रांचीः झारखंड में 2024 की सियासी तैयारी की गोलबंदी शुरू हो गई है. बीजेपी के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में झारखंड में केंद्र सरकार की योजनाओं को किस तरीके से जनता के बीच ले जाना है, 2024 की तैयारी के लिए बूथ लेवल तक कैसे काम करना है इसका मंथन किया गया.
राज्य के 28 हजार बूथों तक पहुंचने के लिए 17हजार से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप बीजेपी बना चुकी है. विपक्ष को पटखनी देने के लिए सारी तैयारियों पर काम कर रही है. हालांकि इसे लेकर विपक्ष भी पूरी तरह से गोलबंद हो चुका है और विपक्ष का कहना है कि बीजेपी भटकी हुई राजनीति कर रही है. क्योंकि बीजेपी बिना चेहरे की सियासत को झारखंड में कर रही है, जिसका ना तो आधार है और ना तो जनता का भरोसा करने वाला चेहरा.
बीजेपी की चुनावी तैयारी को लेकर के झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता ने बताया कि बीजेपी चाहे जो तैयारी कर ले, लेकिन झारखंड में कुछ होने वाला नहीं है. चेहरे की राजनीति पर झारखंड की सियासत को आधार देते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि सबसे पहले तो बीजेपी को यह बताना चाहिए कि झारखंड में उनका नता कौन है. उनका चेहरा कौन है. 2019 की चुनावी तैयारी में भी बड़ी-बड़ी बातें कही गई थीं, लेकिन झारखंड की जनता ने उसे नकार दिया. नरेंद्र मोदी को झारखंड का चेहरा बता दिया गया था, जिसे जनता ने नहीं माना. बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो या फिर क्षेत्रीय कार्यकारिणी की या फिर झारखंड के लिए बनने वाली किसी भी राणनीति की. झारखंड की जनता को जब तक बीजेपी यह नहीं बताती है कि उसका चेहरा कौन होगा, बीजेपी झारखंड में झारखंड के लोगों को भ्रमित करने वाली राजनीति ही करती रहेगी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं के बयान पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि झारखंड में जिस तरीके की हमारी तैयारी चल रही है, उससे झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोग बौखला गए हैं. भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी सरकार अब बहुत दिनों तक रहेगी नहीं यह सभी लोगों को पता है. हेमंत सोरेन को लेकर के बाबूलाल मरांडी हर मुद्दे पर भ्रष्टाचार के सबूत देते रहे हैं और उसी मुद्दे के आधार पर जनता के बीच जाने की तैयारी भी कर रहे हैं. झारखंड में 2024 की तैयारी होनी शुरू हो गई है और इसका रंग भी अब दिखना शुरू हो गया है. अब देखना है कि आने वाले दिनों में सियासी गोलबंदी में चेहरे की राजनीति से लेकर राजनीति का कौन सा नया चेहरा सामने आता है.