रांची: भारत को दुष्कर्म मुक्त बनाने के उद्देश्य से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की ओर से सिविल सोसायटी संस्थाओं के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चियों और समाजसेवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भारत की बेटियों और बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और दुष्कर्म मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से पूरे देशभर में यह अभियान चलाया जा रहा है.
वहीं, आंकड़ों के अनुसार देश की सबसे बड़ी समस्या महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा है. राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े के अनुसार देशभर में हर 15 मिनट में 1 बच्चे का यौन शोषण किया जाता है. अगर रोजाना की बात करें तो106 दुष्कर्म होते हैं. 2015 से 16 तक बच्चों के साथ होने वाली घटना में 14% की वृद्धि हुई है.
आंकड़ों के हिसाब से बढ़ रहे इस विकट स्थिति को तत्काल बदलाव की जरूरत है, साथ ही कार्यशाला में विचार-विमर्श किया गया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा जब तक राजनीतिक पार्टियों के एजेंडे में प्रमुखता से शामिल नहीं होगी तब तक इसके खिलाफ हिंसक के मामले में बढ़ोतरी होती रहेगी.
इस तहत पूरे देशभर के 500 लोकसभा क्षेत्र में एक शपथ-पत्र पर प्रत्याशियों का हस्ताक्षर कराया जा रहा है ताकि वह जब जीतकर पार्लियामेंट में जाएं तो महिलाओं पर हिंसक घटनाओं को पार्लिमेंट में उठा सकें. कार्यक्रम के जरिए राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्षों से मांग की जा रही है कि वे ऐसे लोगों को चुनाव में टिकट ना दे जिसके ऊपर रेपिस्ट को बचाने का आरोप हो.