रांची: राजधानी रांची के पुंदाग में दुष्कर्म पीड़िता का गुरुवार को छठे दिन भी मेडिकल नहीं हुआ. हालांकि पुंदाग पुलिस को शुक्रवार को सदर अस्पताल में मेडिकल कराने के लिए सिविल सर्जन की ओर से कहा गया है, लेकिन शुक्रवार को भी पीड़िता का मेडिकल होगा या नहीं यह निश्चिंत नहीं है.
तीन बार लौटी अस्पताल से पीड़िता
अब तक तीन बार सदर अस्पताल से पीड़िता बिना मेडिकल कराए लौट चुकी है, जबकि गाइडलाइन के अनुसार 24 घंटे के भीतर मेडिकल करा दिया जाना है.
पीड़िता का मेडिकल सदर अस्पताल की ओर से कोरोना संक्रमण को देखते हुए लौटा दिए जाने की वजह से नहीं हो सका है. इसे लेकर हटिया एएसपी विनीत कुमार ने सिविल सर्जन से बातचीत की.
सिविल सर्जन ने शुक्रवार को मेडिकल कराए जाने की व्यवस्था की बात कही है. हालांकि पुलिस ने साक्ष्य के लिए आरोपित व पीड़िता के वस्त्र को जब्त कर लिया है, जिसे जांच के लिए एफएसएल भेजा जाएगा.
यह भी पढ़ेंः राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 111, रिम्स का कर्मचारी भी पाया गया कोरोना पॉजिटिव
बता दें कि बीते 25 अप्रैल को विक्षिप्त युवती के साथ उसके चचेरे भाई ने ही दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. मामले में पुलिस ने आरोपित को जेल भेज दिया है.
डालसा सचिव से की गई शिकायत इसको लेकर गुरुवार को सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य सचिव, जिला जज ( न्यायायुक्त ) और डीएलएसए सचिव को ईमेल से शिकायत पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की है.
उन्होंने कहा कि 26 अप्रैल को पीड़िता ने पुंदाग ओपी पुलिस (रांची) में केस दर्ज कराया. उसके बाद से पीड़िता को चिकित्सीय जांच के लिए अस्पताल का चक्कर लगवाया जा रहा है. यह दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 164(ए)(2) का उल्लघंन है. चिकित्सीय जांच में देरी से कहीं न कहीं आरोपित को लाभ होगा.