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शिक्षा अधिकारियों ने नहीं तैयार की वरीयता रिपोर्ट, 12 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति पर ग्रहण

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Published : Oct 28, 2020, 2:27 PM IST

रांची में शिक्षा पदाधिकारियों की उदासीन रवैये की वजह से 12 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है. शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से अब तक रिपोर्ट तैयार करके नहीं भेजी गई है. इसे लेकर विभाग की ओर से पदाधिकारियों को फटकार लगाई गई है.

teachers have to get benefit of promotion
शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ

रांची: राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में करीब 12 हजार शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ मिलना है. इसे लेकर शिक्षा विभाग की ओर से 22 अक्टूबर तक अंतिम संशोधित वरीयता सूची का प्रकाशन करने के लिए रिपोर्ट मांगी गई थी. लेकिन अब तक इस रिपोर्ट को शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से मुहैया नहीं कराया जा सका है. राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों की प्रोन्नति में जिलों के अधिकारियों की ओर से ही पेच फंसाया जा रहा है. जबकि प्रमोशन को लेकर पहले ही संकल्प पत्र जारी कर दिया गया है.

शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह की ओर से जानकारी मिली है कि इस मामले को लेकर सभी उपायुक्त, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश जारी किया गया है कि राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के करीब 12 हजार शिक्षकों को इसके तहत प्रोन्नति का लाभ देना है. लेकिन शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से अब तक रिपोर्ट तैयार कर नहीं भेजी गई है. इसे लेकर विभाग की ओर से पदाधिकारियों को फटकार भी लगाई गई है.

15 अक्टूबर तक आपत्तियों का करना था निराकरण
15 अक्टूबर तक आपत्तियों का निराकरण कर अंतिम संशोधित वरीयता सूची का प्रकाशन करना था. इसके बावजूद अब तक मेधा सूची का ही प्रकाशन नहीं किया जा सका है. इसके साथ ही 5 नवंबर तक जिला शिक्षा स्थापना समिति और 10 नवंबर तक क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक से अनुमोदन कराना अनिवार्य किया गया है. लेकिन जिलों की ओर से इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई. अब समय पर प्रोन्नति का लाभ मिला मुश्किल लग रहा है.

इसे भी पढ़ें-बोकारो परिवहन कार्यालय में ऑनलाइन सिस्टम फेल, लोग बिचौलियों की मदद लेने को विवश

रिपोर्ट नहीं तैयार
शिक्षा विभाग की ओर से झारखंड लोक सेवा आयोग की तरफ से अनुशंसित कार्यरत शिक्षकों की नियुक्ति तिथि की परीक्षा के आधार पर किया जाए इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश जारी किया गया था. अंतर जिला स्थानांतरण के बाद में योगदान करने वाले शिक्षकों की वरीयता का आधार की प्रथम नियुक्ति के अनुसार होगा या अंतर जिला स्थानांतरण के बाद जिला में योगदान की तिथि से होगा. इस पर भी निगरानी रखने की बात कही गई थी. लेकिन अब तक इस ओर जिला शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है.


शिक्षा पदाधिकारियों का रवैया उदासीन
प्रोन्नति की मांग को लेकर लगातार प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से आंदोलन भी किया जा रहा है. मामले को लेकर मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया गया था और इसी के तहत शिक्षा विभाग की ओर से तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों से 12 हजार शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ देने के लिए एक रिपोर्ट मांगी गई थी. लेकिन अब तक रिपोर्ट तैयार नहीं करना पदाधिकारियों की उदासीन भरा रवैये को दर्शाता है. हालांकि शिक्षा पदाधिकारियों पर विभाग की ओर से कार्रवाई करने की बात कही गई है. लेकिन फिलहाल शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ मिला मुश्किल लग रहा है.

रांची: राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में करीब 12 हजार शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ मिलना है. इसे लेकर शिक्षा विभाग की ओर से 22 अक्टूबर तक अंतिम संशोधित वरीयता सूची का प्रकाशन करने के लिए रिपोर्ट मांगी गई थी. लेकिन अब तक इस रिपोर्ट को शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से मुहैया नहीं कराया जा सका है. राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों की प्रोन्नति में जिलों के अधिकारियों की ओर से ही पेच फंसाया जा रहा है. जबकि प्रमोशन को लेकर पहले ही संकल्प पत्र जारी कर दिया गया है.

शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह की ओर से जानकारी मिली है कि इस मामले को लेकर सभी उपायुक्त, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश जारी किया गया है कि राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के करीब 12 हजार शिक्षकों को इसके तहत प्रोन्नति का लाभ देना है. लेकिन शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से अब तक रिपोर्ट तैयार कर नहीं भेजी गई है. इसे लेकर विभाग की ओर से पदाधिकारियों को फटकार भी लगाई गई है.

15 अक्टूबर तक आपत्तियों का करना था निराकरण
15 अक्टूबर तक आपत्तियों का निराकरण कर अंतिम संशोधित वरीयता सूची का प्रकाशन करना था. इसके बावजूद अब तक मेधा सूची का ही प्रकाशन नहीं किया जा सका है. इसके साथ ही 5 नवंबर तक जिला शिक्षा स्थापना समिति और 10 नवंबर तक क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक से अनुमोदन कराना अनिवार्य किया गया है. लेकिन जिलों की ओर से इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई. अब समय पर प्रोन्नति का लाभ मिला मुश्किल लग रहा है.

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रिपोर्ट नहीं तैयार
शिक्षा विभाग की ओर से झारखंड लोक सेवा आयोग की तरफ से अनुशंसित कार्यरत शिक्षकों की नियुक्ति तिथि की परीक्षा के आधार पर किया जाए इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश जारी किया गया था. अंतर जिला स्थानांतरण के बाद में योगदान करने वाले शिक्षकों की वरीयता का आधार की प्रथम नियुक्ति के अनुसार होगा या अंतर जिला स्थानांतरण के बाद जिला में योगदान की तिथि से होगा. इस पर भी निगरानी रखने की बात कही गई थी. लेकिन अब तक इस ओर जिला शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है.


शिक्षा पदाधिकारियों का रवैया उदासीन
प्रोन्नति की मांग को लेकर लगातार प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से आंदोलन भी किया जा रहा है. मामले को लेकर मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया गया था और इसी के तहत शिक्षा विभाग की ओर से तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों से 12 हजार शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ देने के लिए एक रिपोर्ट मांगी गई थी. लेकिन अब तक रिपोर्ट तैयार नहीं करना पदाधिकारियों की उदासीन भरा रवैये को दर्शाता है. हालांकि शिक्षा पदाधिकारियों पर विभाग की ओर से कार्रवाई करने की बात कही गई है. लेकिन फिलहाल शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ मिला मुश्किल लग रहा है.

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