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कांके में ग्रामीणों का पैदल मार्च, कहा-किसी भी कीमत पर नहीं देंगे जमीन

राजधानी के कांके प्रखंड अंतर्गत रेंडो पतरातू गांव में विधायक और पूर्व विधायकों के लिए आवास निर्माण के लिए 52 एकड़ भूमि अधिग्रहण का काम किया जा रहा है. इस अधिग्रहण का स्थानीय ग्रामीण और रैयत जोरदार विरोध कर रहे हैं.

कांके में ग्रामीणों का पैदल मार्च
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Published : Feb 5, 2019, 6:56 PM IST

रांचीः राजधानी के कांके प्रखंड अंतर्गत रेंडो पतरातू गांव में विधायक और पूर्व विधायकों के लिए आवास निर्माण के लिए 52 एकड़ भूमि अधिग्रहण का काम किया जा रहा है. इस अधिग्रहण का स्थानीय ग्रामीण और रैयत जोरदार विरोध कर रहे हैं.

मंगलवार को सैकड़ों ग्रामीणों और रैयतों ने पारंपरिक तरीके से हथियार के साथ पैदल मार्च कर कांके अंचल कार्यालय के घेराव की कोशिश की. पुलिस ने घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को कांके अंचल कार्यालय से पहले बोड़िया चौक के पास ही रोक लिया. इसके बाद सभी प्रदर्शनकारी बोड़िया चौक की मुख्य सड़क पर ही धरना पर बैठ गए. राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

कांके में ग्रामीणों का पैदल मार्च
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ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुरेश बैठा ने बताया कि1970-71 में केंद्र सरकार ने भूमिहीन लोगों को भूदान के तहत जमीन दी थी. इसके बाद ग्रामीण उस जमीन पर खेती कर अपनी जीविका चला रहे हैं. कांके अंचलाधिकारी ने राज्य सरकार को अंधेरे में रखकर गलत रिपोर्ट सौंपी. जिसमें 52 एकड़ जमीन को सरकारी और खाली बताकर अधिग्रहण करने की अनुशंसा की गई. जमीन मालिकों के नाम, प्रमाण पत्र और पंजी 2 में दर्ज हैं. ऐसे में सरकार जबरन जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकती. अगर जमीन जबरन अधिग्रहण किया तो आगे कांग्रेस पार्टी उसके विरुद्ध जमकर आंदोलन करेगी.

ये भी पढ़ें- गिरिडीह: सीएम के कार्यक्रम में BLACK पर BAN, उतरवा दिए गए काले रंग के कपड़े

अधिग्रहण की जा रही जमीन 16 लोगों को दी गयी थी. सभी जमीन मालिकों ने मालिकाना हक का प्रमाण दिखाते हुए कहा कि 1970-71 में केंद्र सरकार ने भूमिहीन लोगों को अपनी जीविका चलाने के लिए दान में जमीन दी थी. उसी जमीन पर सभी सालों से खेती कर अपना पेट पाल रहे हैं. जिसे आज राज्य सरकार जबरन हड़पने की कोशिश कर रही है. लेकिन हम सभी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे. इसके लिए कुछ भी करना पड़े.

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रांचीः राजधानी के कांके प्रखंड अंतर्गत रेंडो पतरातू गांव में विधायक और पूर्व विधायकों के लिए आवास निर्माण के लिए 52 एकड़ भूमि अधिग्रहण का काम किया जा रहा है. इस अधिग्रहण का स्थानीय ग्रामीण और रैयत जोरदार विरोध कर रहे हैं.

मंगलवार को सैकड़ों ग्रामीणों और रैयतों ने पारंपरिक तरीके से हथियार के साथ पैदल मार्च कर कांके अंचल कार्यालय के घेराव की कोशिश की. पुलिस ने घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को कांके अंचल कार्यालय से पहले बोड़िया चौक के पास ही रोक लिया. इसके बाद सभी प्रदर्शनकारी बोड़िया चौक की मुख्य सड़क पर ही धरना पर बैठ गए. राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

