रामगढ़: झारखंड का चर्चित रामगढ़ मॉब लिंचिंग मामले में सजायाफ्ता दीपक मिश्रा को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अमिताभ कुमार गुप्ता और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने गुरुवार को दीपक मिश्रा को जमानत की सुविधा प्रदान की है. अदालत ने उन्हें 10 हजार के दो निजी मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया है.
रामगढ़ में हुए मॉब लिंचिंग मामले में सजायाफ्ता दीपक मिश्रा की जमानत याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश अमिताभ कुमार गुप्ता और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई के उपरांत अदालत ने उन्हें जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. अदालत ने दीपक मिश्रा को 10-10 हजार के दो निजी मुचलके पर जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि मामले में जो उन्हें निचली अदालत में सजा दी गई है, उसमें कई विरोधाभास हैं.
वीडियो की नहीं हो सकी पुष्टि
झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को दीपक मिश्रा मामले में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि जमानत याचिका को लेकर कई बातें अदालत के सामने पेश किए गए. अदालत ने कहा कि जिस मोबाइल वीडियो के आभार के तहत उन पर आरोप लगा है. जिस मोबाइल में वीडियो भेजा गया था, उस मोबाइल की जांच नहीं की गई. मोबाइल में वीडियो किसने भेजा किसने यह वीडियो बनाया. जिस दारोगा के मोबाइल पर वीडियो आया उस मोबाइल की जांच नहीं हुई. जिसने सूचना दी थी उसकी पुष्टि नहीं की गई. इसलिए उनके ऊपर जो आरोप लगाया गया है और उनपर सजा सुनाई गई है वह सही नहीं है.
मामले के अन्य दोषियों को पहले ही मिल चुकी है जमानत
बता दें कि मॉब लिंचिंग मामले में रामगढ़ जिला न्यायालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को सजा सुनाई थी. रामगढ़ में प्रतिबंधित मांस ले जाने के मामले में अलीमुद्दीन नामक व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद रामगढ़ अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए मामले के सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. रामगढ़ जिला न्यायालय की ओर से दिए गए आदेश के खिलाफ दोषियों ने हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की थी. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को जमानत दे दी है. मामले में अन्य दोषियों को हाई कोर्ट से पूर्व में ही जमानत मिल चुकी है.