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झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आहूत करने की तैयारी, जानिए सरकार की क्या है तैयारी - Jharkhand news

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आहूत किए जाने की तैयारी चल रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि 16 दिसंबर से विधानसभा सत्र आहूत किया जा सकता है (Winter Session of Jharkhand Legislative Assembly). हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि इस सत्र में कौन कौन से बिल आएंगे.

Preparation for convening winter session
Preparation for convening winter session
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Published : Nov 22, 2022, 5:14 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 7:45 PM IST

रांची: राजनीतिक सरगर्मी के बीच झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आहूत करने की तैयारी चल रही है (Winter Session of Jharkhand Legislative Assembly). संभावना यह है कि 16 दिसंबर से शीतकालीन सत्र आहूत किया जा सकता है. 28 नवंबर को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है.

ये भी पढ़ें: झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस: सदन की गरिमा पर राज्यपाल ने पढ़ाया नैतिकता का पाठ, जानिए झारखंड के राजनेताओं की प्रतिक्रिया

संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने शीतकालीन सत्र के आहूत करने के संदर्भ में संकेत देते हुए कहा है कि 15 से 22 दिसंबर के बीच शीतकालीन सत्र होते रहे हैं जिसको लेकर तैयारियां पूरी की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि सदन में विधेयक कौन कौन से आयेंगे अभी तय नहीं हुआ है. सरकार शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से द्वितीय अनुपूरक बजट लाये जाने की संभावना है. इसके अलावा चूंकि यह सत्र संक्षिप्त होता है इसलिए जनता की समस्या को जनप्रतिनिधि प्रमुखता से उठाने का काम किया जाएगा.

देखें वीडियो

इधर, शीतकालीन सत्र की तैयारी पर विधायक सरयू राय ने कहा है कि सरकार सत्र आहूत कर अनुपूरक बजट पास कराना चाहेगी. उन्होंने सरकार द्वारा 1932 खतियान आधारित स्थानीयता पास कराये जाने को जजिया टैक्स जैसा बताते हुए कहा कि इतिहास कभी भी माफ नहीं करेगा. झामुमो विधायक मथुरा महतो ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि शीतकालीन सत्र भी उपलब्धि से भरा रहेगा जिसमें हेमंत सरकार जनता के अधूरे वादे को पूरा करने का काम करेगी.


पिछले वर्ष 16 से 22 दिसंबर तक हुआ था शीतकालीन सत्र: संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक सत्र से दूसरे सत्र की अधिकतम अवधि 06 महीने का होना चाहिए. विधानसभा सत्र सामान्य तौर पर साल में तीन बार आहूत किए जाते हैं जो कि बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र के रूप में जाना जाता है. संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल द्वारा सदन की कार्यवाही प्रत्येक 06 माह में कम से कम एक बार बुलाया जाता है. पिछले वर्ष शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से 22 दिसंबर तक चला था 5 दिनों के इस सत्र में सरकार जहां अपनी उपलब्धि गिराने की कोशिश की थी वही विपक्ष सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा था.

रांची: राजनीतिक सरगर्मी के बीच झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आहूत करने की तैयारी चल रही है (Winter Session of Jharkhand Legislative Assembly). संभावना यह है कि 16 दिसंबर से शीतकालीन सत्र आहूत किया जा सकता है. 28 नवंबर को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है.

ये भी पढ़ें: झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस: सदन की गरिमा पर राज्यपाल ने पढ़ाया नैतिकता का पाठ, जानिए झारखंड के राजनेताओं की प्रतिक्रिया

संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने शीतकालीन सत्र के आहूत करने के संदर्भ में संकेत देते हुए कहा है कि 15 से 22 दिसंबर के बीच शीतकालीन सत्र होते रहे हैं जिसको लेकर तैयारियां पूरी की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि सदन में विधेयक कौन कौन से आयेंगे अभी तय नहीं हुआ है. सरकार शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से द्वितीय अनुपूरक बजट लाये जाने की संभावना है. इसके अलावा चूंकि यह सत्र संक्षिप्त होता है इसलिए जनता की समस्या को जनप्रतिनिधि प्रमुखता से उठाने का काम किया जाएगा.

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इधर, शीतकालीन सत्र की तैयारी पर विधायक सरयू राय ने कहा है कि सरकार सत्र आहूत कर अनुपूरक बजट पास कराना चाहेगी. उन्होंने सरकार द्वारा 1932 खतियान आधारित स्थानीयता पास कराये जाने को जजिया टैक्स जैसा बताते हुए कहा कि इतिहास कभी भी माफ नहीं करेगा. झामुमो विधायक मथुरा महतो ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि शीतकालीन सत्र भी उपलब्धि से भरा रहेगा जिसमें हेमंत सरकार जनता के अधूरे वादे को पूरा करने का काम करेगी.


पिछले वर्ष 16 से 22 दिसंबर तक हुआ था शीतकालीन सत्र: संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक सत्र से दूसरे सत्र की अधिकतम अवधि 06 महीने का होना चाहिए. विधानसभा सत्र सामान्य तौर पर साल में तीन बार आहूत किए जाते हैं जो कि बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र के रूप में जाना जाता है. संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल द्वारा सदन की कार्यवाही प्रत्येक 06 माह में कम से कम एक बार बुलाया जाता है. पिछले वर्ष शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से 22 दिसंबर तक चला था 5 दिनों के इस सत्र में सरकार जहां अपनी उपलब्धि गिराने की कोशिश की थी वही विपक्ष सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा था.

Last Updated : Nov 22, 2022, 7:45 PM IST
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