रांची: पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है. राज्य की हालत बद से बदतर होती जा रही है. राज्य सरकार की ओर से कोरोना से लड़ने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कही जा रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स और सदर अस्पताल की हालत भी लचर है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रांची के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के चाचा की भी जान सरकारी कुव्यवस्था के कारण चली गई.
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मरीजों को नहीं मिल पा रही है मूलभूत सुविधा
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने रविवार को सरकार की व्यवस्था की पोल खोलते हुए कहा कि रांची के तमाम अफसर और प्रशासनिक अधिकारियों से उन्होंने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन ना तो कोई अधिकारी फोन उठा रहे थे और ना ही मदद को कोई आगे आ रहे थे. सरकारी अस्पतालों में खासकर रिम्स में ना तो ऑक्सीजन सिलेंडर है और ना ही मरीजों को किसी प्रकार की मूलभूत सुविधा मिल पा रही है. अब हाल ये है कि रिम्स के बड़े पदाधिकारी, जिनका नंबर उपायुक्त छवि रंजन ने इमरजेंसी के लिए जारी किया है. उन्होंने यह जानते हुए भी फोन नहीं उठाया कि डिप्टी मेयर का फोन है. ऐसे में आम आदमी इमरजेंसी में कैसे बात कर पाएंगे, यह समझ से परे है.
मारवाड़ी सहायक समिति के सदस्यों को दिया धन्यवाद
डिप्टी मेयर ने कहा कि जिले के उच्च पदाधिकारी हो या क्षेत्र मैजिस्ट्रेट कोई भी फोन पिक करने की जहमत नहीं लेते हैं. मरीज को जब प्राइवेट हॉस्पिटल में रखने की मिन्नत की जा रही है तो वे भी फोन उठाना बंद कर देते हैं. घर में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने मारवाड़ी सहायक समिति के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस कठिन घड़ी में समिति की ओर से 2 सिलेंडर उपलब्ध कराया गया है, लेकिन हॉस्पिटल में जगह का इंतजाम नहीं होने और इलाज की कमी के कारण उनके चाचा की मौत हो गयी.
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सिर्फ गाली सुनने के लिए है निकाय
संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि अब सवाल यह है कि वह भी शहर के जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि होने के नाते क्या किया जा रहा है, यह एक बड़ा सवाल है. इसको लेकर जनता भी सवाल खड़े कर रही है, लेकिन सभी व्यवस्था को सरकार और जिला प्रशासन ने अपने अंदर समेट रखा है. ना तो आपदा या नीतिगत बैठक में बुलाई जाती है और ना ही राय ली जाती है. पता नहीं क्यों सरकार नगर निकाय का चुनाव करवाती है. गाली सुनने के लिए निकाय के जनप्रतिनिधि और निर्णय के लिए कोई और होते हैं.