रांची: झारखंड में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में झारखंड प्रदेश कांग्रेस के नए और पुराने नेता, कार्यकर्ता नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव को संकट मोचन के रूप में देख रहे हैं. उनका मानना है कि प्रदेश में अब कांग्रेस का उद्धार उन्हीं के हाथों होगा. कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि विधानसभा चुनाव 2019 में संगठन मजबूत होकर सत्तारूढ़ बीजेपी के 65 पार के लक्ष्य को भेदने में सफल हो सकती है.
लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद प्रदेश कांग्रेस पूरी तरह से शिथिल पड़ गया था और कोई उम्मीद की किरण भी नजर नहीं आ रही थी, लेकिन शीर्ष नेतृत्व के डॉ रामेश्वर उरांव को अध्यक्ष और पांच कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले के बाद पार्टी में एक नई रौनक दिखने लगी है. पहले जहां पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं को तरजीह नहीं दी जा रही थी, वहीं अब नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष उनसे सीधे संवाद स्थापित कर रहे हैं.
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बीजेपी के 65 पार के टारगेट को कांग्रेस करेगी ध्वस्त
रामेश्वर उरांव का मानना है कि पुराने लोगों का अनुभव ही विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 65 पार के टारगेट को ध्वस्त करने का लिए काम आएगा. उन्होंने कहा कि जनता ही चुनाव में फैसला लेती है. भले ही चुनाव में कम दिन बचे हों, लेकिन रघुवर सरकार की जनविरोधी नीतियों से लोगों में खासा आक्रोश है और उसी को ढाल बनाकर पार्टी चुनावी रण में उतरेगी.
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नए प्रदेश अध्यक्ष के मिलने से कार्यकर्ताओं में ऊर्जा
प्रदेश कांग्रेस के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं के बीच नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष के उठने बैठने से एक नई ऊर्जा भी देखी जा रही है. प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने कहा कि एक सही नेतृत्व के तहत विधानसभा चुनाव में पार्टी जाएगी, जिसमें सभी को काम दिया जाएगा और इसका बेहतर परिणाम भी सामने आएगा. वहीं, राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने कहा कि कांग्रेस के लिए डॉ रामेश्वर उरांव संकटमोचन की तरह सामने आए हैं, जिससे प्रदेश कांग्रेस का ही नहीं बल्कि यूपीए को भी फायदा मिलेगा.