रांची: झारखंड में पिछले साल एक दिसंबर को शुरू हुई धान खरीदी के बाद अब तक 95,730 किसानों ने पैक्स के माध्यम से धान बेचा है. सरकारी प्रावधान के अनुरूप इन किसानों को अब तक 50 फीसदी राशि भी नहीं मिली है. ऐसे में बीजेपी ने जहां धरना के माध्यम से राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि कोरोना संकट के बीच भाजपा राजनीति पर उतर आई है.
बकाया राशि के लिए लैम्प्स का चक्कर लगा रहे किसान
आंकड़ों के मुताबिक लैम्प्स के माध्यम से 57,33,102 क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है. इसके एवज में सरकार ने अभी कई किसानों को पैसे नहीं दिए हैं. इस वर्ष केंद्र सरकार की तरफ से तय एमएसपी के अलावा राज्य सरकार प्रति क्विंटल 182 रुपए का बोनस भी दे रही है. इस तरह से किसानों से 2,050 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई है. प्रावधान के अनुसार धान खरीद के तीन दिनों के अंदर किसानों के खाते में 50% राशि और बाकी 50% राशि का भुगतान धान उठाव के बाद हो जाना चाहिए. लेकिन ज्यादातर किसान बकाया राशि के लिए लैम्प्स का चक्कर लगा रहे हैं.
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आमने-सामने सत्ता पक्ष और विपक्ष
किसानों से धान खरीद के बाद भुगतान को लेकर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों में धरना देकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने किसानों की बकाया राशि का भुगतान करने कीमांग की. भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को ऑनलाइन ज्ञापन भेजकर किसानों की समस्या से अवगत कराया और इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की.
'कोरोना काल में राजनीति चमका रही भाजपा'
भाजपा के धरने पर झारखंड पीसीसी अध्यक्ष और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि किसानों को हुई भुगतान में देरी के लिए फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया(एफसीआई) दोषी है. एफसीआई के पास राज्य सरकार का 142 करोड़ रुपए बकाया है. इसका जल्द भुगतान किया जाना चाहिए. राज्य सरकार किसानों से धान लेकर चावल मिल को देती है और फिर इस चावल को एफसीआई को पहुंचाया जाता है. इसके एवज में एफसीआई की ओर से राज्य सरकार को भुगतान किया जाता है. कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भाजपा नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार किसानों के साथ है और उनको पैसे भी दिये जा रहे हैं. लेकिन कोरोना काल में भाजपा नेता राजनीति चमकाने में लगे हैं. यह कहीं से भी उचित नहीं है.
भाजपा का वर्चुअल धरना हास्यास्पद
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि भाजपा का वर्चुअल धरना हास्यास्पद है. सारे भाजपा नेता एसी कमरे में बैठकर धरना दे रहे थे. केंद्र सरकार ने ही किसान विरोधी बिल पास कराया और किसानों के आंदोलन पर कुछ नहीं बोले. किसान विरोध कानून बनाने वाले किसानों की बात करें, यह तो हास्यास्पद है. राज्य सरकार किसानों के हित में सोच रही है. किसानों का लोन माफ किया गया है. किसानों की भलाई के लिए उठाए जा रहे अच्छे कदम से भाजपा बौखला गई है. राजद प्रदेश प्रवक्ता मनोज कुमार ने भाजपा के धरने को नौटंकी बताया और कहा कि अभी राजनीति करने की बजाय मदद करने का समय है.