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दिल्ली में सोनिया गांधी से मिले सीएम हेमंत सोरेन, राज्यसभा चुनाव पर JMM के फैसले की दी जानकारी - mandar by election

झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है. उन्होंने राज्यसभा चुनाव में जेएमएम का उम्मीदवार उतारने के फैसले की जानकारी दी.

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सीएम हेमंत सोरेन
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Published : May 29, 2022, 7:26 AM IST

दिल्ली: राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने के जेएमएम के फैसले के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है. शनिवार (28 मई 2022) को मुलाकात के दौरान जेएमएम के निर्णय से सोनिया गांधी को अवगत कराया. मुख्यमंत्री के सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे.

ये भी पढ़ें:- राज्यसभा चुनाव के लिए झामुमो का होगा उम्मीदवार, सोनिया से मिलने सीएम हेमंत सोरेन गए दिल्ली

कांग्रेस से नहीं बन पाई सहमति: इससे पहले शनिवार को रांची स्थित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की अध्यक्षता में हुई जेएमएम की बैठक में राज्यसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई. जिसके बाद झामुमो ने साफ कर दिया कि उम्मीदवार उन्ही का होगा. राज्यसभा उम्मीदवार के नाम की घोषणा के लिए शिबू सोरेन अधिकृत किया गया है. झामुमो के फार्मूले के तहत राज्यसभा में झामुमो का उम्मीदवार होगा. उसके बदले में झामुमो मांडर उपचुनाव में कांग्रेस का समर्थन करेगा.

जेएमएम के फैसले से कांग्रेस को झटका: झामुमो ने साफ कर दिया है कि झारखंड के राज्यसभा चुनाव में उनका ही उम्मीदवार होगा. उनके इस फैसले से दोनों दलों के बीच खटास भी आ सकती है. इससे पहले झारखंड कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली गए थे वहां ये फैसला किया था कि किसी अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बनाया जाएगा. अब उन नेताओं की कवायद को झटका लगा है. पार्टी की ओर से कौन राज्यसभा का उम्मीदवार होगा इसके लिए शिबू सोरेन को अधिकृत किया गया है. माना जा रहा है कि पुराने नेता सुप्रियो भट्टाचार्या का नाम भी चर्चा में है तो अन्य नामों के साथ इस नाम पर भी चर्चा होगी. अंतिम फैसला दिशोम गुरु शिबू सोरेन को लेना है.

अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेजना चाहती है कांग्रेस: वर्ष 2020 में शिबू सोरेन महागठबंधन के पहले उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर दिल्ली गए थे. अब राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की बारी का हवाला देकर झामुमो से बड़ा दिल दिखाने की उम्मीद कर रहा था.लेकिन जेएमएम के फैसले से कांग्रेस नेताओं को झटका लगा है.

कंफर्ट जोन में है जेएमएम: राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव में जीत के लिए पहली प्राथमिकता का 27 मत जरूरी होगा. ऐसे में 30 विधायकों वाली पार्टी जेएमएम के लिए एक सीट पक्का है. कांग्रेस की बात करें तो बंधु तिर्की की सदस्यता चले जाने के बाद प्रदीप यादव को मिलाकर विधायकों की संख्या 17 है, भाजपा के विधायकों की संख्या बाबूलाल मरांडी को मिलाकर 26 है. आजसू के दो विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी भी अपना एक सीट पक्का मान रही है. दूसरे दलों में एनसीपी के एक, माले के एक, आरजेडी का एक और दो निर्दलीय विधायक हैं. इस तरह झारखंड विधानसभा में अभी विधायकों की कुल संख्या 80 है.

दिल्ली: राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने के जेएमएम के फैसले के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है. शनिवार (28 मई 2022) को मुलाकात के दौरान जेएमएम के निर्णय से सोनिया गांधी को अवगत कराया. मुख्यमंत्री के सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे.

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कांग्रेस से नहीं बन पाई सहमति: इससे पहले शनिवार को रांची स्थित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की अध्यक्षता में हुई जेएमएम की बैठक में राज्यसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई. जिसके बाद झामुमो ने साफ कर दिया कि उम्मीदवार उन्ही का होगा. राज्यसभा उम्मीदवार के नाम की घोषणा के लिए शिबू सोरेन अधिकृत किया गया है. झामुमो के फार्मूले के तहत राज्यसभा में झामुमो का उम्मीदवार होगा. उसके बदले में झामुमो मांडर उपचुनाव में कांग्रेस का समर्थन करेगा.

जेएमएम के फैसले से कांग्रेस को झटका: झामुमो ने साफ कर दिया है कि झारखंड के राज्यसभा चुनाव में उनका ही उम्मीदवार होगा. उनके इस फैसले से दोनों दलों के बीच खटास भी आ सकती है. इससे पहले झारखंड कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली गए थे वहां ये फैसला किया था कि किसी अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बनाया जाएगा. अब उन नेताओं की कवायद को झटका लगा है. पार्टी की ओर से कौन राज्यसभा का उम्मीदवार होगा इसके लिए शिबू सोरेन को अधिकृत किया गया है. माना जा रहा है कि पुराने नेता सुप्रियो भट्टाचार्या का नाम भी चर्चा में है तो अन्य नामों के साथ इस नाम पर भी चर्चा होगी. अंतिम फैसला दिशोम गुरु शिबू सोरेन को लेना है.

अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेजना चाहती है कांग्रेस: वर्ष 2020 में शिबू सोरेन महागठबंधन के पहले उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर दिल्ली गए थे. अब राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की बारी का हवाला देकर झामुमो से बड़ा दिल दिखाने की उम्मीद कर रहा था.लेकिन जेएमएम के फैसले से कांग्रेस नेताओं को झटका लगा है.

कंफर्ट जोन में है जेएमएम: राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव में जीत के लिए पहली प्राथमिकता का 27 मत जरूरी होगा. ऐसे में 30 विधायकों वाली पार्टी जेएमएम के लिए एक सीट पक्का है. कांग्रेस की बात करें तो बंधु तिर्की की सदस्यता चले जाने के बाद प्रदीप यादव को मिलाकर विधायकों की संख्या 17 है, भाजपा के विधायकों की संख्या बाबूलाल मरांडी को मिलाकर 26 है. आजसू के दो विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी भी अपना एक सीट पक्का मान रही है. दूसरे दलों में एनसीपी के एक, माले के एक, आरजेडी का एक और दो निर्दलीय विधायक हैं. इस तरह झारखंड विधानसभा में अभी विधायकों की कुल संख्या 80 है.

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