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झारखंड में स्कूल खोलने की तैयारी, पहले शिक्षकों की होगी कोरोना जांच

झारखंड के हाई स्कूल और प्लस टू स्कूल खोलने से पहले शिक्षकों की कोरोना संक्रमण की जांच की जाएगी. कोरोना संक्रमण जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही वह स्कूल जा सकेंगे. राज्यभर के सभी शिक्षकों की कोरोना जांच की सरकार तैयारी कर रही है.

Teachers will have corona test before school collage open in jharkhand
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद्
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Published : Aug 26, 2020, 1:52 AM IST

रांची: झारखंड सरकार ने हाई स्कूल और प्लस टू स्कूल खोलने से पहले शिक्षकों का कोरोना टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. इसी के तहत इसकी शुरुआत बोकारो जिले में प्लस-2 स्कूलों के शिक्षकों का कोरोना टेस्ट 28 अगस्त को की जाएगी. इसे लेकर शिक्षा विभाग की ओर से तमाम शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष गाइडलाइन जारी किया है.

राज्य सरकार अगले साल होने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को देखते हुए हाई स्कूल और प्लस-2 स्कूलों को खोलने की तैयारी शुरू की है. इसके लिए लगातार अभिभावकों से राय भी मांगी जा रही है, लेकिन स्कूल खोलने से पहले सरकार ने तमाम शिक्षकों का कोरोना टेस्ट करने की तैयारी की है.

इसी कड़ी में 28 अगस्त को बोकारो के शिक्षकों का कोरोना जांच किया जाना है. रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें स्कूल जाने की इजाजत होगी. सभी प्रखंडों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच की व्यवस्था होगी. राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत तमाम निर्देशों का पालन किया जाएगा.

कोरोना के संबंध में जागरूकता संबंधी जानकारियों को लेकर शिक्षकों का ऑनलाइन टेस्ट भी लिया गया था. अधिकतर शिक्षक ऑनलाइन कोरोना टेस्ट में सफल हुए हैं और उसी के आधार पर अब उनका कोरोना जांच कर ही स्कूल आने की इजाजत दी जाएगी.


प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने मांगी रिपोर्ट

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से शिक्षक और लिपिक के मृत होने पर अनुकंपा कर उनके आश्रितों को मिली नौकरी की ब्यौरा मांगा है. पिछले 5 साल में अनुकंपा के आधार पर हुई नियुक्ति को लेकर नए सिरे से जांच की जाएगी. इसी के आधार पर शिक्षा पदाधिकारियों को इस जानकारी को साझा करने के लिए विशेष निर्देश दिया गया है. पिछले 5 सालों के दौरान मृत शिक्षकों और लिपिकों के नाम, पूरा पता, कहां कार्यरत थे, स्कूल का नाम, कार्यालय का नाम, नियुक्ति के समय वेतनमान समेत तमाम जानकारी मांगी गई है.

आरयू में आयोजित हुआ रिफ्रेशर कोर्स

आरयू में आयोजित ऑनलाइन शिक्षण पर आधारित रिफ्रेशर कोर्स के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई. पाठ्यक्रम के समन्वयक डॉ नंद कुमार सिंह ने इसका संचालन किया. दरअसल लगातार शिक्षकों के स्किल डेवलपमेंट को लेकर आरयू में ऑनलाइन सेमिनार का लगातार आयोजन किया जा रहा है. इससे शिक्षकों को फायदा भी मिल रहा है. इसी के तहत शिक्षकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन आरयू में किया गया है. दूसरे दिन भी कई शिक्षक जुड़े. मंगलवार के सेशन में स्वयं पोर्टल पर चर्चा की गई और डिजिटल प्लेटफॉर्म को शिक्षा के लिए अनिवार्य बताया गया.

इसे भी पढ़ें- PM के नक्शे कदम पर आपदा में भी मुनाफा कमाने की निजी अस्पतालों को नहीं दी जा सकती छूट: कांग्रेस


सीयूजे के पूर्व कुलपति नंद कुमार यादव पर गंभीर आरोप

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर नंद कुमार यादव इंदु पर अपने कार्य के दौरान केंद्रीय दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है. कहा जा रहा है कि प्रोफेसर नंद कुमार यादव ने पद का दुरुपयोग किया है. इसे लेकर झारखंड हाई कोर्ट में एक पीआईएल उनके खिलाफ दायर किया गया है.

