रांची: झारखंड राज्य सहकारी बैंक कर्मचारी संघ की ओर से सोमवार को को-ऑपरेटिव बैंक के सामने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. धरना पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि सहकारी बैंक के प्रबंधन की ओर से दमनकारी नीति अपनाते हुए बिना सूचना के ही 7 कम्प्यूटर ऑपरेटरों को निकाल दिया गया है. सिमडेगा और गुमला में भी 15 कर्मचारियों को निकालने का धरना-प्रदर्शन में विरोध किया गया.
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धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि जिस प्रकार से प्रबंधन की ओर से एजीएम और डीजीएम की नियुक्ति की गई है. वो नियुक्ति की प्रक्रिया बिल्कुल ही अवैध है क्योंकि नाबार्ड की अनुशंसा के बगैर इन पदों पर नियुक्ति नहीं की जा सकती. इसके बावजूद प्रबंधन की ओर से गलत तरीके से नियुक्ति की गई. वहीं धरना पर बैठे कर्मचारियों ने स्थानीय प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जल्द से जल्द ग्रेड पे और कर्मचारियों का प्रमोशन लागू किया जाए क्योंकि उच्चतर अधिकारियों की ओर से ग्रेड पे और प्रमोशन की अनुशंसा कर दी गई है. लेकिन स्थानीय प्रबंधन ने मनमानी करते हुए इस पर रोक लगा दी है.
विरोध कर रहे कर्मचारियों ने स्थानीय प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो वे लोग 26 मार्च को सांकेतिक हड़ताल पर जाएंगे. यदि उसके बाद भी सहकारी बैंक के अधिकारी विचार नहीं करते हैं तो राज्य भर में 105 शाखाओं के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और इसके नुकसान का जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्रबंधन होगा.