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झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड के निर्माण कार्य पर उठ रहे सवाल, जानिए क्या है वजह - झारखंड न्यूज

झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड के निर्माण कार्य पर सवाल उठ रहे हैं. रांची के अरगोड़ा चौक पर हाउसिंग बोर्ड ने बगैर डीपीआर के ही दुकान का निर्माण शुरू कर दिया है. Housing Board shop construction in Ranchi.

Questions on construction work of Jharkhand State Housing Board
झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड के निर्माण कार्य पर सवाल
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 10, 2023, 5:21 PM IST

Updated : Oct 10, 2023, 5:33 PM IST

हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बन रही दुकानों पर ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

रांचीः झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड इन दिनों अतिक्रमित हो रही संपत्तियों को बचाने में जुटा है. जिसके तहत खाली पड़ी जमीन और फ्लैट की घेराबंदी कराने का निर्णय लिया है. इस काम के बहाने कुछ ऐसे भी निर्णय लिए जा रहे हैं जो जनहित के ठीक विपरीत प्रतीत हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- अतिक्रमणकारियों पर हाउसिंग बोर्ड मेहरबान, कब्जा का प्रमाण पत्र दिखाते ही आवंटित हो जाएगी संपत्ति, जानिए इसके लिए क्या है तैयारी

हम बात कर रहे हैं, राजधानी के सबसे वीवीआईपी सड़क किनारे हाउसिंग की एक प्रॉपर्टी की, जिसपर लंबे समय तक अवैध कब्जा रहा. कानूनी लड़ाई के बाद हाई कोर्ट में हाउसिंग बोर्ड की जीत हुई और अरगोड़ा चौक स्थित करोड़ों के भूखंड को कब्जे में लेने में आवास बोर्ड सफल रहा. इसके बाद आवास बोर्ड इस जगह पर दुकान बनाकर बेचने की तैयारी में है. हाउसिंग बोर्ड का तर्क है कि इससे भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होगी. इस जगह पर करीब दो दर्जन दुकान बनाने की तैयारी है. कमाई के उदेश्य से शुरू हुई इस तैयारी में हाउसिंग बोर्ड ने बड़ी गलती कर दी है. यहां पर बगैर डीपीआर के दुकान का निर्माण शुरू कर दिया है.

अरगोड़ा चौक पर रोड होगा चौड़ा और फ्लाईओवर बनाने का प्रस्तावः रांची के अरगोड़ा चौक किनारे हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बन रही दुकानों का भी वही हश्र होगा जो कुछ साल पहले हाउसिंग बोर्ड की चार दुकानों का हुआ था. सड़क चौड़ीकरण में सभी चार दुकानें तोड़ दिये गये और आज उसमें दुकान लगाने वाले मनोज साहु जैसे लोग गुमटी में आ गए. इसी तरह की आशंका आवास बोर्ड के निर्माणाधीन दुकान को लेकर होने लगा है.

अरगोड़ा चौक पर संकीर्णता की वजह से आए दिन जाम लगते रहते हैं. वीवीआईपी मूवमेंट होने की वजह से यह मार्ग अतिसंवेदनशील माना जाता है जहां से हर दिन मुख्यमंत्री, राज्यपाल समेत अन्य वीआईपी गुजरते हैं. ऐसे में अगर यहां दुकानें बन जाती हैं तो स्वाभाविक रुप से लोग खरीदारी के लिए आएंगे और पार्किंग की समस्या उत्पन्न होगी. इतना ही नहीं भविष्य में प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण और फ्लाईओवर निर्माण से ये दुकान एक बार फिर तोड़ी जाएंगी. ऐसे में आवास बोर्ड को भारी क्षति होगी और पैसे की बर्बादी भी होगी. स्थानीय उत्तम दूबे कहते हैं कि सरकार को सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए. आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों है जिस वजह से भविष्य का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. ऐसी प्लानिंग होनी चाहिए जिससे या तो दुकान नहीं टूटे या सड़क चौड़ा होने तक दुकान नहीं बने या उसको ध्यान में रखना होगा.

हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बन रही दुकानों पर ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

रांचीः झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड इन दिनों अतिक्रमित हो रही संपत्तियों को बचाने में जुटा है. जिसके तहत खाली पड़ी जमीन और फ्लैट की घेराबंदी कराने का निर्णय लिया है. इस काम के बहाने कुछ ऐसे भी निर्णय लिए जा रहे हैं जो जनहित के ठीक विपरीत प्रतीत हो रहा है.

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हम बात कर रहे हैं, राजधानी के सबसे वीवीआईपी सड़क किनारे हाउसिंग की एक प्रॉपर्टी की, जिसपर लंबे समय तक अवैध कब्जा रहा. कानूनी लड़ाई के बाद हाई कोर्ट में हाउसिंग बोर्ड की जीत हुई और अरगोड़ा चौक स्थित करोड़ों के भूखंड को कब्जे में लेने में आवास बोर्ड सफल रहा. इसके बाद आवास बोर्ड इस जगह पर दुकान बनाकर बेचने की तैयारी में है. हाउसिंग बोर्ड का तर्क है कि इससे भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होगी. इस जगह पर करीब दो दर्जन दुकान बनाने की तैयारी है. कमाई के उदेश्य से शुरू हुई इस तैयारी में हाउसिंग बोर्ड ने बड़ी गलती कर दी है. यहां पर बगैर डीपीआर के दुकान का निर्माण शुरू कर दिया है.

अरगोड़ा चौक पर रोड होगा चौड़ा और फ्लाईओवर बनाने का प्रस्तावः रांची के अरगोड़ा चौक किनारे हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बन रही दुकानों का भी वही हश्र होगा जो कुछ साल पहले हाउसिंग बोर्ड की चार दुकानों का हुआ था. सड़क चौड़ीकरण में सभी चार दुकानें तोड़ दिये गये और आज उसमें दुकान लगाने वाले मनोज साहु जैसे लोग गुमटी में आ गए. इसी तरह की आशंका आवास बोर्ड के निर्माणाधीन दुकान को लेकर होने लगा है.

अरगोड़ा चौक पर संकीर्णता की वजह से आए दिन जाम लगते रहते हैं. वीवीआईपी मूवमेंट होने की वजह से यह मार्ग अतिसंवेदनशील माना जाता है जहां से हर दिन मुख्यमंत्री, राज्यपाल समेत अन्य वीआईपी गुजरते हैं. ऐसे में अगर यहां दुकानें बन जाती हैं तो स्वाभाविक रुप से लोग खरीदारी के लिए आएंगे और पार्किंग की समस्या उत्पन्न होगी. इतना ही नहीं भविष्य में प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण और फ्लाईओवर निर्माण से ये दुकान एक बार फिर तोड़ी जाएंगी. ऐसे में आवास बोर्ड को भारी क्षति होगी और पैसे की बर्बादी भी होगी. स्थानीय उत्तम दूबे कहते हैं कि सरकार को सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए. आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों है जिस वजह से भविष्य का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. ऐसी प्लानिंग होनी चाहिए जिससे या तो दुकान नहीं टूटे या सड़क चौड़ा होने तक दुकान नहीं बने या उसको ध्यान में रखना होगा.

Last Updated : Oct 10, 2023, 5:33 PM IST
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