दरअसल प्रोफेसर नंद कुमार यादव का कुलपति के तौर में कार्यकाल 31 जुलाई को ही पूरा हो गया था. जिसके बाद रजिस्ट्रार ने उनका सेवा विस्तार का नोटिफिकेशन जारी किया था. सोमवार को ही नंद कुमार ने पद छोड़ दिया है. उनके खिलाफ नियमों का उल्लंघन कर सेवा विस्तार दिए जाने के मामले में भी एक कमेटी गठित की गई है. केंद्रीय स्तर पर जांच की जा रही है.

रांची: झारखंड सरकार ने हाई स्कूल और प्लस टू स्कूल खोलने से पहले शिक्षकों का कोरोना टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. इसी के तहत इसकी शुरुआत बोकारो जिले में प्लस-2 स्कूलों के शिक्षकों का कोरोना टेस्ट 28 अगस्त को की जाएगी. इसे लेकर शिक्षा विभाग की ओर से तमाम शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष गाइडलाइन जारी किया है.

राज्य सरकार अगले साल होने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को देखते हुए हाई स्कूल और प्लस-2 स्कूलों को खोलने की तैयारी शुरू की है. इसके लिए लगातार अभिभावकों से राय भी मांगी जा रही है, लेकिन स्कूल खोलने से पहले सरकार ने तमाम शिक्षकों का कोरोना टेस्ट करने की तैयारी की है.

इसी कड़ी में 28 अगस्त को बोकारो के शिक्षकों का कोरोना जांच किया जाना है. रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें स्कूल जाने की इजाजत होगी. सभी प्रखंडों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच की व्यवस्था होगी. राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत तमाम निर्देशों का पालन किया जाएगा.

कोरोना के संबंध में जागरूकता संबंधी जानकारियों को लेकर शिक्षकों का ऑनलाइन टेस्ट भी लिया गया था. अधिकतर शिक्षक ऑनलाइन कोरोना टेस्ट में सफल हुए हैं और उसी के आधार पर अब उनका कोरोना जांच कर ही स्कूल आने की इजाजत दी जाएगी.


प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने मांगी रिपोर्ट

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से शिक्षक और लिपिक के मृत होने पर अनुकंपा कर उनके आश्रितों को मिली नौकरी की ब्यौरा मांगा है. पिछले 5 साल में अनुकंपा के आधार पर हुई नियुक्ति को लेकर नए सिरे से जांच की जाएगी. इसी के आधार पर शिक्षा पदाधिकारियों को इस जानकारी को साझा करने के लिए विशेष निर्देश दिया गया है. पिछले 5 सालों के दौरान मृत शिक्षकों और लिपिकों के नाम, पूरा पता, कहां कार्यरत थे, स्कूल का नाम, कार्यालय का नाम, नियुक्ति के समय वेतनमान समेत तमाम जानकारी मांगी गई है.

आरयू में आयोजित हुआ रिफ्रेशर कोर्स

आरयू में आयोजित ऑनलाइन शिक्षण पर आधारित रिफ्रेशर कोर्स के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई. पाठ्यक्रम के समन्वयक डॉ नंद कुमार सिंह ने इसका संचालन किया. दरअसल लगातार शिक्षकों के स्किल डेवलपमेंट को लेकर आरयू में ऑनलाइन सेमिनार का लगातार आयोजन किया जा रहा है. इससे शिक्षकों को फायदा भी मिल रहा है. इसी के तहत शिक्षकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन आरयू में किया गया है. दूसरे दिन भी कई शिक्षक जुड़े. मंगलवार के सेशन में स्वयं पोर्टल पर चर्चा की गई और डिजिटल प्लेटफॉर्म को शिक्षा के लिए अनिवार्य बताया गया.

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सीयूजे के पूर्व कुलपति नंद कुमार यादव पर गंभीर आरोप

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर नंद कुमार यादव इंदु पर अपने कार्य के दौरान केंद्रीय दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है. कहा जा रहा है कि प्रोफेसर नंद कुमार यादव ने पद का दुरुपयोग किया है. इसे लेकर झारखंड हाई कोर्ट में एक पीआईएल उनके खिलाफ दायर किया गया है.

दरअसल प्रोफेसर नंद कुमार यादव का कुलपति के तौर में कार्यकाल 31 जुलाई को ही पूरा हो गया था. जिसके बाद रजिस्ट्रार ने उनका सेवा विस्तार का नोटिफिकेशन जारी किया था. सोमवार को ही नंद कुमार ने पद छोड़ दिया है. उनके खिलाफ नियमों का उल्लंघन कर सेवा विस्तार दिए जाने के मामले में भी एक कमेटी गठित की गई है. केंद्रीय स्तर पर जांच की जा रही है.

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