ETV Bharat / state

झारखंड विधानसभा से मुख्यमंत्री प्रश्नकाल खत्म करने की तैयारी, सियासत तेज

झारखंड विधानसभा से मुख्यमंत्री प्रश्नकाल खत्म करने की तैयारी चल रही है. विधानसभा नियम समिति की बैठक में यह तय हुआ कि कार्य संचालन नियमावली की धारा 52 को समाप्त किया जाए. सरकार के इस फैसले को लेकर झारखंड में सियासत शुरू हो गई है.

Jharkhand Legislative Assembly
झारखंड विधानसभा
author img

By

Published : Mar 16, 2022, 11:57 AM IST

Updated : Mar 16, 2022, 2:41 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा से मुख्यमंत्री प्रश्नकाल खत्म करने की तैयारी चल रही है. विधानसभा समिति की अनुशंसा पर सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है. पिछले दिनों स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो की अध्यक्षता में हुई विधानसभा की नियम समिति की बैठक में यह तय हुआ कि कार्य संचालन नियमावली की धारा 52 को समाप्त किया जाए. साथ ही प्रतिदिन शून्यकाल की सूचना 15 को बढ़ाकर 25 किया जाए. इतना ही नहीं अल्पसूचित प्रश्न को 14 दिन पहले सभा सचिवालय में जमा करने के प्रावधान को भी समाप्त किया जाए.

ये भी पढ़ें- केंद्र का वश चले तो खनन के लिए यहां के लोगों को शिफ्ट कर दे, कई और सवालों का सीएम ने दिया जवाब

मुख्यमंत्री प्रश्नकाल पर सियासत

छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के बाद झारखंड तीसरा ऐसा राज्य है जहां विधानसभा नियमावली में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल का प्रावधान है. अब इसको झारखंड से समाप्त करने को लेकर कर राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायक इसको लेकर सरकार को घेरने में जुटे हैं. विपक्ष का आरोप है कि मुख्यमंत्री के द्वारा सदन में प्रश्नों का सटीक जवाब नहीं दिया जाता. भाजपा विधायक सी पी सिंह ने कहा कि उन्होंने तो अब मुख्यमंत्री प्रश्नकाल में सवाल पूछना ही छोड़ दिया है. सीपी सिंह ने कहा कि बिना तैयारी के सरकार की ओर से उजूल फिजुल जवाब दिया जाता है.

देखें वीडियो

जेएमएम का बीजेपी पर पलटवार

बीजेपी के हमले पर जेएमएम ने पलटवार किया है. जेएमएम के अनुसार मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान बेतुका सवाल पूछकर सदन की गरीमा को समाप्त करने का काम विपक्ष के द्वारा किया जाता है ऐसे में इसकी उपयोगिता ही समाप्त हो जाती है. इसलिए इसको समाप्त किया जाना ही बेहतर होगा. विधानसभा नियमावली के अनुसार सत्र के दौरान हर सोमवार को करीब 12 बजे मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की परंपरा रही है.

रांची: झारखंड विधानसभा से मुख्यमंत्री प्रश्नकाल खत्म करने की तैयारी चल रही है. विधानसभा समिति की अनुशंसा पर सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है. पिछले दिनों स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो की अध्यक्षता में हुई विधानसभा की नियम समिति की बैठक में यह तय हुआ कि कार्य संचालन नियमावली की धारा 52 को समाप्त किया जाए. साथ ही प्रतिदिन शून्यकाल की सूचना 15 को बढ़ाकर 25 किया जाए. इतना ही नहीं अल्पसूचित प्रश्न को 14 दिन पहले सभा सचिवालय में जमा करने के प्रावधान को भी समाप्त किया जाए.

ये भी पढ़ें- केंद्र का वश चले तो खनन के लिए यहां के लोगों को शिफ्ट कर दे, कई और सवालों का सीएम ने दिया जवाब

मुख्यमंत्री प्रश्नकाल पर सियासत

छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के बाद झारखंड तीसरा ऐसा राज्य है जहां विधानसभा नियमावली में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल का प्रावधान है. अब इसको झारखंड से समाप्त करने को लेकर कर राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायक इसको लेकर सरकार को घेरने में जुटे हैं. विपक्ष का आरोप है कि मुख्यमंत्री के द्वारा सदन में प्रश्नों का सटीक जवाब नहीं दिया जाता. भाजपा विधायक सी पी सिंह ने कहा कि उन्होंने तो अब मुख्यमंत्री प्रश्नकाल में सवाल पूछना ही छोड़ दिया है. सीपी सिंह ने कहा कि बिना तैयारी के सरकार की ओर से उजूल फिजुल जवाब दिया जाता है.

देखें वीडियो

जेएमएम का बीजेपी पर पलटवार

बीजेपी के हमले पर जेएमएम ने पलटवार किया है. जेएमएम के अनुसार मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान बेतुका सवाल पूछकर सदन की गरीमा को समाप्त करने का काम विपक्ष के द्वारा किया जाता है ऐसे में इसकी उपयोगिता ही समाप्त हो जाती है. इसलिए इसको समाप्त किया जाना ही बेहतर होगा. विधानसभा नियमावली के अनुसार सत्र के दौरान हर सोमवार को करीब 12 बजे मुख्यमंत्री प्रश्नकाल की परंपरा रही है.

Last Updated : Mar 16, 2022, 2:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.