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कोयला परियोजना के लिए सुरक्षा मांग रहे रेलवे-सीसीएल, मुख्य सचिव-डीजीपी को लिखा पत्र

झारखंड में नक्सलियो की टेरर फंडिंग के लिए बदनाम मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से रेलवे, सीसीएल और राज्य सरकार को रोजना 18-20 करोड़ का नुकसान हो रहा है. अलग-अलग साइडिंग से लोडिंग रोके जाने से हो रहे नुकसान को लेकर पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने चिंता जाहिर की है. रेलवे ने मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर कोल परियोजना के लिए सुरक्षा की मांग की है. इस संबंध में सीसीएल ने पत्राचार कर अपनी चिंता जाहिर की है.

magadh amrapali coal project
मगध-आम्रपाली कोल परियोजना
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Published : Aug 24, 2020, 10:56 PM IST

रांचीः झारखंड में नक्सलियो की टेरर फंडिंग के लिए बदनाम मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से रेलवे, सीसीएल और राज्य सरकार को रोजना 18-20 करोड़ का नुकसान हो रहा है. अलग-अलग साइडिंग से लोडिंग रोके जाने से हो रहे नुकसान को लेकर पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने चिंता जाहिर की है. रेलवे ने मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर कोल परियोजना के लिए सुरक्षा की मांग की है. इस संबंध में सीसीएल ने पत्राचार कर अपनी चिंता जाहिर की है.

क्या है मामला

रेलवे के महाप्रबंधक ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखकर कोल लोडिंग लगातार रोके जाने को लेकर चिंता जाहिर की है. रेलवे ने लिखा है कि कुछ राजनीतिज्ञ स्थानीय लोगों को उकसाकर कोयले का उठाव रोक रहे हैं. सीसीएल के शिवपुर और फुलबसिया रेलवे साइडिंग से 17 अगस्त से कोयले का परिवहन रोक दिया गया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इससे रोजाना 12 रैक कोयला ऊर्जा कंपनियों तक नहीं पहुंच पा रहा है. इससे सिर्फ रेलवे को रोजना छह से सात करोड़ का नुकसान हो रहा है. वहीं राजधर साइडिंग से भी 26 जून से कोयले का परिवहन रोक दिया गया था, जिससे अरबों का नुकसान हो चुका है. किसी तरह 19 अगस्त से वहां परिवहन शुरू हो पाया है.

ये भी पढ़ें-टंडवा कोल परियोजना को लेकर आंदोलन जारी, आंदोलकारियों को मिला विधायक अंबा प्रसाद का साथ

हजारीबाग के बानदाग साइडिंग से भी कोयला परिवहन प्रभावित

रेलवे ने डीजीपी को बताया है कि हजारीबाग के बानदाग में भी एनटीपीसी को जाने वाले कोयले की ट्रांसपोर्टिंग 6 जुलाई से 25 जुलाई तक रोक दी गई थी. इस रूट में फिर से 22 अगस्त से स्थानीय राजनीतिज्ञ के उकसावे पर कोयले का परिवहन रोक दिया गया है. रेलवे ने चिंता जाहिर की है कि लगातार कोयला ट्रांसपोर्टेशन रोके जाने से ऊर्जा कंपनियों को वक्त पर कोयला नहीं पहुंच पा रहा, वहीं रेलवे को भी राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है. रेलवे ने कोयला ट्रांसपोर्टेशन न रोका जा सके, इसके लिए पुलिस की पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की है.

सीसीएल ने भी चतरा डीसी से मांगी सुरक्षा

सीसीएल के डायरेक्टर फाइनेंस ने भी पूरे मामले में चतरा डीसी को पत्र लिखकर आम्रपाली परियोजना में कानून व्यवस्था बनाए रखने की मांग की है. पत्र में बताया गया है कि केवल शिवपुर साइडिंग से ट्रांसपोर्टेशन रोके जाने से राज्य सरकार को रोजाना 2.31 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है. रोजाना एक रेलवे साइडिंग से कोयला उठाव बंद होने से 60 हजार टन कोयला ऊर्जा कंपनियों तक नहीं पहुंच पा रहा.

रांचीः झारखंड में नक्सलियो की टेरर फंडिंग के लिए बदनाम मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से रेलवे, सीसीएल और राज्य सरकार को रोजना 18-20 करोड़ का नुकसान हो रहा है. अलग-अलग साइडिंग से लोडिंग रोके जाने से हो रहे नुकसान को लेकर पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने चिंता जाहिर की है. रेलवे ने मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर कोल परियोजना के लिए सुरक्षा की मांग की है. इस संबंध में सीसीएल ने पत्राचार कर अपनी चिंता जाहिर की है.

क्या है मामला

रेलवे के महाप्रबंधक ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखकर कोल लोडिंग लगातार रोके जाने को लेकर चिंता जाहिर की है. रेलवे ने लिखा है कि कुछ राजनीतिज्ञ स्थानीय लोगों को उकसाकर कोयले का उठाव रोक रहे हैं. सीसीएल के शिवपुर और फुलबसिया रेलवे साइडिंग से 17 अगस्त से कोयले का परिवहन रोक दिया गया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इससे रोजाना 12 रैक कोयला ऊर्जा कंपनियों तक नहीं पहुंच पा रहा है. इससे सिर्फ रेलवे को रोजना छह से सात करोड़ का नुकसान हो रहा है. वहीं राजधर साइडिंग से भी 26 जून से कोयले का परिवहन रोक दिया गया था, जिससे अरबों का नुकसान हो चुका है. किसी तरह 19 अगस्त से वहां परिवहन शुरू हो पाया है.

ये भी पढ़ें-टंडवा कोल परियोजना को लेकर आंदोलन जारी, आंदोलकारियों को मिला विधायक अंबा प्रसाद का साथ

हजारीबाग के बानदाग साइडिंग से भी कोयला परिवहन प्रभावित

रेलवे ने डीजीपी को बताया है कि हजारीबाग के बानदाग में भी एनटीपीसी को जाने वाले कोयले की ट्रांसपोर्टिंग 6 जुलाई से 25 जुलाई तक रोक दी गई थी. इस रूट में फिर से 22 अगस्त से स्थानीय राजनीतिज्ञ के उकसावे पर कोयले का परिवहन रोक दिया गया है. रेलवे ने चिंता जाहिर की है कि लगातार कोयला ट्रांसपोर्टेशन रोके जाने से ऊर्जा कंपनियों को वक्त पर कोयला नहीं पहुंच पा रहा, वहीं रेलवे को भी राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है. रेलवे ने कोयला ट्रांसपोर्टेशन न रोका जा सके, इसके लिए पुलिस की पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की है.

सीसीएल ने भी चतरा डीसी से मांगी सुरक्षा

सीसीएल के डायरेक्टर फाइनेंस ने भी पूरे मामले में चतरा डीसी को पत्र लिखकर आम्रपाली परियोजना में कानून व्यवस्था बनाए रखने की मांग की है. पत्र में बताया गया है कि केवल शिवपुर साइडिंग से ट्रांसपोर्टेशन रोके जाने से राज्य सरकार को रोजाना 2.31 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है. रोजाना एक रेलवे साइडिंग से कोयला उठाव बंद होने से 60 हजार टन कोयला ऊर्जा कंपनियों तक नहीं पहुंच पा रहा.

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