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रांची के राजभवन के समक्ष नर्सों और पारा मेडिकल कर्मियों का आमरण अनशन जारी, फिर एक कर्मी की तबीयत बिगड़ी, सदर अस्पताल में कराया गया भर्ती

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Published : Jan 27, 2023, 8:01 PM IST

झारखंड में अनुबंध पर कार्यरत नर्सों और पारा मेडिकल कर्मियों का आमरण अनशन तीन दिन से जारी है, लेकिन इनकी स्थायीकरण की मांग अब तक पूरी नहीं हो पायी है. इस दौरान अनशन पर बैठे स्वास्थ्य कर्मियों की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है. शुक्रवार को भी एक कर्मी की तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Protest Of Nurses And Para Medical Staff In Ranchi
Para Medical Staff During Treatment In Sadar Hospital

रांचीः सेवा स्थायीकरण की एक सूत्री मांग को लेकर राज्यभर के एनएचएम अनुबंधित एएनएम, जीएनएम नर्स और पारा मेडिकलकर्मी 24 जनवरी से राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे हैं. आमरण अनशन पर बैठे 21 नर्सें और पारा मेडिकल कर्मियों में से कई की तबीयत खराब हो गई है. शुक्रवार दोपहर बाद लैब तकनीशियन नवीन कुमार की तबीयत ज्यादा खराब हो जाने के बाद उन्हें आनन-फानन में सदर अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. जहां उनकी सेहत स्थिर बनी हुई है. गुरुवार को भी एक अनशनकारी अनुबंधित नर्स बबीता की तबीयत बिगड़ गई थी. डॉक्टरी जांच के बाद उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराने को लेकर अनशनकारियों, अस्पताल प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई थी. अनशनकारी राजभवन के समक्ष ही इलाज करने की जिद कर रहे थे, जबकि डॉक्टर के अनुसार इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना जरूरी बताया जा रहा था. शुक्रवार को भी अनशन स्थल पर बेहोश हो गए नवीन कुमार को अस्पताल में भर्ती कराए जाने को लेकर कल की ही तरह बकझक हुई.

ये भी पढे़ं-NHM निदेशक का घेराव करने रांची पहुंचे सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी, 30 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी

21 नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ बैठे हैं आमरण अनशन पर: रांची की एएनएम धरनी कुमारी, रांची की एएनएम सूर्यकान्ति कुमारी, रांची की एएनएम ममता कुमारी, रांची की एएनएम पूर्णिमा कुमारी, रांची की एएनएम वीणा कुमारी, देवघर की एएनएम शिवरानी कुमारी, रांची की एएनएम अंजलीना खाखा, रांची की एएनएम पूनम कुमारी, जामताड़ा की एएनएम नंदनी कुमारी, जामताड़ की जीएनएम ललिता कुमारी, जामताड़ा की जीएनएम अनीता कुमारी, साहिबगंज की एएनएम बबीता कुमारी, बालूमाथ की एएनएम टेरेसा मिंज, बलूमाथ की एएनएम अरुणा टोप्पो, हजारीबाग की एएनएम सुनीता कुमारी, लातेहार के एलटी बिनय कुमार सिंह, पलामू के फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमारी, हजारीबाग के लैब तकनीशियन नवीन कुमार, धनबद के लैब तकनीशियन सुशांत कुमारी दास, सरायकेल खरसावां के एक्स-रे तकनीशियन रंजीत सुरीन, कोडरमा के जीएनएम प्रदीप कुमार

इनकी बिगड़ी है तबीयतः आज जिस अनशनकारी की तबीयत बिगड़ी है उसमें हजारीबाग के लैब तकनीशियन नवीन कुमार रंजन को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है. जबकि गुरुवार को साहिबगंज की बबीता कुमारी को तबीयत बिगड़ने पर एम्बुलेंस से सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उन्हें दवा और स्लाइन चढ़ाया जा रहा था. शुक्रवार को वह बिना डॉक्टरी सलाह के सदर अस्पताल से फिर अनशन स्थल पहुंच गईं और अनशन शुरू कर दिया. बाकी कल उन्हें सीने में दर्द और बीपी में उतार चढ़ाव के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और डॉक्टर्स ने उन्हें शुक्रवार को डिस्चार्ज करने से इनकार कर दिया था. राजभवन धरना-अनशन स्थल पर भी बीना कुमारी, धरनी कुमारी सहित कई नर्सो की तबीयत अभी भी खराब है, लेकिन वह अभी भी धरनास्थल पर ही अनशन पर हैं.

16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेराव के बाद से जारी है आंदोलनः झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम एएनएम-जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वाधान में राज्य के समस्त पार मेडिकल कर्मी एएनएम, जीएनएम नर्सें, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, ऑप्थलमिक असिस्टेंट, फिजियोथेरेपिस्ट एक सूत्री मांग सेवा स्थायीकरण को लेकर 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव, 17 जनवरी से 23 जनवरी तक राजभवन के समक्ष धरना दिया था. 24 जनवरी से 21 नर्से-पारा मेडिकलकर्मी आमरण अनशन पर हैं. इस दौरान राज्य भर में साढ़े आठ हजार नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं.

राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठपः हड़ताल की वजह से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है. रूटीन टीकाकरण भी नहीं हो रहा है. जिसका खामियाजा मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में और जिला स्तरीय संस्थानों में देखा जा रहा है. टीकाकरण, प्रसव, लैब, फार्मेसी आदि कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन स्वास्थ्य प्रबंधन ने सदर अस्पतालों में अन्य क्षेत्रों के कर्मियों और आउट सोर्सिंग से बहाल हुई नर्सो के भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है जो सफल नहीं हो रहा है.

