लेकर 15 जून भारत बंद का एलान किया है.

ये भी पढ़ें: Draupadi Murmu in Jharkhand LIVE: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड दौरे का दूसरा दिन, खूंटी में आयोजित कार्यक्रम में हुईं शामिल

30 जून को कोलकाता में बैठक: सरना समिति के सदस्यों और आदिवासी समाज के साथ बैठक करने के बाद आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि भारत बंद के बाद 30 जून 2023 विश्व सरना धर्म जनसभा का आयोजन कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में किया जाएगा. जिसमें पांच लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे.

पारसनाथ पहाड़ आदिवासियों का: उन्होंने बताया कि 15 जून को भारत बंद के माध्यम से वह भारत सरकार से मांग करते हैं कि गिरिडीह के पारसनाथ में मरांग बुरु पहाड़ आदिवासियों के ईश्वर हैं. लेकिन झारखंड सरकार ने 5 जनवरी 2023 को भारत सरकार को यह लिखकर दे दिया कि वह पहाड़ जैन धर्म का है, जो की आदिवासी समाज को अस्वीकार है.

संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा की मांग: वहीं उन्होंने आदिवासियों के संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की मांग की है. सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी समाज को बढ़ावा देने के लिए संताली भाषा को प्रथम राजभाषा में शामिल करना अति आवश्यक है.

महतो को आदिवासी में शामिल का विरोध: उन्होंने कहा कि झारखंड में कुर्मी महतो को आदिवासी बनाने की बात कही जा रही है. जिसका समर्थन कई आदिवासी नेता और राजनीतिक पार्टियां कर रही हैं, लेकिन आदिवासी सेंगल अभियान इसका घोर विरोध करता है. उन्होंने कहा कि यदि कुर्मी महतो आदिवासी बन जाएंगे तो जो फिर मूल आदिवासी हैं उन्हें काफी नुकसान होगा.
गौरतलब है कि आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू आदिवासियों के हक को लेकर लगातार सड़क पर दिख रहे हैं. देश के विभिन्न राज्यों में सड़क पर संघर्ष कर सदन में बैठे लोगों से आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू करने की मांग करते दिख रहे हैं. सालखन मुर्मू वर्तमान में अपने संगठन के साथ देश के 7 राज्यों और 400 प्रखंडों में कार्यकर्ताओं से जुड़ कर भारत बंद को सफल बनाने में जुटे हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.