रांचीः मध्य प्रदेश में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री से लेकर पार्टी के सांसद और कई बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दूसरी सूची जारी होने के बाद इस पर झारखंड सहित देशभर में सियासत तेज हो गयी है. गैर भाजपा दल बीजेपी के इस फैसले की जमकर आलोचना करने में जुटे हैं, वहीं बीजेपी इस पर सफाई दे रही है.
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भाजपा विरोधी दलों का कहना है कि इन नेताओं को प्रमोशन के बजाय बीजेपी ने डिमोशन कर दिया है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्री, चार सांसदों और एक राष्ट्रीय महासचिव को चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया है. जिन केंद्रीय मंत्री को चुनाव मैदान में उतारा गया है, उसमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक, उदय प्रताप सिंह और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नाम शामिल हैं.
बीजेपी में सभी नेता एक समान, कोई बड़ा-छोटा नहीं- प्रतुल शाहदेवः बीजेपी विरोधी दलों का हमला झेल रही बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि वही इस तरह का बात करते हैं जो वंशवाद और राजशाही में विश्वास करते हैं. भाजपा में कोई बड़ा छोटा नहीं होता सभी कार्यकर्ता के रुप में काम करते हैं. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जो कांग्रेस झामुमो इस फैसले की आलोचना कर रही है, वह खुद वंशवाद में विश्वास करती है, उसे बोलने का कोई अधिकार नहीं है. हमारे यहां सभी एक समान हैं जिसको पार्टी जो जिम्मेदारी देती है वह उसे समर्पित भाव से करने के लिए तत्पर हो जाता है. हमारे यहां राष्ट्रवादी पार्टी का कार्यकर्ता होना ही गर्व की बात है चाहे वो केंद्रीय नेता हों या एक मंडल के कार्यकर्ता. प्रमोशन-डिमोशन कांग्रेस झामुमो में शायद होता होगा जो वंशवाद और राजशाही व्यवस्था को मानती है हमारे यहां सभी एक समान होते हैं.