रांचीः झारखंड में मनी लांड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल पर संकट के काले बादल लगातार घिरे हुए हैं. अब ईडी की विशेष अदालत ने पूजा सिंघल के द्वारा फाइल किए गए डिस्चार्ज पिटिशन को खारिज कर दिया गया है. कोर्ट ने पूजा सिंघल के डिस्चार्ज पिटिशन को यह कहकर खारिज किया कि उनके पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
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आरोपी पूजा सिंघल ने डिस्चार्ज पिटिशन फाइल कर कोर्ट से अनुरोध किया था कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाई है, इसलिए उन्हें इस आरोप से मुक्त किया जाए. 25 मार्च को भी पूजा सिंघल के डिस्चार्ज पिटिशन पर विशेष अदालत में सुनवाई हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
जिसको लेकर सोमवार 3 अप्रैल को कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें पूजा सिंघल द्वारा फाइल डिस्चार्ज पिटिशन खारिज कर दिया गया. याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने यह कहा कि खुद को निर्दोष साबित करने के लिए पूजा सिंघल के पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
अब तय होंगे आरोपः ईडी की विशेष अदालत अगली तिथि को होने वाली सुनवाई में पूजा सिंघल के खिलाफ आरोप तय करेगी. सोमवार को हुई ईडी कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रत्यक्ष दस्तावेज और सबूतों के आधार पर आरोपी पूजा सिंघल के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. प्रवर्तन निदेशालय के विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत में आरोपी पूजा सिंघल की सुनवाई हुई.
जिसमें न्यायाधीश ने मामले से जुड़े सभी आरोपियों को निर्देश दिया कि आरोप गठन को लेकर सुनवाई के लिए बुधवार को सभी आरोपी कोर्ट में हाजिर रहेंगे. फिलहाल निलंबित आईएएस पूजा सिंघल अपनी बेटी के इलाज के लिए अंतरिम जमानत पर हैं जबकि अन्य सहयोगी अभी भी जेल में सजा काट रहे हैं.