रांची: झारखंड में 20 सूत्री गठन की कवायद शुरू होते ही बोर्ड-निगम (Board Corporation and Commission) के खाली पदों को भी भरे जाने की उम्मीदें जग गई है. लगभग एक दर्जन ऐसे आयोग और बोर्ड निगम हैं, जिनके मलाइदार पदों को पाने के लिए सत्तारूढ़ दलों में घमासान मचा हुआ है. इधर संवैधानिक इन संस्थाओं में पद खाली होने के कारण कामकाज पूरी तरह से प्रभावित है. लंबे समय से राज्य विधि आयोग जैसे कार्यालय में अध्यक्ष का मनोनयन नहीं होने से आयोग एकमात्र आदेशपाल के भरोसे चल रहा है. इस आयोग का देखरेख करने की जिम्मेदारी संभाल रहे मुन्ना कुमार की मानें तो आयोग में कामकाज ठप रहने से पैसे के अभाव है, जिसके कारण वो कर्जा लेकर परिवार चलाने को मजबूर हैं.
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आयोग की कुर्सी पर राजनीति हावी
भगवान भरोसे राज्य में चल रहे बोर्ड-निगम के खाली पड़े पदों को भरने के लिए सरकार के अंदर शुरू हुई सुगबुगाहट के बीच राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्षी दल बीजेपी ने सत्तारूढ़ दलों के अंदर समन्वय का अभाव बताते हुए सरकार पर संवैधानिक संस्था को जानबूझकर डिफंड करने का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कांग्रेस, जेएमएम और राजद के बीच मलाइदार कुर्सी पाने के लिए तकरार होने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है.
सत्ताधारी दल के नेताओं का बीजेपी पर हमला
वहीं सत्तारूढ़ दल जेएमएम ने बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा है कि कोरोना के कारण बोर्ड-निगम के खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया में देरी जरूर हुई है, लेकिन जल्द ही सबकुछ सामान्य हो जाएगा. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने बीजेपी को अपने गिरेबान में झांकने की सलाह देते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता कोविड के समय लोगों को बचाना था, ना कि आयोग या अन्य कार्य, अब परिस्थिति सामान्य हो रही है तो बोर्ड-निगम भी गठित हो जाएगा. इधर कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा है कि आखिर बीजेपी को पेट में दर्द क्यों हो रहा है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले 20 सूत्री गठित की जाएगी उसके बाद बोर्ड-निगम में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू होगी.
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टॉप 10 बोर्ड- निगम और आयोग पर सबकी नजर
- झारखंड आवास बोर्ड
- राज्य वित्त आयोग
- माडा
- आरआरडीए
- राज्य खादी बोर्ड अध्यक्ष
- राज्य सूचना आयोग
- लोकायुक्त
- राज्य निशक्तता आयुक्त
- महिला आयोग
- मानवाधिकार आयोग
- विद्युत नियामक आयोग
- समाज कल्याण बोर्ड
- लॉ कमीशन
- बाल संरक्षण आयोग
- राज्य के 22 जिलों में स्थित उपभोक्ता फोरम
- जेपीएससी में सदस्यों के पद
क्यों नहीं हो पा रही है नियुक्ति
बोर्ड-निगम और आयोग के खाली पदों पर मनोनयन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी कमिटी द्वारा किया जाता है. राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जेएमएम, कांग्रेस और राजद की सरकार है. बोर्ड-निगम और आयोग में खाली पदों को भरने के लिए तीनों दलों के बीच समन्वय का अभाव भी एक कारण रहा है. हालांकि इस गतिरोध को दूर करने के लिए पिछले दिनों दिल्ली में कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ इस पर मंत्रणा हुई है. तीनों दलों के बीच बोर्ड- निगम और आयोग के साथ-साथ 20 सूत्री का भी गठन करने को लेकर कहीं न कहीं पेंच अभी भी फंसा है. 20 सूत्री गठन के बाद बोर्ड-निगम पर राज्य सरकार कोई फैसला लेगी.