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Ranchi News: 2000 के नोट बंद करने के फैसले पर झामुमो और भाजपा आमने-सामने, आजसू ने बताया सही कदम

आरबीआई द्वारा 2000 रुपए के नोट के बंद करने के फैसले पर झारखंड में भी राजनीति शुरू हो गई है. झामुमो जहां इसे तुगलकी फैसला बता रही है, तो वहीं भाजपा और आजसू इस फेसले को सही करार दे रहे हैं.

Politics in Jharkhand
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Published : May 20, 2023, 5:19 PM IST

रांची: आरबीआई द्वारा 2000 के नोट को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा के बाद झारखंड में भी राजनीति गरमा गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरबीआई और केंद्र सरकार के इस फैसले को तुगलकी और परेशान करने वाला फैसला करार दिया है. वहीं भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार का एक और प्रयास बताया है. भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू ने भी इसे सही फैसला करार दिया है.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: 2000 रुपए के नोट को बंद करने के फैसले को रांची के लोगों ने बताया सही, कहा- काली कमाई रखने वालों को होगी परेशानी

केंद्र सरकार के विजन में कमी, आम लोगों की बढ़ेगी परेशानी-झामुमो: 2000 रुपए के नोट के प्रचलन रोकने और 23 मई से 30 सितंबर तक नोट को बैंक में जमा या एक्सचेंज करने के फैसले को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आम लोगों की परेशानी बढ़ाने वाला करार दिया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि 2016 में हुई नोटबंदी भी भाजपा का हिडन एजेंडा था, तब उत्तर प्रदेश चुनाव को प्रभावित करना था. झामुमो नेता ने कहा कि देश भर के हर जिले में काला धन से पार्टी ऑफिस बनाने वाली भाजपा के हर कारनामे का 2024 के बाद खुलासा होगा. झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा ने अपने काले धन को ठिकाने लगाने के बाद अब आम जन को परेशान करने के लिए यह फैसला लिया है.

भ्रष्टाचार पर चोट, विपक्ष का तिलमिलाना ठीक नहीं-भाजपा: 2000 रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर करने के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फैसले को सही बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष को तिलमिलाना नहीं चाहिए, क्योंकि यह भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर चोट है. आम जनता को इससे कोई परेशानी नहीं होने वाली है. प्रदीप सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2016 में जब नोटबंदी के बाद 2000 रुपए के नए नोट प्रचलन में लाए गए थे, उसके बाद से लगातार बाजार से ये नोट कम होते जा रहे थे. जो इस ओर इशारा कर रहे थे कि कहीं ना कहीं 2000 रुपए के नोट को भ्रष्टाचारियों द्वारा जमा किया जा रहा है. ऐसे में काला धन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए यह फैसला लिया गया है, जो सही है.

यह भी पढ़ें: दो हजार के नोट वापस लेगी RBI, 30 सितंबर तक बैंक को वापस करने होंगे

यह फैसला केंद्र सरकार की पॉलिसी का एक हिस्सा है-आजसू: वहीं इस मुद्दे पर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि यह केंद्र सरकार की पॉलिसी का एक हिस्सा है, जिसके तहत 2000 रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर किया गया है, क्योंकि जिस तरह से 2000 रुपए के नोट बाजार से गायब हो रहे थे, वैसे में आरबीआई को मुद्रा की जमाबंदी को लेकर कुछ शंका थी, जिसकी वजह से 2000 रुपए के नोट को चलन से बाहर किया गया है. सुदेश महतो ने कहा कि 2000 रुपए के नोट को बदलने या बैंक में जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया है. किसी को कोई परेशानी नहीं होगी.

रांची: आरबीआई द्वारा 2000 के नोट को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा के बाद झारखंड में भी राजनीति गरमा गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरबीआई और केंद्र सरकार के इस फैसले को तुगलकी और परेशान करने वाला फैसला करार दिया है. वहीं भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार का एक और प्रयास बताया है. भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू ने भी इसे सही फैसला करार दिया है.

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केंद्र सरकार के विजन में कमी, आम लोगों की बढ़ेगी परेशानी-झामुमो: 2000 रुपए के नोट के प्रचलन रोकने और 23 मई से 30 सितंबर तक नोट को बैंक में जमा या एक्सचेंज करने के फैसले को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आम लोगों की परेशानी बढ़ाने वाला करार दिया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि 2016 में हुई नोटबंदी भी भाजपा का हिडन एजेंडा था, तब उत्तर प्रदेश चुनाव को प्रभावित करना था. झामुमो नेता ने कहा कि देश भर के हर जिले में काला धन से पार्टी ऑफिस बनाने वाली भाजपा के हर कारनामे का 2024 के बाद खुलासा होगा. झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा ने अपने काले धन को ठिकाने लगाने के बाद अब आम जन को परेशान करने के लिए यह फैसला लिया है.

भ्रष्टाचार पर चोट, विपक्ष का तिलमिलाना ठीक नहीं-भाजपा: 2000 रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर करने के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फैसले को सही बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष को तिलमिलाना नहीं चाहिए, क्योंकि यह भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर चोट है. आम जनता को इससे कोई परेशानी नहीं होने वाली है. प्रदीप सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2016 में जब नोटबंदी के बाद 2000 रुपए के नए नोट प्रचलन में लाए गए थे, उसके बाद से लगातार बाजार से ये नोट कम होते जा रहे थे. जो इस ओर इशारा कर रहे थे कि कहीं ना कहीं 2000 रुपए के नोट को भ्रष्टाचारियों द्वारा जमा किया जा रहा है. ऐसे में काला धन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए यह फैसला लिया गया है, जो सही है.

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यह फैसला केंद्र सरकार की पॉलिसी का एक हिस्सा है-आजसू: वहीं इस मुद्दे पर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि यह केंद्र सरकार की पॉलिसी का एक हिस्सा है, जिसके तहत 2000 रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर किया गया है, क्योंकि जिस तरह से 2000 रुपए के नोट बाजार से गायब हो रहे थे, वैसे में आरबीआई को मुद्रा की जमाबंदी को लेकर कुछ शंका थी, जिसकी वजह से 2000 रुपए के नोट को चलन से बाहर किया गया है. सुदेश महतो ने कहा कि 2000 रुपए के नोट को बदलने या बैंक में जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया है. किसी को कोई परेशानी नहीं होगी.

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