कांके में ग्रामीणों का पैदल मार्च
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ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुरेश बैठा ने बताया कि1970-71 में केंद्र सरकार ने भूमिहीन लोगों को भूदान के तहत जमीन दी थी. इसके बाद ग्रामीण उस जमीन पर खेती कर अपनी जीविका चला रहे हैं. कांके अंचलाधिकारी ने राज्य सरकार को अंधेरे में रखकर गलत रिपोर्ट सौंपी. जिसमें 52 एकड़ जमीन को सरकारी और खाली बताकर अधिग्रहण करने की अनुशंसा की गई. जमीन मालिकों के नाम, प्रमाण पत्र और पंजी 2 में दर्ज हैं. ऐसे में सरकार जबरन जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकती. अगर जमीन जबरन अधिग्रहण किया तो आगे कांग्रेस पार्टी उसके विरुद्ध जमकर आंदोलन करेगी.

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अधिग्रहण की जा रही जमीन 16 लोगों को दी गयी थी. सभी जमीन मालिकों ने मालिकाना हक का प्रमाण दिखाते हुए कहा कि 1970-71 में केंद्र सरकार ने भूमिहीन लोगों को अपनी जीविका चलाने के लिए दान में जमीन दी थी. उसी जमीन पर सभी सालों से खेती कर अपना पेट पाल रहे हैं. जिसे आज राज्य सरकार जबरन हड़पने की कोशिश कर रही है. लेकिन हम सभी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे. इसके लिए कुछ भी करना पड़े.

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Intro:रांची

राजधानी रांची के कांके प्रखंड अंतर्गत रेडों पतरातू गांव में राज्य सरकार द्वारा विधायक और पूर्व विधायकों के लिए आवास निर्माण के लिए 52 एकड़ भूमि अधिग्रहण का कार्य किया जा रहा है जिसका जोरदार विरोध स्थानीय ग्रामीणों और रैयतों के द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को सैकड़ों स्थानीय ग्रामीण और रैयतो ने पारंपरिक तरीके से हार्वे हथियार के साथ कांके अंचल कार्यालय का घेराव करने के लिए पहुंचे लेकिन पहले से ही तैनात पुलिस के जवानों ने कांके अंचल कार्यालय से पहले ही बोडिया चौक के पास घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को रोक लिया जिसके बाद सभी प्रदर्शनकार्यो ने बोडिया चौक मुख्य सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे उससे पूर्व सैकड़ों स्थानीय ग्रामीणों और रैयातो ने रेन्डों पतरातू से कांके बोडिया चौक तक पैदल यात्रा निकालकर भूमि अधिग्रहण का जोरदार विरोध किया इस दौरान राज्य सरकार और कांके अंचलाधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी किया


Body:ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुरेश बैठा ने कहा कि सन 1970-71 में केंद्र सरकार द्वारा भूमिहीन लोगों को भूदान के तहत जमीन दी गई थी जिसके बाद उक्त जमीन पर खेती कर अपनी जीविका उपार्जन करते आ रहे हैं लेकिन कांके अंचलाधिकारी ने राज्य सरकार को अंधेरे में रखकर गलत रिपोर्ट सौंपी जिसमें उक्त 52 एकड़ जमीन को सरकारी और खाली बताकर अधिग्रहण करने की अनुशंसा की जमीन मालिकों द्वारा उक्त जमीन पर आप का प्रमाण पत्र और साथ ही पंजी 2 में नाम दर्ज है ऐसे में सरकार जबरन जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकती अगर जमीन जबरन अधिग्रहण किया तो आगे कांग्रेस पार्टी उसके विरुद्ध जमकर आंदोलन करेगी


Conclusion:राज्य सरकार जिस जमीन को अधिग्रहण कर रही है उसमें 16 प्रभावी रहा था सभी जमीन मालिकों ने उक्त जमीन को मालिकाना हक का प्रमाण दिखाते हुए कहा कि सन् 1970-71 ईस्वी में केंद्र सरकार ने भूमिहीन लोगों को अपना जीविका उपार्जन करने के लिए दान में जमीन दिया था उसी जमीन पर हम सब ने वर्षों से खेती कर अपना पेट पाल रहे हैं जिस पर कृषि कर उसे कृषि योग्य जमीन बनाया है लेकिन आज राज्य सरकार जबरन जमीन हड़पने की कोशिश कर रही है लेकिन हम सभी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे इसके लिए चाहे कुछ भी हो जाए
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