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झारखंड में राजभवन में परिवर्तन को लेकर सुगबुगाहट तेज, प्रभात झा हो सकते हैं अगले राज्यपाल - बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा

झारखंड की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल 17 मई 2020 को समाप्त हो गया है. इसके बाद राज्य में नए राज्यपाल बनाने को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा समेत दो और लोगों के नाम की चर्चा जोरों पर है.

next governor of jharkhand
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा
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Published : Aug 31, 2020, 1:46 PM IST

रांचीः कोरोना की वजह से लॉकडाउन और अनलॉक की प्रक्रिया के बीच झारखंड में राजभवन में परिवर्तन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. मौजूदा राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल 17 मई को समाप्त हो गया है. वहीं, दूसरी तरफ उनके 'स्पेसिफिक अवधि' विस्तार को लेकर भी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है. ऐसे में मुर्मू के बाद नए नामों में बीजेपी के कद्दावर नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा समेत दो और लोगों के नाम की चर्चा जोरों पर है. वहीं, दूसरी तरफ मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो झा के नाम पर पार्टी विचार कर रही है. उनके अलावा बीजेपी नेता और पूर्व रास सांसद आरके सिन्हा और एक पूर्व नौकरशाह के नाम की चर्चा भी जोरों पर है.

प्रभात झा क्यों हो सकते हैं विकल्प
दरअसल, प्रभात झा का नाम बीजेपी के वैसे नेताओं में शुमार है, जो कड़े फैसले लेने में पीछे नहीं हटते. इसके साथ ही बेबाक टिप्पणी और स्पष्टवादिता की वजह से उन्हें ज्यादा जाना जाता है. ऐसे में झारखंड में जब राज्य पर नियंत्रण झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले महागठबंधन का है, तब राजभवन में केंद्र सरकार एक ऐसे विकल्प पर विचार कर रही है, जो जरूरत पड़ने पर कड़े फैसले ले सके. वह भी तब जब डोमिसाइल, सीएनटी और एसपीटी एक्ट, रोजगार जैसे मुद्दे प्रदेश में तेजी से उभर रहे हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार इनको लेकर नियम कानून बनाने का मन बना रही है. इन परिस्थितियों में राजभवन की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी. बीजेपी सूत्रों की मानें तो इन परिस्थितियों को हैंडल करने के लिए एक मजबूत चेहरे का राजभवन में होना जरूरी है.

इसे भी पढ़ें- धनबाद: लायंस क्लब ने इम्युनिटी बूस्टर का किया वितरण, जारी रहेगा कार्यक्रम

प्रभात झा की जन्मभूमि बिहार और कर्मभूमि मध्य प्रदेश
प्रभात झा मूलत बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर में इनका परिवार आकर बस गया. यहीं उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा भी हुई. इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत पत्रकार के रूप में की, फिर बीजेपी में शामिल हुए. इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश में बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे और राज्यसभा में सांसद भी बने. हालांकि, पिछले दिनों कथित तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने और उस प्रकरण को लेकर नाराज माने जा रहे थे. पार्टी सूत्रों की माने तो इसके डैमेज कंट्रोल के लिए भी सरकार यह कदम उठा सकती है.

मई 2020 में द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल समाप्त
झारखंड की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल 17 मई 2020 को समाप्त हो गया है. मुर्मू झारखंड में 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाली पहली महिला राज्यपाल हैं. इसके साथ ही पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक सहित कई विधेयकों को सरकार को वापस लौटा कर उन्होंने कड़ा मैसेज भी दिया. इतना ही नहीं खूंटी में हुई पत्थलगड़ी की समस्याओं के समाधान को लेकर मुर्मू ने वहां के परंपरागत ग्राम प्रधानों, मानकी मुंडा और अन्य प्रतियों को बुलाकर उनके साथ रायशुमारी भी की थी.

रांचीः कोरोना की वजह से लॉकडाउन और अनलॉक की प्रक्रिया के बीच झारखंड में राजभवन में परिवर्तन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. मौजूदा राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल 17 मई को समाप्त हो गया है. वहीं, दूसरी तरफ उनके 'स्पेसिफिक अवधि' विस्तार को लेकर भी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है. ऐसे में मुर्मू के बाद नए नामों में बीजेपी के कद्दावर नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा समेत दो और लोगों के नाम की चर्चा जोरों पर है. वहीं, दूसरी तरफ मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो झा के नाम पर पार्टी विचार कर रही है. उनके अलावा बीजेपी नेता और पूर्व रास सांसद आरके सिन्हा और एक पूर्व नौकरशाह के नाम की चर्चा भी जोरों पर है.

प्रभात झा क्यों हो सकते हैं विकल्प
दरअसल, प्रभात झा का नाम बीजेपी के वैसे नेताओं में शुमार है, जो कड़े फैसले लेने में पीछे नहीं हटते. इसके साथ ही बेबाक टिप्पणी और स्पष्टवादिता की वजह से उन्हें ज्यादा जाना जाता है. ऐसे में झारखंड में जब राज्य पर नियंत्रण झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले महागठबंधन का है, तब राजभवन में केंद्र सरकार एक ऐसे विकल्प पर विचार कर रही है, जो जरूरत पड़ने पर कड़े फैसले ले सके. वह भी तब जब डोमिसाइल, सीएनटी और एसपीटी एक्ट, रोजगार जैसे मुद्दे प्रदेश में तेजी से उभर रहे हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार इनको लेकर नियम कानून बनाने का मन बना रही है. इन परिस्थितियों में राजभवन की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी. बीजेपी सूत्रों की मानें तो इन परिस्थितियों को हैंडल करने के लिए एक मजबूत चेहरे का राजभवन में होना जरूरी है.

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प्रभात झा की जन्मभूमि बिहार और कर्मभूमि मध्य प्रदेश
प्रभात झा मूलत बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर में इनका परिवार आकर बस गया. यहीं उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा भी हुई. इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत पत्रकार के रूप में की, फिर बीजेपी में शामिल हुए. इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश में बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे और राज्यसभा में सांसद भी बने. हालांकि, पिछले दिनों कथित तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने और उस प्रकरण को लेकर नाराज माने जा रहे थे. पार्टी सूत्रों की माने तो इसके डैमेज कंट्रोल के लिए भी सरकार यह कदम उठा सकती है.

मई 2020 में द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल समाप्त
झारखंड की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल 17 मई 2020 को समाप्त हो गया है. मुर्मू झारखंड में 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाली पहली महिला राज्यपाल हैं. इसके साथ ही पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक सहित कई विधेयकों को सरकार को वापस लौटा कर उन्होंने कड़ा मैसेज भी दिया. इतना ही नहीं खूंटी में हुई पत्थलगड़ी की समस्याओं के समाधान को लेकर मुर्मू ने वहां के परंपरागत ग्राम प्रधानों, मानकी मुंडा और अन्य प्रतियों को बुलाकर उनके साथ रायशुमारी भी की थी.

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