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बेटियों और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष कायर्शाला का आयोजन, देश भर में अभियान चलाने की कही गई बात - रांची न्यूज

रांची में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की ओर से दुष्कर्म मुक्त भारत बनाने को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा देना था.

दुष्कर्म मुक्त भारत बनाने को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
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Published : May 9, 2019, 3:03 PM IST

रांची: भारत को दुष्कर्म मुक्त बनाने के उद्देश्य से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की ओर से सिविल सोसायटी संस्थाओं के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चियों और समाजसेवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भारत की बेटियों और बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और दुष्कर्म मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से पूरे देशभर में यह अभियान चलाया जा रहा है.

देखें वीडियो

वहीं, आंकड़ों के अनुसार देश की सबसे बड़ी समस्या महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा है. राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े के अनुसार देशभर में हर 15 मिनट में 1 बच्चे का यौन शोषण किया जाता है. अगर रोजाना की बात करें तो106 दुष्कर्म होते हैं. 2015 से 16 तक बच्चों के साथ होने वाली घटना में 14% की वृद्धि हुई है.

आंकड़ों के हिसाब से बढ़ रहे इस विकट स्थिति को तत्काल बदलाव की जरूरत है, साथ ही कार्यशाला में विचार-विमर्श किया गया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा जब तक राजनीतिक पार्टियों के एजेंडे में प्रमुखता से शामिल नहीं होगी तब तक इसके खिलाफ हिंसक के मामले में बढ़ोतरी होती रहेगी.

इस तहत पूरे देशभर के 500 लोकसभा क्षेत्र में एक शपथ-पत्र पर प्रत्याशियों का हस्ताक्षर कराया जा रहा है ताकि वह जब जीतकर पार्लियामेंट में जाएं तो महिलाओं पर हिंसक घटनाओं को पार्लिमेंट में उठा सकें. कार्यक्रम के जरिए राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्षों से मांग की जा रही है कि वे ऐसे लोगों को चुनाव में टिकट ना दे जिसके ऊपर रेपिस्ट को बचाने का आरोप हो.

रांची: भारत को दुष्कर्म मुक्त बनाने के उद्देश्य से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की ओर से सिविल सोसायटी संस्थाओं के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चियों और समाजसेवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भारत की बेटियों और बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और दुष्कर्म मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से पूरे देशभर में यह अभियान चलाया जा रहा है.

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वहीं, आंकड़ों के अनुसार देश की सबसे बड़ी समस्या महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा है. राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े के अनुसार देशभर में हर 15 मिनट में 1 बच्चे का यौन शोषण किया जाता है. अगर रोजाना की बात करें तो106 दुष्कर्म होते हैं. 2015 से 16 तक बच्चों के साथ होने वाली घटना में 14% की वृद्धि हुई है.

आंकड़ों के हिसाब से बढ़ रहे इस विकट स्थिति को तत्काल बदलाव की जरूरत है, साथ ही कार्यशाला में विचार-विमर्श किया गया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा जब तक राजनीतिक पार्टियों के एजेंडे में प्रमुखता से शामिल नहीं होगी तब तक इसके खिलाफ हिंसक के मामले में बढ़ोतरी होती रहेगी.

इस तहत पूरे देशभर के 500 लोकसभा क्षेत्र में एक शपथ-पत्र पर प्रत्याशियों का हस्ताक्षर कराया जा रहा है ताकि वह जब जीतकर पार्लियामेंट में जाएं तो महिलाओं पर हिंसक घटनाओं को पार्लिमेंट में उठा सकें. कार्यक्रम के जरिए राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्षों से मांग की जा रही है कि वे ऐसे लोगों को चुनाव में टिकट ना दे जिसके ऊपर रेपिस्ट को बचाने का आरोप हो.

Intro:रांची बाइट--महुआ मांझी //पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष (बाइट मेल से गई है) भारत को रेप मुक्त बनाने के उद्देश्य से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के द्वारा सिविल सोसायटी संस्थाओं के साथ रांची में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस एक दिवसीय कार्यशाला में बच्चियों और समाजसेवियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भारत की बेटियां और बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और बलात्कार मुक्त भारत की कल्पना किया जा जिसके तहत पूरे देशभर में या अभियान चलाया जा रहा है।


Body:आंकड़े के अनुसार आज देश देश को जिस सबसे बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है वह है महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो( एनसीआरबी) के आंकड़े के अनुसार देशभर में हर 15 मिनट में 1 बच्चे का यौन शोषण किया जाता है। और अगर रोजाना की बात करें तो 106 बलात्कार होते हैं वर्ष 2015 से 16 तक बच्चों के साथ होने वाली घटना में 14% की वृद्धि हुई है। इसलिए इस विकट स्थिति को तत्काल बदलाव की जरूरत है। साथी कार्यशाला में विचार-विमर्श किया गया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा जब तक राजनीतिक पार्टियों के एजेंडे में प्रमुखता से शामिल नहीं होगी तब तक इसके खिलाफ हिंसक के मामले में बढ़ोतरी होती रहेगी


Conclusion:जिसके तहत लोकसभा चुनाव पूरे देशभर के 500 लोकसभा क्षेत्र में एक शपथ पत्र पर प्रत्याशियों का हस्ताक्षर कराया जा रहा है ताकि वह जब जीतकर पार्लियामेंट में जाएं तो रेप और महिलाओं पर हिंसक जैसी घटनाओं को पार्लिमेंट में उठा सकें। साथ ही राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्ष से मांग किया जा रहा है कि वे ऐसे लोगों को चुनाव में टिकट ना दे जिसके ऊपर रेपिस्ट को बचाने का आरोप तमाम मांगों के साथ चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों से शपथ पत्र भराया जा रहा है।जिसके तहत विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं के सहयोग एवं भागीदारी से सभी लोकसभा क्षेत्रों में अभियान चलाया जा रहा है।
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