रांचीः एनजीटी नई दिल्ली में दायर वाद ओए नं. 325/2015 के अनुपालन से संबंधित रांची डीसी छवि रंजन ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में बैठक की, जिसमें डिस्ट्रिक्ट इनवायरमेंटल प्लान बनाकर दायरवाद से संबंधित निर्देश का अनुपालन का निर्देश दिया गया.
उपायुक्त ने कहा कि ओए नं. 325/2015 में पारित आदेश के आलोक में माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली की ओर से जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल निकायों के संरक्षण और पुनर्स्थापन पर जोर दिया गया है. उन्होंने प्राप्त दिशा-निर्देशों के आलोक में जल निकायों के संरक्षण का निर्देश दिया.
कैचमेंट एरिया का ट्रीटमेंट प्लान
उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि कुआं, तालाब, झील, जल निकाय, जल संचयन संरचनाओं की स्थापना और उप जल क्षेत्रों में जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जाना महत्वपूर्ण है. इससे संबंधित निर्देश देते हुए उन्होंने पदधिकारियों को जल संग्रहण स्थल में पानी की गुणवत्ता खराब ना हो, इसकी भी समय-समय पर जांच करने को कहा है. साथ ही सभी वाटर बॉडीज, झील की पहचान कर उसकी जियो टैगिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. उपायुक्त ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को तालाब और झील के जीर्णोद्धार को प्राथमिकता देने के साथ-साथ चरणबद्ध तरीके से एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कुआं, तालाब, झील से कूड़ा-कचड़ा इकठ्ठा करने, अतिक्रमण के कारण कैचमेंट एरिया का ट्रीटमेंट प्लान तैयार करने, सभी जल संग्रहण स्थल की डिमार्केशन और सरहदबंदी करने का भी निर्देश दिया है.
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डीसी छवि रंजन ने कहा कि सरकारी, गैर सरकारी तालाब या झील वाले स्थान पर साइन बोर्ड का भी इस्तेमाल करें, ताकि असामाजिक तत्वों की ओर से कचरा ना फैलाया जा सके और पानी को दूषित होने से बचाया जा सके. किसी भी जल संग्रहण स्थल के समीप कचरा फैलाने से रोकने के निमित्त जागरूकता के लिए साइन बोर्ड में उचित दंड के प्रावधानों का भी उल्लेख करें.