विधानसभा में किए वादे को पूरा नहीं कर रही है सरकारः आंदोलित अनुबंधित नर्सिंग एसोसिएशन के संयुक्त सचिव विनीता कुमारी ने कहा कि विधानसभा के अंदर एनएचएम के अनुबंधित नर्सो और पारा मेडिकलकर्मियो की सेवा स्थायीकरण को लेकर सकारात्मक जवाब देने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग और सरकार की चुप्पी दुःखद है और अब नर्सो का आंदोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा.

रांचीः सेवा स्थायीकरण की एक सूत्री मांग को लेकर राज्यभर के एनएचएम अनुबंधित एएनएम, जीएनएम नर्स और पारा मेडिकलकर्मी 24 जनवरी से राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे हैं. आमरण अनशन पर बैठे 21 नर्सें और पारा मेडिकल कर्मियों में से कई की तबीयत खराब हो गई है. शुक्रवार दोपहर बाद लैब तकनीशियन नवीन कुमार की तबीयत ज्यादा खराब हो जाने के बाद उन्हें आनन-फानन में सदर अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. जहां उनकी सेहत स्थिर बनी हुई है. गुरुवार को भी एक अनशनकारी अनुबंधित नर्स बबीता की तबीयत बिगड़ गई थी. डॉक्टरी जांच के बाद उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराने को लेकर अनशनकारियों, अस्पताल प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई थी. अनशनकारी राजभवन के समक्ष ही इलाज करने की जिद कर रहे थे, जबकि डॉक्टर के अनुसार इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना जरूरी बताया जा रहा था. शुक्रवार को भी अनशन स्थल पर बेहोश हो गए नवीन कुमार को अस्पताल में भर्ती कराए जाने को लेकर कल की ही तरह बकझक हुई.

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21 नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ बैठे हैं आमरण अनशन पर: रांची की एएनएम धरनी कुमारी, रांची की एएनएम सूर्यकान्ति कुमारी, रांची की एएनएम ममता कुमारी, रांची की एएनएम पूर्णिमा कुमारी, रांची की एएनएम वीणा कुमारी, देवघर की एएनएम शिवरानी कुमारी, रांची की एएनएम अंजलीना खाखा, रांची की एएनएम पूनम कुमारी, जामताड़ा की एएनएम नंदनी कुमारी, जामताड़ की जीएनएम ललिता कुमारी, जामताड़ा की जीएनएम अनीता कुमारी, साहिबगंज की एएनएम बबीता कुमारी, बालूमाथ की एएनएम टेरेसा मिंज, बलूमाथ की एएनएम अरुणा टोप्पो, हजारीबाग की एएनएम सुनीता कुमारी, लातेहार के एलटी बिनय कुमार सिंह, पलामू के फार्मासिस्ट सत्येंद्र कुमारी, हजारीबाग के लैब तकनीशियन नवीन कुमार, धनबद के लैब तकनीशियन सुशांत कुमारी दास, सरायकेल खरसावां के एक्स-रे तकनीशियन रंजीत सुरीन, कोडरमा के जीएनएम प्रदीप कुमार

इनकी बिगड़ी है तबीयतः आज जिस अनशनकारी की तबीयत बिगड़ी है उसमें हजारीबाग के लैब तकनीशियन नवीन कुमार रंजन को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है. जबकि गुरुवार को साहिबगंज की बबीता कुमारी को तबीयत बिगड़ने पर एम्बुलेंस से सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उन्हें दवा और स्लाइन चढ़ाया जा रहा था. शुक्रवार को वह बिना डॉक्टरी सलाह के सदर अस्पताल से फिर अनशन स्थल पहुंच गईं और अनशन शुरू कर दिया. बाकी कल उन्हें सीने में दर्द और बीपी में उतार चढ़ाव के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और डॉक्टर्स ने उन्हें शुक्रवार को डिस्चार्ज करने से इनकार कर दिया था. राजभवन धरना-अनशन स्थल पर भी बीना कुमारी, धरनी कुमारी सहित कई नर्सो की तबीयत अभी भी खराब है, लेकिन वह अभी भी धरनास्थल पर ही अनशन पर हैं.

16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेराव के बाद से जारी है आंदोलनः झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम एएनएम-जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वाधान में राज्य के समस्त पार मेडिकल कर्मी एएनएम, जीएनएम नर्सें, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, ऑप्थलमिक असिस्टेंट, फिजियोथेरेपिस्ट एक सूत्री मांग सेवा स्थायीकरण को लेकर 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव, 17 जनवरी से 23 जनवरी तक राजभवन के समक्ष धरना दिया था. 24 जनवरी से 21 नर्से-पारा मेडिकलकर्मी आमरण अनशन पर हैं. इस दौरान राज्य भर में साढ़े आठ हजार नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं.

राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठपः हड़ताल की वजह से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है. रूटीन टीकाकरण भी नहीं हो रहा है. जिसका खामियाजा मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में और जिला स्तरीय संस्थानों में देखा जा रहा है. टीकाकरण, प्रसव, लैब, फार्मेसी आदि कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन स्वास्थ्य प्रबंधन ने सदर अस्पतालों में अन्य क्षेत्रों के कर्मियों और आउट सोर्सिंग से बहाल हुई नर्सो के भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है जो सफल नहीं हो रहा है.

विधानसभा में किए वादे को पूरा नहीं कर रही है सरकारः आंदोलित अनुबंधित नर्सिंग एसोसिएशन के संयुक्त सचिव विनीता कुमारी ने कहा कि विधानसभा के अंदर एनएचएम के अनुबंधित नर्सो और पारा मेडिकलकर्मियो की सेवा स्थायीकरण को लेकर सकारात्मक जवाब देने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग और सरकार की चुप्पी दुःखद है और अब नर्सो का आंदोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा.

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