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झारखंड में आर्थिक संकट से जूझने लगे गरीब, ठेला-खोमचा दुकानदार सरकार से लगा रहे मदद की गुहार - Barbecue shopkeeper

झारखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन लगने से राज्य के गरीब और छोटे-छोटे दुकानदार आर्थिक संकट से जूझने लगे हैं. यही वजह है कि ठेला-खोमचा दुकानदार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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झारखंड में आर्थिक संकट से जूझने लगे गरीब
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Published : May 16, 2021, 11:10 PM IST

रांची: कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरा को देखते हुए राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई है. इसके साथ ही कई सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. लेकिन, लॉकडाउन लगने से राज्य के गरीब और छोटे-छोटे दुकानदार आर्थिक संकट से जूझने लगे हैं. यही वजह है कि ठेला-खोमचा दुकानदार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. खासकर दिहाड़ी मजदूर और दुकान सजा कर रोज कमाने वाले लोग काफी परेशान हो रहे हैं. इसकी वजह है कि लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही बंद है, जिससे सड़क किनारे दुकान लगाने वालों की बिक्री नहीं हो रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःराज्य सरकार पर भड़की मेयर आशा लकड़ा, ई-पास को बताया जनता से मजाक

गरीब परिवारों पर ध्यान दे सरकार

ठेला पर पानी बेचने वाले कमल महतो कहते हैं कि राज्य में संक्रमण बढ़ रहा है. इस स्थिति में लॉकडाउन जरूरी है. उन्होंने कहा कि उन जैसे रोज कमाने और खाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है. वे सरकार से आग्रह करते हैं कि गरीब परिवार को भोजन की व्यवस्था करें.

आर्थिक मदद की गुहार

कांटाटोली में ठेला पर अंडा बेचने वाले अंगद वर्मा कहते हैं कि वे आमदिनों में अंडा बेचकर कमाई कर लेते थे, लेकिन लॉकडाउन लगने की वजह से ठेला लगाने पर भी प्रतिबंध है. उन्होंने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि गरीब लोगों को आर्थिक मदद की जाए.

गरीबों के लिए हो वैकल्पिक व्यवस्था

समोसा बेचने वाले महावीर कहते हैं कि सड़कों पर लोगों की आवाजाही रहती थी, तो सामान बिक रहे थे. इससे रोजी-रोटी चल रही थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद उनकी रोज की कमाई बंद हो गई है. सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करें.

भोजन की व्यवस्ता करें सरकार

स्थिति यह है कि संक्रमण के खतरा को देखते हुए लॉकडाउन लगाय गया है, लेकिन ऐसे में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के सामने आर्थिक संकट आ गया है. ऐसे में जरूरी है कि ठेला-खोमचा दुकानदारों को राज्य सरकार भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

रांची: कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरा को देखते हुए राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई है. इसके साथ ही कई सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. लेकिन, लॉकडाउन लगने से राज्य के गरीब और छोटे-छोटे दुकानदार आर्थिक संकट से जूझने लगे हैं. यही वजह है कि ठेला-खोमचा दुकानदार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. खासकर दिहाड़ी मजदूर और दुकान सजा कर रोज कमाने वाले लोग काफी परेशान हो रहे हैं. इसकी वजह है कि लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही बंद है, जिससे सड़क किनारे दुकान लगाने वालों की बिक्री नहीं हो रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

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गरीब परिवारों पर ध्यान दे सरकार

ठेला पर पानी बेचने वाले कमल महतो कहते हैं कि राज्य में संक्रमण बढ़ रहा है. इस स्थिति में लॉकडाउन जरूरी है. उन्होंने कहा कि उन जैसे रोज कमाने और खाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है. वे सरकार से आग्रह करते हैं कि गरीब परिवार को भोजन की व्यवस्था करें.

आर्थिक मदद की गुहार

कांटाटोली में ठेला पर अंडा बेचने वाले अंगद वर्मा कहते हैं कि वे आमदिनों में अंडा बेचकर कमाई कर लेते थे, लेकिन लॉकडाउन लगने की वजह से ठेला लगाने पर भी प्रतिबंध है. उन्होंने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि गरीब लोगों को आर्थिक मदद की जाए.

गरीबों के लिए हो वैकल्पिक व्यवस्था

समोसा बेचने वाले महावीर कहते हैं कि सड़कों पर लोगों की आवाजाही रहती थी, तो सामान बिक रहे थे. इससे रोजी-रोटी चल रही थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद उनकी रोज की कमाई बंद हो गई है. सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करें.

भोजन की व्यवस्ता करें सरकार

स्थिति यह है कि संक्रमण के खतरा को देखते हुए लॉकडाउन लगाय गया है, लेकिन ऐसे में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के सामने आर्थिक संकट आ गया है. ऐसे में जरूरी है कि ठेला-खोमचा दुकानदारों को राज्य सरकार भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

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