रांचीः राजधानी के कांके प्रखंड अंतर्गत रेंडो पतरातू गांव में विधायक और पूर्व विधायकों के लिए आवास निर्माण के लिए 52 एकड़ भूमि अधिग्रहण का काम किया जा रहा है. इस अधिग्रहण का स्थानीय ग्रामीण और रैयत जोरदार विरोध कर रहे हैं.
मंगलवार को सैकड़ों ग्रामीणों और रैयतों ने पारंपरिक तरीके से हथियार के साथ पैदल मार्च कर कांके अंचल कार्यालय के घेराव की कोशिश की. पुलिस ने घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को कांके अंचल कार्यालय से पहले बोड़िया चौक के पास ही रोक लिया. इसके बाद सभी प्रदर्शनकारी बोड़िया चौक की मुख्य सड़क पर ही धरना पर बैठ गए. राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुरेश बैठा ने बताया कि1970-71 में केंद्र सरकार ने भूमिहीन लोगों को भूदान के तहत जमीन दी थी. इसके बाद ग्रामीण उस जमीन पर खेती कर अपनी जीविका चला रहे हैं. कांके अंचलाधिकारी ने राज्य सरकार को अंधेरे में रखकर गलत रिपोर्ट सौंपी. जिसमें 52 एकड़ जमीन को सरकारी और खाली बताकर अधिग्रहण करने की अनुशंसा की गई. जमीन मालिकों के नाम, प्रमाण पत्र और पंजी 2 में दर्ज हैं. ऐसे में सरकार जबरन जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकती. अगर जमीन जबरन अधिग्रहण किया तो आगे कांग्रेस पार्टी उसके विरुद्ध जमकर आंदोलन करेगी.
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अधिग्रहण की जा रही जमीन 16 लोगों को दी गयी थी. सभी जमीन मालिकों ने मालिकाना हक का प्रमाण दिखाते हुए कहा कि 1970-71 में केंद्र सरकार ने भूमिहीन लोगों को अपनी जीविका चलाने के लिए दान में जमीन दी थी. उसी जमीन पर सभी सालों से खेती कर अपना पेट पाल रहे हैं. जिसे आज राज्य सरकार जबरन हड़पने की कोशिश कर रही है. लेकिन हम सभी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे. इसके लिए कुछ भी करना पड़े.