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रांची: शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए आयोजित किया जाएगा कार्यक्रम, 25 शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

शिक्षा में सुधार के उद्देश्य से अरविंदो सोसायटी के तहत शून्य निवेश पर नवाचार आधारित प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्येश्य बिना खर्च के विद्यालय में मौजूदा संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना है. शिक्षक और छात्र के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित कर विद्यार्थियों के बीच रचनात्मकता का सृजन करना है.

Program will be organized for qualitative improvement in education in ranchi
शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
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Published : Jan 20, 2021, 8:13 PM IST

रांची: शिक्षा में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से अरविंदो सोसायटी के तहत शून्य निवेश पर नवाचार आधारित प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा. सरकारी विद्यालयों के 25 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण 22 और 28 जनवरी को आयोजित होगा. शून्य निवेश नवाचार का मतलब बिना खर्च के विद्यालय में मौजूदा संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना है. शिक्षक और छात्र के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित कर विद्यार्थियों के बीच रचनात्मकता का सृजन करना है. वहीं शिक्षा को रुचिकर और सरल बनाकर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना है. सभी 25 शिक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है. विभिन्न प्रखंडों से शिक्षकों का चयन किया गया है.

इसे भी पढे़ं: रांची में होगी 8वीं अंतरराष्ट्रीय रेस वाकिंग चैंपियनशिप, 13 फरवरी को होगा आयोजन


यह है विशेषता
शून्य निवेश नवाचार का मुख्य उद्देश्य सीखने के स्तर में सुधार, अनुकूल शैक्षिक वातावरण का निर्माण और सीखने के परिणाम में वृद्धि करना, बालिकाओं के शिक्षा पर विशेष ध्यान देना, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा का सृजन करना और बच्चों में नेतृत्व क्षमता का विकास करना है. इसमें माता-पिता और समुदाय की अधिकतम भागीदारी करना भी लक्ष्य है. छात्रों के नामांकन दर में वृद्धि का निरंतर प्रयास कर उनकी उपस्थिति में बढ़ोत्तरी करना. इसके अलावा शिक्षकों के शिक्षण के प्रति अभिरुचि के स्तर में बढ़ोतरी करना उद्देश्य है. जिला के सभी शिक्षकों ने अपने शून्य निवेश पर आधारित टीएलएम और अपनी नवाचारों को प्रदर्शित किया है.

रांची: शिक्षा में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से अरविंदो सोसायटी के तहत शून्य निवेश पर नवाचार आधारित प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा. सरकारी विद्यालयों के 25 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण 22 और 28 जनवरी को आयोजित होगा. शून्य निवेश नवाचार का मतलब बिना खर्च के विद्यालय में मौजूदा संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना है. शिक्षक और छात्र के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित कर विद्यार्थियों के बीच रचनात्मकता का सृजन करना है. वहीं शिक्षा को रुचिकर और सरल बनाकर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना है. सभी 25 शिक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है. विभिन्न प्रखंडों से शिक्षकों का चयन किया गया है.

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यह है विशेषता
शून्य निवेश नवाचार का मुख्य उद्देश्य सीखने के स्तर में सुधार, अनुकूल शैक्षिक वातावरण का निर्माण और सीखने के परिणाम में वृद्धि करना, बालिकाओं के शिक्षा पर विशेष ध्यान देना, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा का सृजन करना और बच्चों में नेतृत्व क्षमता का विकास करना है. इसमें माता-पिता और समुदाय की अधिकतम भागीदारी करना भी लक्ष्य है. छात्रों के नामांकन दर में वृद्धि का निरंतर प्रयास कर उनकी उपस्थिति में बढ़ोत्तरी करना. इसके अलावा शिक्षकों के शिक्षण के प्रति अभिरुचि के स्तर में बढ़ोतरी करना उद्देश्य है. जिला के सभी शिक्षकों ने अपने शून्य निवेश पर आधारित टीएलएम और अपनी नवाचारों को प्रदर्शित किया है.

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