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सम्मेद शिखरजी विवाद पर झारखंड में सियासत, हेमंत सरकार से केंद्र को प्रस्ताव भेजने की मांग

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Published : Jan 4, 2023, 9:22 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 9:34 PM IST

सम्मेद शिखरजी विवाद तूल पकड़ता जा रहा है (Sammed Shikharji controversy). अब इस विवाद को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. जहां एक ओर झारखंड के सत्ताधारी पार्टी के नेता केंद्र की भाजपा पर आरोप लगा रही है. वहीं आरोप-प्रत्यारोप के बीच कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों ने हेमंत सरकार से मामले में अपने स्तर पर फैसला लेकर केंद्र को प्रस्ताव भेजने की मांग की है.

Sammed Shikharji controversy
सम्मेद शिखरजी विवाद पर झारखंड में सियासत
सम्मेद शिखरजी विवाद पर झारखंड में नेताओं के बयान

रांची: गिरिडीह के पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध (Sammed Shikharji controversy) में जहां देशभर में जैन धर्मावलंबी धरना प्रदर्शन से लेकर मौन जुलूस तक निकाल रहे हैं और आमरण अनशन के दौरान एक जैन मुनि का निधन भी हो गया है, ऐसे में झारखंड की प्रमुख राजनीतिक दलों ने आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ हेमंत सोरेन की सरकार से यह मांग की है कि झारखंड सरकार जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए, अपने स्तर पर फैसला लेकर भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे.

ये भी पढ़ें: सम्मेद शिखरजी विवाद पर सीएम हेमंत सोरेन का बयान


झारखंड के सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झारखंड इकाई के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य में रघुवर दास के शासनकाल में लिए गए फैसले की वजह से आज पूरा जैन समाज आंदोलन करने पर मजबूर है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी लगातार अल्पसंख्यकों के खिलाफ काम करते रही है, चाहे वह अल्पसंख्यक मुस्लिम हो, बौद्ध हो, सिख हो, इसाई हो, या फिर जैन ही क्यों न हो.


कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने आंदोलित जैन समुदाय के लोगों को यह भरोसा दिलाया है कि वह उनके साथ धार्मिक तौर पर अन्याय नहीं होने देंगे. सुप्रियो भट्टाचार्य और राकेश सिन्हा ने कहा कि जब भारत सरकार की ओर से गजट प्रकाशित कर दिया जाता है, तब उसमें बदलाव के लिए कुछ तकनीकी बाध्यता और जरूरतों का भी ख्याल रखा जाता है. ऐसे में हेमंत सरकार पूरी तरह गंभीर है कि वह कैसे जैन धर्मावलंबियों के धार्मिक स्थल पारसनाथ को लेकर उनके इच्छा के अनुसार आगे बढ़ सकती है.

भाजपा विधायक सीपी सिंह ने क्या कहा: जैन धर्म को मानने वाले लोगों की धार्मिक भावनाएं सुरक्षित रहे, इसके लिए हेमंत सोरेन से पहल करने की मांग करते हुए पूर्व मंत्री, पूर्व स्पीकर और भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि गलती चाहे किसी के समय में हुई हो, उसे दूर करने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है. ऐसे में राज्य की सरकार अपने स्तर से प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजे. उन्होंने कहा कि अब भारत सरकार भी पूरे मामले से वाकिफ हो गयी है. ऐसे में वह भी प्रस्ताव मिलने के बाद धर्मालंबियों के मांग के अनुरूप फैसला लेगी.


क्या है जैन धर्मावलंबियों की मांग: सम्मेद शिखरजी को इको टूरिज्म का क्षेत्र नहीं बल्कि इको तीर्थ स्थल बनाने की मांग सरकार से की गई है. सरकार पूरी परिक्रमा के क्षेत्र और इसके 5 किलोमीटर के दायरे के क्षेत्र को पवित्र स्थल घोषित करें, ताकि इसकी पवित्रता बनी रहे, क्योंकि जैन समाज के लोगों को आशंका है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद यहां बाहर से बड़ी संख्या में अन्य धर्मावलंबी भी पहुंचेंगे और यहां मांस मदिरा बिकने लगेगा, जिससे उनकी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचेगी.

सम्मेद शिखरजी विवाद पर झारखंड में नेताओं के बयान

रांची: गिरिडीह के पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध (Sammed Shikharji controversy) में जहां देशभर में जैन धर्मावलंबी धरना प्रदर्शन से लेकर मौन जुलूस तक निकाल रहे हैं और आमरण अनशन के दौरान एक जैन मुनि का निधन भी हो गया है, ऐसे में झारखंड की प्रमुख राजनीतिक दलों ने आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ हेमंत सोरेन की सरकार से यह मांग की है कि झारखंड सरकार जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए, अपने स्तर पर फैसला लेकर भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे.

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झारखंड के सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झारखंड इकाई के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य में रघुवर दास के शासनकाल में लिए गए फैसले की वजह से आज पूरा जैन समाज आंदोलन करने पर मजबूर है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी लगातार अल्पसंख्यकों के खिलाफ काम करते रही है, चाहे वह अल्पसंख्यक मुस्लिम हो, बौद्ध हो, सिख हो, इसाई हो, या फिर जैन ही क्यों न हो.


कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने आंदोलित जैन समुदाय के लोगों को यह भरोसा दिलाया है कि वह उनके साथ धार्मिक तौर पर अन्याय नहीं होने देंगे. सुप्रियो भट्टाचार्य और राकेश सिन्हा ने कहा कि जब भारत सरकार की ओर से गजट प्रकाशित कर दिया जाता है, तब उसमें बदलाव के लिए कुछ तकनीकी बाध्यता और जरूरतों का भी ख्याल रखा जाता है. ऐसे में हेमंत सरकार पूरी तरह गंभीर है कि वह कैसे जैन धर्मावलंबियों के धार्मिक स्थल पारसनाथ को लेकर उनके इच्छा के अनुसार आगे बढ़ सकती है.

भाजपा विधायक सीपी सिंह ने क्या कहा: जैन धर्म को मानने वाले लोगों की धार्मिक भावनाएं सुरक्षित रहे, इसके लिए हेमंत सोरेन से पहल करने की मांग करते हुए पूर्व मंत्री, पूर्व स्पीकर और भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि गलती चाहे किसी के समय में हुई हो, उसे दूर करने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है. ऐसे में राज्य की सरकार अपने स्तर से प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजे. उन्होंने कहा कि अब भारत सरकार भी पूरे मामले से वाकिफ हो गयी है. ऐसे में वह भी प्रस्ताव मिलने के बाद धर्मालंबियों के मांग के अनुरूप फैसला लेगी.


क्या है जैन धर्मावलंबियों की मांग: सम्मेद शिखरजी को इको टूरिज्म का क्षेत्र नहीं बल्कि इको तीर्थ स्थल बनाने की मांग सरकार से की गई है. सरकार पूरी परिक्रमा के क्षेत्र और इसके 5 किलोमीटर के दायरे के क्षेत्र को पवित्र स्थल घोषित करें, ताकि इसकी पवित्रता बनी रहे, क्योंकि जैन समाज के लोगों को आशंका है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद यहां बाहर से बड़ी संख्या में अन्य धर्मावलंबी भी पहुंचेंगे और यहां मांस मदिरा बिकने लगेगा, जिससे उनकी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचेगी.

Last Updated : Jan 4, 2023, 9:34 PM IST
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